सरस्वती पूजा मंत्र | Saraswati Puja Mantra PDF Hindi

सरस्वती पूजा मंत्र | Saraswati Puja Mantra Hindi PDF Download

सरस्वती पूजा मंत्र | Saraswati Puja Mantra in Hindi PDF download link is available below in the article, download PDF of सरस्वती पूजा मंत्र | Saraswati Puja Mantra in Hindi using the direct link given at the bottom of content.

9 People Like This
REPORT THIS PDF ⚐

सरस्वती पूजा मंत्र | Saraswati Puja Mantra Hindi PDF

सरस्वती पूजा मंत्र | Saraswati Puja Mantra हिन्दी PDF डाउनलोड करें इस लेख में नीचे दिए गए लिंक से। अगर आप सरस्वती पूजा मंत्र | Saraswati Puja Mantra हिन्दी पीडीएफ़ डाउनलोड करना चाहते हैं तो आप बिल्कुल सही जगह आए हैं। इस लेख में हम आपको रहे हैं सरस्वती पूजा मंत्र | Saraswati Puja Mantra के बारे में सम्पूर्ण जानकारी और पीडीएफ़ का direct डाउनलोड लिंक।

वसंत पंचमी के दिन माँ सरावती की पूजा की जाती है मां सरस्वती को पीले फूल, पीले वस्त्र, पीले रंग की मिठाई, केसर, पीला गुलाल, सफेद चंदन आदि अर्पित करते हैं और पूजा करते हैं। इस दिन सरस्वती पूजा के लिए विशेष मंत्रों (Puja Mantra) का उपयोग करते हैं. पूजा के अंत में कपूर या घी के दीपक से माता सरस्वती की आरती (Saraswati Mata Ki Aarti) करते हैं।

मां सरस्वती की कृपा से शिक्षा, कला एवं संगीत के क्षेत्र में सफलता प्राप्त होती है।  माघ शुक्ल पंचमी को मां सरस्वती का प्रकाट्य हुआ था, इसलिए इस तिथि को हर वर्ष सरस्वती पूजा करते हैं।  हिंदू धर्म में बसंत पंचमी के पर्व विशेष महत्व है। इस दिन ज्ञान की देवी मां सरस्वती की पूजा की जाती है। मान्यताओं के अनुसार इस दिन (बसंत पंचमी) को ज्ञान की देवी मां सरस्वती का उद्भव हुआ था, इसलिए इस दिन मां सरस्वती की विशेष पूजा की जाती है। जिसकी पूरी विधि आपको मंत्र सहित नीचे आर्टिकल में प्रदान की गयी है। साथ ही आपको सरस्वती पूजा विधि, मंत्र पीडीएफ लिक भी उपलब्ध किया गया है।

Saraswati Puja Mantra in Hindi

वसंत पंचमी के दिन विद्या, ज्ञान और बुद्धि की देवी सरस्वती की आराधना विविध प्रकार से की जाती है। मंत्रों से की गई आराधना विशेष प्रतिफलित होती है। प्रस्तुत है पुराणों से लिए गए सरस्वती के 3 असरकारी मंत्र :

* ‘सरस्वत्यै नमो नित्यं भद्रकाल्यै नमो नम:।

वेद वेदान्त वेदांग विद्यास्थानेभ्य एव च।।

सरस्वति महाभागे विद्ये कमललोचने।

विद्यारूपे विशालाक्षी विद्यां देहि नमोस्तुते।।’

* एकादशाक्षर सरस्वती मंत्र : ॐ ह्रीं ऐं ह्रीं सरस्वत्यै नमः।

* ‘वर्णानामर्थसंघानां रसानां छन्दसामपि। मंगलानां च कर्त्तारौ वन्दे वाणी विनायकौ॥’

 अर्थातः अक्षर, शब्द, अर्थ और छंद का ज्ञान देने वाली भगवती सरस्वती तथा मंगलकर्ता विनायक की मैं वंदना करता हूं। – श्रीरामचरितमानस

वसंत पंचमी के दिन शिव पूजन का भी विशेष महत्व है। इस दिन भगवान भोले की पार्थिव प्रतिमा स्थापित कर विधि-विधान से पूजा-अर्चना कर दूध, दही, घी, शक्कर, शहद, पंचामृत और गंगाजल से अभिषेक किया जाता है।

सरस्वती देवी की प्रतिष्ठा करें

  • ध्यान मंत्र के बाद आपको सरस्वती देवी की प्रतिष्ठा करने के लिए हाथ में अक्षत लेकर यह मंत्र पढ़ते हुए अक्षत छोड़ें।

“ॐ भूर्भुवः स्वः सरस्वती देव्यै इहागच्छ इह तिष्ठ।

  • इसके बाद माता को स्न्नान कराएं इस समय आपको यह मंत्र पढ़ना होगा।

ॐ मन्दाकिन्या समानीतैः, हेमाम्भोरुह-वासितैः स्नानं कुरुष्व देवेशि, सलिलं च सुगन्धिभिः।। ॐ श्री सरस्वतयै नमः।।

  • इसके बाद जल लेकर ‘एतानि पाद्याद्याचमनीय-स्नानीयं, पुनराचमनीयम्।” प्रतिष्ठा के बाद स्नान कराएं: ॐ मन्दाकिन्या समानीतैः, हेमाम्भोरुह-वासितैः स्नानं कुरुष्व देवेशि, सलिलं च सुगन्धिभिः।। ॐ श्री सरस्वतयै नमः।।
  • इसके बाद इदं रक्त चंदनम् लेपनम् से रक्त चंदन लगाएं। इदं सिन्दूराभरणं से सिन्दूर लगाएं। ‘ॐ मन्दार-पारिजाताद्यैः, अनेकैः कुसुमैः शुभैः।
  • पूजयामि शिवे, भक्तया, सरस्वतयै नमो नमः।। ॐ सरस्वतयै नमः,
  • फिर पुष्पाणि समर्पयामि।’इस मंत्र से पुष्प चढ़ाएं फिर माला पहनाएं। अब सरस्वती देवी को इदं पीत वस्त्र समर्पयामि कहकर पीला वस्त्र पहनाएं।
  • इसके पश्चात आपको देवी को नैवेद्य अर्पित करें। इसके लिए आपको “इदं नानाविधि नैवेद्यानि ऊं सरस्वतयै समर्पयामि” मंत्र का जाप करना होगा।
  • अब इसके बाद आपको मिष्ठान अर्पित करें इसके लिए मंत्र: “इदं शर्करा घृत समायुक्तं नैवेद्यं ऊं सरस्वतयै समर्पयामि” को पढ़ें। फिर आपको पान सुपारी और पुष्प चढ़ाएं।

पूजन के पश्चात् हवन

  • जिस प्रकार सभी पूजा के बाद हवन किया जाता है। उसी प्रकार सरस्वती पूजन के पश्चात् सरस्वती माता के नाम से हवन किया जाता है।
  • इसके लिए सबसे पहले भूमि को स्वच्छ करके एक हवन कुण्ड बनाएं।
  • आम पीपल की लकड़ियों पर अग्नि प्रज्वलित करें। और फिर सबसे पहले ‘ऊं गं गणपतये नम:’ स्वाहा मंत्र से गणेश जी एवं ‘ऊं नवग्रह नमः’ स्वाहा मंत्र से नवग्रह का हवन करें।
  • इसके बाद ‘ॐ सरस्वतयै नमः स्वहा’ का 108 बार आहुति देते हुए हवन करें।
  • हवन पूर्ण होने के बाद श्रद्धापूर्वक प्रसाद ग्रहण करें इसके बाद सभी में वितरित करें।
  • इस प्रकार आपकी सरस्वती माता पूजन विधि पूरी होती है।

सरस्वती माता की आरती

आरती कीजै सरस्वती की, जननि विद्या बुद्धि भक्ति की।
आरती कीजै सरस्वती की, जननि विद्या बुद्धि भक्ति की।

जाकी कृपा कुमति मिट जाए, सुमिरन करत सुमति गति आये।
शुक सनकादिक जासु गुण गाये, वाणि रूप अनादि शक्ति की।

आरती कीजै सरस्वती की, जननि विद्या बुद्धि भक्ति की।
नाम जपत भ्रम छूट दिये के, दिव्य दृष्टि शिशु उधर हिय के।

मिलहिं दर्श पावन सिय पिय के, उड़ाई सुरभि युग-युग, कीर्ति की।
आरती कीजै सरस्वती की, जननि विद्या बुद्धि भक्ति की।

रचित जासु बल वेद पुराणा, जेते ग्रन्थ रचित जगनाना।
तालु छन्द स्वर मिश्रित गाना, जो आधार कवि यति सती की।

आरती कीजै सरस्वती की, जननि विद्या बुद्धि भक्ति की।
सरस्वती की वीणा-वाणी कला जननि की।

आरती कीजै सरस्वती की, जननि विद्या बुद्धि भक्ति की।।

Saraswati Puja Mantra PDF

आप नीचे दिए गए लिंक का उपयोग करके Saraswati Puja Mantra PDF में डाउनलोड कर सकते हैं।

सरस्वती पूजा मंत्र | Saraswati Puja Mantra PDF - 2nd Page
सरस्वती पूजा मंत्र | Saraswati Puja Mantra PDF - PAGE 2

सरस्वती पूजा मंत्र | Saraswati Puja Mantra PDF Download Link

REPORT THISIf the purchase / download link of सरस्वती पूजा मंत्र | Saraswati Puja Mantra PDF is not working or you feel any other problem with it, please REPORT IT by selecting the appropriate action such as copyright material / promotion content / link is broken etc. If सरस्वती पूजा मंत्र | Saraswati Puja Mantra is a copyright material we will not be providing its PDF or any source for downloading at any cost.

RELATED PDF FILES

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *