दुर्गा देवी कवच (Durga Devi Kavach) - Summary
दुर्गा देवी कवच (Durga Devi Kavach) एक अद्भुत ग्रंथ है जो मार्कंडेय पुराण के विशेष श्लोकों का संग्रह है। यह दुर्गा सप्तशी का महत्वपूर्ण हिस्सा भी है। नवरात्र के दिनों में, भक्त अपनी और अपने परिवार की विभिन्न बाधाओं से रक्षा के लिए इस पाठ को श्रद्धा से करते हैं। माँ दुर्गा ऐसे भक्तों की परिवार सहित रक्षा करती हैं और उनका मंगल करती हैं।
दुर्गा देवी कवच का महत्व
श्री दुर्गा सभी दिव्य शक्तियों का एक एकीकृत प्रतीक हैं। जब महिषासुर ने मनुष्यों और देवताओं के अस्तित्व को संकट में डाला था, तब देवी दुर्गा की उत्पत्ति हुई। अनादि काल से देवी को सर्वोच्च शक्ति के रूप में पूजा जाता है और इसे कई धार्मिक ग्रंथों में संदर्भित किया गया है, जैसे कि वाजसनेयी संहिता, यजुर वेद, और तैत्तरीय ब्राह्मण।
अथः देव्याः कवचं – दुर्गा देवी कवच (Durga Devi Kavach Hindi)
देवी कवच में हमारे शरीर के सभी अंगों की सुरक्षा का उल्लेख किया गया है। इसे नियमित रूप से पढ़ते रहना चाहिए और भगवती से यह प्रार्थना करनी चाहिए कि हम हमेशा निरोग रहें:
ॐ नमश्चण्डिकायै।
॥मार्कण्डेय उवाच॥
ॐ यद्गुह्यं परमं लोके सर्वरक्षाकरं नृणाम्।
यन्न कस्य चिदाख्यातं तन्मे ब्रूहि पितामह॥1॥
अर्थ :-मार्कण्डेय जी ने कहा, “हे पितामह! जो इस संसार में सर्वोच्च गोपनीय और मनुष्यों की सभी प्रकार की रक्षा करने वाला है और जो आपने अन्य किसी के सामने प्रकट नहीं किया है, ऐसा कोई साधन मुझे बताइये।”
॥ब्रह्मोवाच॥
अस्ति गुह्यतमं विप्र सर्वभूतोपकारकम्।
देव्यास्तु कवचं पुण्यं तच्छृणुष्व महामुने॥2॥
अर्थ :-ब्रह्मन्! ऐसा साधन केवल देवी का कवच है, जो अत्यंत गोपनीय, पवित्र एवं सम्पूर्ण प्राणियों का उपकार करने वाला है। हे महामुने! आप इसका श्रवण करें।
प्रथमं शैलपुत्री च द्वितीयं ब्रह्मचारिणी।
तृतीयं चन्द्रघण्टेति कूष्माण्डेति चतुर्थकम्॥3॥
अर्थ :-प्रथम नाम शैलपुत्री है, दूसरी मूर्तिका नाम ब्रह्मचारिणी है। तीसरा स्वरूप चन्द्रघण्टा के नाम से प्रसिद्ध है और चौथी मूर्ति को कूष्माण्डा कहा जाता है।
पंचमं स्कन्दमातेति षष्ठं कात्यायनीति च।
सप्तमं कालरात्रीति महागौरीति चाष्टमम्॥4॥
अर्थ :-पाँचवीं दुर्गा का नाम स्कन्दमाता है। देवी के छठे रूप को कात्यायनी कहते हैं। सातवाँ कालरात्रि और आठवाँ रूप महागौरी के नाम से प्रसिद्ध है।
नवमं सिद्धिदात्री च नवदुर्गाः प्रकीर्तिताः।
उक्तान्येतानि नामानि ब्रह्मणैव महात्मना॥5॥
अर्थ :- नवीं दुर्गा का नाम सिद्धिदात्री है। ये सभी नाम सर्वज्ञ महात्मा वेदभगवान् के द्वारा प्रमाणित हुए हैं।
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माँ दुर्गा का कवच अद्भुत कल्याणकारी है। दुर्गा कवच मार्कंडेय पुराण से ली गई विशेष श्लोकों का एक संग्रह है और दुर्गा सप्तशी का हिस्सा है। नवरात्र के दौरान दुर्गा कवच का जाप देवी दुर्गा के भक्तों द्वारा बेहद शुभ माना जाता है।
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