Surya Aarti Hindi PDF

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Surya Aarti - Summary

सूर्य आरती के अनगिनत लाभ होते हैं, और भारत में हर साल ऐसे कई उत्सव मनाए जाते हैं जो सूर्यदेव की महिमा को दर्शाते हैं। छठ पूजा और मकर संक्रांति जैसे त्योहार पूरी श्रद्धा के साथ सूर्यदेव की पूजा करने के लिए जाने जाते हैं। सूर्यदेव की आराधना करने से व्यक्ति के जीवन में मान-सम्मान और भौतिक सुखों की वृद्धि होती है। जिन लोगों में आत्मविश्वास की कमी हो या जो दूसरों के सामने बोलने में संकोच महसूस करते हैं, उन्हें सूर्यदेव की पूजा अवश्य करनी चाहिए। 🌞

सूर्य आरती के महत्व

श्री सूर्य आरती को एक शांत मन के साथ, अपने आपको सूर्यदेव (surya dev) के चरणों में समर्पित करते हुए पढ़ने से व्यक्ति के धन, धान्य और कीर्ति में निश्चित रूप से बढ़ोतरी होती है। साथ ही, यह आरती उनके सभी कष्टों को दूर करने में मदद करती है। इसलिए इस पोस्ट को ज्यादा से ज्यादा शेयर करें और दूसरों को भी लाभ उठाने का अवसर प्रदान करें।

Surya Dev Aarti Lyrics (सूर्यदेव आरती लिरिक्स हिंदी)

॥ आरती श्री सूर्य जी ॥

जय कश्यप-नन्दन,ॐ जय अदिति नन्दन।

त्रिभुवन – तिमिर – निकन्दन,भक्त-हृदय-चन्दन॥

जय कश्यप-नन्दन, ॐ जय अदिति नन्दन।

सप्त-Aश्वरथ राजित,एक चक्रधारी।

दु:खहारी, सुखकारी,मानस-मल-हारी॥

जय कश्यप-नन्दन, ॐ जय अदिति नन्दन।

सुर – मुनि – भू – सुर – वन्दित,विमल विभवशाली।

अघ-दल-दलन दिवाकर,दिव्य किरण माली॥

जय कश्यप-नन्दन, ॐ जय अदिति नन्दन।

सकल – सुकर्म – प्रसविता,सविता शुभकारी।

विश्व-विलोचन मोचन,भव-बन्धन भारी॥

जय कश्यप-नन्दन, ॐ जय अदिति नन्दन।

कमल-समूह विकासक,नाशक त्रय तापा।

सेवत साहज हरतअति मनसिज-संतापा॥

जय कश्यप-नन्दन, ॐ जय अदिति नन्दन।

नेत्र-व्याधि हर सुरवर,भू-पीड़ा-हारी।

वृष्टि विमोचन संतत,परहित व्रतधारी॥

जय कश्यप-नन्दन, ॐ जय अदिति नन्दन।

सूर्यदेव करुणाकर,अब करुणा कीजै।

हर अज्ञान-मोह सब,तत्त्वज्ञान दीजै॥

जय कश्यप-नन्दन, ॐ जय अदिति नन्दन।

आप इस PDF को download करके सूर्य आरती के बारे में और जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

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