Surya Aarti - Summary
सूर्य आरती शुरू करते हुए, यह जान लें कि इस आरती को करने से आपके जीवन में सकारात्मक ऊर्जा आती है। भारत में हर साल कई त्योहारों पर सूर्यदेव की भक्ति के तौर पर यह आरती की जाती है। छठ पूजा और मकर संक्रांति जैसे पर्व सूर्यदेव के प्रति सम्मान और भक्ति दिखाते हैं। श्री सूर्य आरती का पाठ करने से आत्मविश्वास बढ़ता है और जीवन में खुशहाली आती है। अगर आपको आत्मविश्वास की जरूरत है या आप सार्वजनिक बोलने में संकोच करते हैं, तो ये आरती आपके लिए खास तौर पर फायदेमंद है।
श्री सूर्य आरती का आध्यात्मिक महत्व और लाभ
सूर्य आरती का नियमित पाठ करने से ना सिर्फ आपकी इज्जत बढ़ती है, बल्कि धन और कीर्ति भी मिलती है। यह आरती आपके जीवन से अंधेरा हटाकर उजाले की तरफ ले जाती है। शांत मन से सूर्यदेव को समर्पित ये भक्ति, सभी तरह की रुकावटें दूर करती है। ये आरती आपको मानसिक शांति और अंदर से ताकत देती है, जिससे आपके जीवन में नई ऊर्जा आती है।
सूर्यदेव आरती लिरिक्स हिंदी और पाठ
॥ आरती श्री सूर्य जी ॥
जय कश्यप-नन्दन, ॐ जय अदिति नन्दन।
त्रिभुवन – तिमिर – निकन्दन, भक्त-हृदय-चन्दन॥
जय कश्यप-नन्दन, ॐ जय अदिति नन्दन।
सप्त-अश्वथ राजित, एक चक्रधारी।
दुःखहारी, सुखकारी, मानस-मल-हारी॥
जय कश्यप-नन्दन, ॐ जय अदिति नन्दन।
सुर – मुनि – भू – सुर – वन्दित, विमल विभवशाली।
अघ-दल-दलन दिवाकर, दिव्य किरण माली॥
जय कश्यप-नन्दन, ॐ जय अदिति नन्दन।
सकल – सुकर्म – प्रसविता, सविता शुभकारी।
विश्व-विलोचन मोचन, भव-बन्धन भारी॥
जय कश्यप-नन्दन, ॐ जय अदिति नन्दन।
कमल-समूह विकासक, नाशक त्रय तापा।
सेवत साहज हरतति मनसिज-संतापा॥
जय कश्यप-नन्दन, ॐ जय अदिति नन्दन।
नेत्र-व्याधि हर सुरवर, भू-पीड़ा-हारी।
वृष्टि विमोचन संतत, परहित व्रतधारी॥
जय कश्यप-नन्दन, ॐ जय अदिति नन्दन।
सूर्यदेव करुणाकर, अब करुणा कीजै।
हर अज्ञान-मोह सब, तत्वज्ञान दीजै॥
जय कश्यप-नन्दन, ॐ जय अदिति नन्दन।
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