Valmiki Ramayana Original Book - Summary
वाल्मीकि रामायण एक महान संस्कृत महाकाव्य है, जिसे आदिकवि महर्षि वाल्मीकि ने रचा था। यह ग्रंथ भगवान श्रीराम के जीवन, आदर्शों, त्याग, और धर्म की कथा का विस्तृत वर्णन करता है। इसमें सात कांड हैं — बालकांड, अयोध्याकांड, अरण्यकांड, किष्किंधाकांड, सुंदरकांड, युद्धकांड और उत्तरकांड। वाल्मीकि रामायण केवल एक धार्मिक ग्रंथ नहीं है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति, आदर्श जीवन और मानव मूल्यों का अनमोल मार्गदर्शक भी है।
यह महाकाव्य संस्कृत साहित्य का प्रथम काव्य माना जाता है, इसलिए वाल्मीकि को ‘आदिकवि’ कहा जाता है। इसमें न केवल श्रीराम के जीवन की घटनाओं का वर्णन है, बल्कि आदर्श राजा, पुत्र, पति और भाई के रूप में उनके चरित्र की गहराई से व्याख्या की गई है। वाल्मीकि रामायण ने भारतीय समाज, संस्कृति और धर्म पर गहरा प्रभाव डाला है और आज भी यह सत्य, करुणा और धर्म के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देती है।
| विशेषता | विवरण |
|---|---|
| लेखक | महर्षि वाल्मीकि |
| भाषा | संस्कृत |
| विषय | भगवान राम का जीवन, उनकी संघर्ष यात्रा, आदर्श और धर्म का पालन |
| संरचना | 24,000 श्लोक, 7 काण्ड (बालकाण्ड, अयोध्याकाण्ड, अरण्यकाण्ड, किष्किन्धाकाण्ड, सुंदरकाण्ड, युद्धकाण्ड, उत्तरकाण्ड) |
| प्रकाशन काल | अज्ञात (प्राचीन भारत के वैदिक काल में रचित) |
| प्रमुख पात्र | भगवान राम, सीता, लक्ष्मण, हनुमान, रावण, भरत, शत्रुघ्न |
| लक्ष्य पाठक | सभी आयु वर्ग, विशेष रूप से वे लोग जो धार्मिक, नैतिक और आध्यात्मिक शिक्षा प्राप्त करना चाहते हैं |
| उद्देश्य | धर्म, मर्यादा और आदर्शों का प्रचार करना; भगवान राम के जीवन के माध्यम से नैतिक और धार्मिक शिक्षाओं को प्रकट करना |
संपूर्ण श्रीमद्वाल्मीकीय रामायण
- बालकाण्ड – (13.5 MB)
- अयोध्याकाण्ड पूर्वार्ध– (13.1 MB)
- अयोध्याकाण्ड उतरार्ध (13.1 MB)
- अरण्यकाण्ड – (47 MB)
- किष्किन्धाकाण्ड – (13.3 MB)
- सुन्दरकाण्ड – (22 MB)
- युद्धकाण्ड – पूर्वार्ध– (17.3 MB)
- युद्धकाण्ड उतरार्ध – (21.3 MB)
- उत्तरकाण्ड – पूर्वार्ध (12.9 MB)
- उत्तरकाण्ड – उतरार्ध- (9.1 MB)