Shiv Parvati Vivah Katha Hindi

❴SHARE THIS PDF❵ FacebookX (Twitter)Whatsapp
REPORT THIS PDF ⚐

Shiv Parvati Vivah Katha Hindi

भगवान शिव के विवाह के बारे में पुराणों में वर्णन मिलता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान शिव ने सबसे पहले सती से विवाह किया था। भगवान शिव का यह विवाह बड़ी जटिल परिस्थितियों में हुआ था।  सती के पिता दक्ष भगवान शिव से अपने पुत्री का विवाह नहीं करना चाहते थे लेकिन ब्रह्मा जी के कहने पर यह विवाह सम्पन्न हो गया।

शिव-पार्वती के विवाह में स्‍वयं भगवान विष्णु ने पार्वती के भाई की रीतियां निभाईं। जबकि ब्रह्माजी उस विवाह में पुरोहित बने थे। उस समय तमाम देवी-देवताओं, संत-मुनियों व शिवगणों, दैत्‍य-दानवों-भूतों सभी ने समारोह में भाग लिया था। शिव-पार्वती विवाह से पहले देवताओं ने वहां पवित्र जगह स्नान भी किया था, तब वहां 3 कुंड बने, जिन्हें रुद्र कुंड, विष्णु कुंड और ब्रह्मा कुंड कहा गया। इन तीनों कुंड में जल सरस्वती कुंड से आता है।

Shiv Parvati Vivah Katha – शिव पार्वती की विवाह कथा

भगवान शिव के विवाह के बारे में पुराणों में वर्णन मिलता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान शिव ने सबसे पहले सती से विवाह किया था। भगवान शिव का यह विवाह बड़ी जटिल परिस्थितियों में हुआ था। सती के पिता दक्ष भगवान शिव से अपने पुत्री का विवाह नहीं करना चाहते थे लेकिन ब्रह्मा जी के कहने पर यह विवाह सम्पन्न हो गया।

एक दिन राजा दक्ष ने भगवान शिव का अपमान कर दिया जिससे नाराज होकर माता सती ने यज्ञ में कूदकर आत्मदाह कर ली। इस घटना के बाद भगवान शिव तपस्या में लीन हो गए। उधर माता सती ने हिमवान के यहां पार्वती के रूप में जन्म लिया। तारकासुर नाम के एक असुर का उस समय आतंक था। देवतागण उससे भयभीत थे।

तारकासुर को वरदान प्राप्त था कि उसका वध सिर्फ भगवान शिव की संतान ही कर सकती है। उस समय भी भगवान शिव अपनी तपस्या में लीन थे। तब सभी देवताओं ने मिलकर शिव और पार्वती के विवाह की योजना बनाई। भगवान शिव की तपस्या को भंग करने के लिए कामदेव को भेजा गया लेकिन वह भस्म हो गए। देवताओं की विनती पर शिव जी पार्वती जी से विवाह करने के लिए राजी हुए। विवाह की बात तय होने के बाद भगवान शिव की बारात की तैयार हुई।

इस बारात में देवता, दानव, गण, जानवर सभी लोग शामिल हुए। भगवान शिव की बारात में भूत पिशाच भी पहुंचे। ऐसी बारात को देखकर पार्वती जी की मां बहुत डर गईं और कहा कि वे ऐसे वर को अपनी पुत्री को नहीं सौंप सकती हैं। तब देवताओं ने भगवान शिव को परंपरा के अनुसार तैयार किया, सुंदर तरीके से श्रृंगार किया इसके बाद दोनों का विवाह सम्पन्न हुआ।

श्री शिव -स्तुति शिव विवाह की अमर कथा

सत् सृष्टि ताण्डव रचयिता, नटराज राज नमो नमः ।

हे आद्यगुरु शंकर पिता, नटराज राज नमो नमः ॥

गम्भीर नाद मृदूंगना, धधके उर ब्रह्मण्डमां ।

नित होत नाद प्रचण्डना, नटराज राज नमो नमः ॥

शिर ज्ञान-गंगा चन्द्रमा, चिद ब्रह्म ज्योति ललाटमां ॥

विष नाग माला कण्ठमां, नटराज राज नमो नमः ॥

तव शक्ति वामांगे स्थिता, हे चन्द्रिका अपराधिका ||

चहु वेद गाये संहिता, नटराज राज नमो नमः ॥

माता पार्वती जी की आरती – Mata Parvati Ki Aarti Lyrics

जय पार्वती माता जय पार्वती माता

ब्रह्म सनातन देवी शुभ फल कदा दाता।

जय पार्वती माता जय पार्वती माता।

अरिकुल पद्मा विनासनी जय सेवक त्राता

जग जीवन जगदम्बा हरिहर गुण गाता।

जय पार्वती माता जय पार्वती माता।

सिंह को वाहन साजे कुंडल है साथा

देव वधु जहं गावत नृत्य कर ताथा।

जय पार्वती माता जय पार्वती माता।

सतयुग शील सुसुन्दर नाम सती कहलाता

हेमांचल घर जन्मी सखियन रंगराता।

जय पार्वती माता जय पार्वती माता।

शुम्भ निशुम्भ विदारे हेमांचल स्याता

सहस भुजा तनु धरिके चक्र लियो हाथा।

जय पार्वती माता जय पार्वती माता।

सृष्ट‍ि रूप तुही जननी शिव संग रंगराता

नंदी भृंगी बीन लाही सारा मदमाता।

जय पार्वती माता जय पार्वती माता।

देवन अरज करत हम चित को लाता

गावत दे दे ताली मन में रंगराता।

जय पार्वती माता जय पार्वती माता।

श्री प्रताप आरती मैया की जो कोई गाता

सदा सुखी रहता सुख संपति पाता।

जय पार्वती माता मैया जय पार्वती माता।

आप नीच दिए गए लिंक का उपयोग करके Shiv Parvati Vivah Katha PDF में डाउनलोड कर सकते हैं। 

2nd Page of Shiv Parvati Vivah Katha PDF
Shiv Parvati Vivah Katha

Shiv Parvati Vivah Katha PDF Free Download

REPORT THISIf the purchase / download link of Shiv Parvati Vivah Katha PDF is not working or you feel any other problem with it, please REPORT IT by selecting the appropriate action such as copyright material / promotion content / link is broken etc. If this is a copyright material we will not be providing its PDF or any source for downloading at any cost.

SIMILAR PDF FILES