Valmiki Ramayana Original Book - Summary
वाल्मीकि रामायण भारत का सबसे प्राचीन और महान महाकाव्य है, जिसे आदिकवि महर्षि वाल्मीकि ने रचा। यह संस्कृत भाषा में लिखा गया है और इसमें लगभग 24,000 श्लोक हैं। यह ग्रंथ भगवान श्रीराम के जीवन, आदर्शों, संघर्षों और धर्मपालन की कथा बताता है। वाल्मीकि रामायण केवल एक कथा नहीं, बल्कि मानव जीवन के आदर्शों, कर्तव्यों और नैतिक मूल्यों की शिक्षाएँ देती है।
वाल्मीकि रामायण केवल भगवान राम की कथा नहीं है, बल्कि यह सत्य, धर्म, त्याग, प्रेम, कर्तव्य और आदर्श जीवन की शिक्षा देती है। इसमें जीवन के हर क्षेत्र में आदर्श आचरण का मार्ग बताया गया है, जिससे यह ग्रंथ आज भी प्रासंगिक है।
विशेषता | विवरण |
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लेखक | महर्षि वाल्मीकि |
भाषा | संस्कृत |
विषय | भगवान राम का जीवन, उनकी संघर्ष यात्रा, आदर्श और धर्म का पालन |
संरचना | 24,000 श्लोक, 7 काण्ड (बालकाण्ड, अयोध्याकाण्ड, अरण्यकाण्ड, किष्किन्धाकाण्ड, सुंदरकाण्ड, युद्धकाण्ड, उत्तरकाण्ड) |
प्रकाशन काल | अज्ञात (प्राचीन भारत के वैदिक काल में रचित) |
प्रमुख पात्र | भगवान राम, सीता, लक्ष्मण, हनुमान, रावण, भरत, शत्रुघ्न |
लक्ष्य पाठक | सभी आयु वर्ग, विशेष रूप से वे लोग जो धार्मिक, नैतिक और आध्यात्मिक शिक्षा प्राप्त करना चाहते हैं |
उद्देश्य | धर्म, मर्यादा और आदर्शों का प्रचार करना; भगवान राम के जीवन के माध्यम से नैतिक और धार्मिक शिक्षाओं को प्रकट करना |
संपूर्ण श्रीमद्वाल्मीकीय रामायण
- बालकाण्ड – (13.5 MB)
- अयोध्याकाण्ड पूर्वार्ध– (13.1 MB)
- अयोध्याकाण्ड उतरार्ध (13.1 MB)
- अरण्यकाण्ड – (47 MB)
- किष्किन्धाकाण्ड – (13.3 MB)
- सुन्दरकाण्ड – (22 MB)
- युद्धकाण्ड – पूर्वार्ध– (17.3 MB)
- युद्धकाण्ड उतरार्ध – (21.3 MB)
- उत्तरकाण्ड – पूर्वार्ध (12.9 MB)
- उत्तरकाण्ड – उतरार्ध- (9.1 MB)