संविधान संशोधन लिस्ट 2025 (Samvidhan Sanshodhan List) - Summary
भारतीय का संविधान दुनिया का सबसे बड़ा संविधान है और इसे दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक ग्रंथ भी कहा जाता है। Indian Constitution समय और आवश्यकता के हिसाब से बदलाव होता रहता है। भारत का संविधान का इतिहास अंग्रेजों के समय से चलता आ रहा है।
लेकिन आजादी के बाद आधिकारिक रूप से जब भारत लोकतांतिक देश बना तो 26 जनवरी 1950 से पुरे देश में लागू कर दिया गया था। उस समय भारतीय संविधान में 8 अनुसूचियां और 395 अनुच्छेद थे जो, 22 भागों में विभाजित था। साल 2020 तक भारतीय संविधान में कुल संशोधन 104 बार किय गया है। जिसके कारण अब 470 अनुच्छेद, तथा 12 अनुसूचियां हैं जो 25 भागों में विभाजित होगा है। संविधान संशोधन लिस्ट (Bhartiya samvidhan sansodhan List) की पूरी जानकारी प्राप्त करने के लिए हमारे लेख के साथ अंत तक बने रहें।
संविधान संशोधन सूची 2025 (Samvidhan Sanshodhan List)
- 1st संविधान संशोधन (1951) – इसके द्वारा भारतीय संविधान मे 9वी अनुसूची को जोडा गया है।
- 7वाॅ संविधान संशोधन (1956) – इसके द्वारा राज्यों का पुनर्गठन करके 14 राज्य और 6 केंद्र शासित प्रदेशों को पुनर्गठित किया गया है।
- 10वाॅ संविधान संशोधन (1961) – इसके द्वारा पुर्तगालियों की अधीनता से मुक्त हुए दादरा और नागर हवेली को भारतीय संघ में शामिल किया गया।
- 12वाँ संविधान संशोधन (1962) – इसके द्वारा गोवा, दमण और दीव का भारतीय संघ में विलय किया गया।
- 14वाॅ संविधान संशोधन (1962) – इसके द्वारा पाण्डेचेरी को केंद्र शासित प्रदेशके रूप में भारत में विलय किया गया।
- 18वाॅ संविधान संशोधन (1966) – इसके द्वारा पंजाब राज्य का पुर्नगठन करके पंजाब, हरियाणा राज्य और चण्डीगढ को केन्द्रशासित प्रदेश बनाया गया।
- 21वाॅ संविधान संशोधन (1967) – इसके द्वारा 8 वी अनुसूची में सिन्धी भाषा को शामिल किया गया
- 24वाँ संविधान संशोधन (1971) – इसके द्वारा संसद को मौलिक अधिकारों सहित संविधान के किसी भी भाग में संशोधन करने का अधिकार दिया गया है।
- 45वाॅ संविधान संशोधन (1974) – इसके द्वारा सिक्किम को भारतीय सघं में सह राज्य का दर्जा दिया गया
- 36वाॅ संविधान संशोधन (1975) – इसके द्वारा सिक्किम को भारतीय सघं में 22 वे राज्य के रूप में सम्मिलित किया गया।
- 42वाॅ संविधान संशोधन (1976) – यह संविधान संशोधन प्रधानमंत्री इन्दिरा गाॅधी के समय स्वर्ण सिंह आयोग की सिफारिश के आधार पर किया गया था। यह अभी तक का सबसे बङा संविधान संशोधन है। इस संविधान संशोधन को लघु संविधान की संज्ञा दी जाती है। इस संविधान संशोधन में 59 प्रावधान थे।
- 1.संविधान की प्रस्तावना में पंथ निरपेक्ष समाजवादी और अखण्डता शब्दों को जोडा गया।
- 2. मौलिक कर्तव्यों को संविधान में शामिल किया गया।
- 3.शिक्षा, वन और वन्यजीव, राज्यसूची के विषयों को समवर्ती सूची में शामिल किया गया।
- 4.लोक सभा और विधान सभा के कार्यकाल को बढाकर 5 से 6 वर्ष कर दिया गया।
- 5.राष्ट्रपति को मंत्रीपरिषद की सलाह के अनुसार कार्य करने के लिए बाध्य किया गया।
- 6.ससंद द्वारा किये गये संविधान संशोधन को न्यायालय में चुनौती देने से वर्जित कर दिया गया है
- 44वाँ संविधान संसोधन (1978) –
- (1) सम्पत्ति के अधिकार को मौलिक अधिकारों से हटाकर कानूनी अधिकार बना दिया है।
- (2) लोक सभा और विधान सभा का कार्यकाल पुनः घटाकर 5 वर्ष कर दिया गया।
- (3) राष्ट्रीय आपात की घोषणा आंतरिक अशान्ति के आधार पर नहीं बल्कि सशस्त्र विद्रोह के कारण की जा सकती है।
- (4) राष्ट्रपति को यह अधिकार दिया गया कि वह मंत्री मण्डल की सलाह को एक बार पुर्नविचार के लिए वापस कर सकता है। लेकिन दूसरी बार वह सलाह मानने के लिए बाध्य होगा।
- 48वाॅ संविधान संशोधन (1984) -संविधान के अनुच्छेद 356 (5) में परिवतर्न करके यह व्यवस्था की गई कि पंजाब में राष्ट्रपति शासन की अवधि को दो वर्ष तक और बढाया जा सकता है।
- 52वाँ संविधान संशोधन (1985) – इसके द्वारा संविधान में 10 वी अनुसूची को जोडकर दल बदल को रोकने के लिए कानून बनाया गया।
- 56वाँ संविधान संशोधन (1987) – इसके द्वारा गोवा को राज्य की श्रेणी में रखा गया।
- 61वाँ संविधान संशोधन (1989) – संविधान के अनुच्छेद 326 में संशोधन करके लोक सभा और राज्य विधान सभाओं में मताधिकार की उम्र 21 वर्ष से घटाकर 18 वर्ष कर दी गई।
- 71वाँ संविधान संशोधन (1992) – इसके द्वारा संविधान की 8 वी अनुसची में कोकणी , मणिपुरी, और नेपाली भाषाओं को जोडा गया।
- 73वाँ संविधान संशोधन (1992) – इसके द्वारा संविधान में 11 वी अनुसची जोडकर सम्पूर्ण देश में पंचायती राज्य की स्थापना का प्रावधान किया गया।
- 74वाँ संविधान संशोधन (1992) – इसके द्वारा संविधान में 12 वी अनुसूची जोडकर नगरीय स्थानीय शासन को संवैधानिक संरक्षण प्रदान किया गया।
- 84वाँ संविधान संशोधन (2001) – इसके द्वारा 1991 की जनगणना के आधार पर लोक सभा और विधान सभा क्षेत्रों के परिसीमन की अनुमति प्रदान की गई।
- 86वाँ संविधान संशोधन (2003) – इसके द्वारा प्राथमिक शिक्षा को मौलिक अधिकार की श्रेणी में लाया गया।
- 91वाँ संविधान संशोधन (2003) –
- (1) इसके द्वारा केन्द्र और राज्यो के मंत्री परिषदों के आकार को सीमित करने तथा दल बदल को प्रतिबन्धित करने का प्रावधान है।
- (2) इसके अनुसार मंत्री परिषद में सदस्यों की संख्या लोक सभा या उस राज्य की विधान सभा की कुल सदस्य संख्या से 15% से अधिक नहीं हो सकती है।
- (3) साथ ही छोटे राज्यों के मंत्री परिषद के सदस्यों की संख्या अधिकतम 12 निश्चित की गई है।
- 92वाँ संविधान संशोधन (2003) – इसके द्वारा संविधान की 8 वी अनुसूची में बोडो, डोगंरी, मैथिली और संथाली भाषाओं को शामिल किया गया है।
- 103वाँ संविधान संशोधन – जैन समुदाय को अल्पसंख्यक का दर्जा
- 108वाॅ संविधान संशोधन – महिलाओं के लिए लोकसभा व विधान सभा में 33% आरक्षण
- 109वाॅ संविधान संशोधन – पंचायती राज्य में महिला आरक्षण 33% से 50%
- 110वाॅ संविधान संशोधन – स्थानीय निकाय में महिला आरक्षण 33% से 50%
- 114वाँ संविधान संशोधन – उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की आयु 62 बर्ष से 65 बर्ष
- 115वाॅं संविधान संशोधन – GST (वस्तु एवं सेवा कर)
- 117वाॅं संविधान संशोधन – SC व ST को सरकारी सेवाओं में पदोन्नति आरक्षण
संविधान संशोधन सूची (Samvidhan Sanshodhan List 2025)
PDF Form Name | संविधान संशोधन सूची PDF |
लेख का नाम | भारतीय संविधान संशोधन लिस्ट 2025 |
भाषा | हिंदी, इंग्लिश |
संविधान सभा के अध्यक्ष | डॉ राजेन्द्र प्रसाद |
प्रारूप समिति के अध्यक्ष | डॉ. भीमराव अम्बेडकर |
संविधान सभा के कुल सदस्य | 299 सदस्य |
संविधान निर्माण अवधि | 2 वर्ष 11 माह 18 दिन |
संविधान लागू हुआ | 26 जनवरी 1950 |
Total Amendments in Indian Constitution | भारतीय संविधान में कुल संशोधन 104 बार 2020 तक |
Samvidhan Sanshodhan List PDF | Download PDF |
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