सम्भोग से समाधि की ओर (Sambhog Se Samadhi Tak Book) - Summary
“सम्भोग से समाधि की ओर” ओशो (आचार्य रजनीश) द्वारा लिखित एक प्रसिद्ध पुस्तक है। यह पुस्तक सेक्स, प्रेम, और ध्यान के माध्यम से आध्यात्मिकता की गहन यात्रा की बात करती है। अपनी पुस्तक संभोग से समाधि की और में, ओशो ने पाठक को संभोग और गर्भाधान के समय से लेकर मृत्यु तक मनुष्य की आध्यात्मिक यात्रा के बारे में बताया। अपने अमूल्य संग्रह में ओशो व्यक्ति के जीवन के विविध विषयों पर पांच प्रवचन देते हैं।
संभोग से समाधि की और में, वह यह भी बताते हैं कि कितने लोग काम से नहीं बच सकते हैं और लोगों को इससे नहीं लड़ना चाहिए, क्योंकि यह जीवन की सहायक संरचना है। वह उन पापों के बारे में भी विस्तार से बताता है जिन्हें लोग अक्सर महसूस नहीं करते हैं कि भगवान पापों के बारे में सोचते हैं। पुस्तक को डायमंड बुक्स द्वारा 1999 में प्रकाशित किया गया था और यह पेपरबैक में उपलब्ध है।
प्रवचन-क्रम (सम्भोग से समाधि की ओर)
विशेषता | विवरण |
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लेखक | ओशो (आचार्य रजनीश) |
विषय | सेक्स, प्रेम, और ध्यान के माध्यम से आध्यात्मिकता |
प्रकाशन वर्ष | 1969 |
भाषा | हिंदी |
प्रमुख बिंदु | – सम्भोग को ध्यान में परिवर्तित करना<br>- प्रेम और संबंधों का आध्यात्मिक महत्व<br>- ध्यान और समाधि की तकनीकें |
लक्ष्य पाठक | युवा वर्ग, साधक, ध्यान और आध्यात्मिकता में रुचि रखने वाले लोग |
उद्देश्य | सेक्स और प्रेम के माध्यम से आध्यात्मिकता की खोज को समझाना |
- संभोग : परमात्मा की सृजन-ऊर्जा ….. 2
- संभोग : अहं-शून्यता की झलक ….. 21
- संभोग : समय-शून्यता की झलक ….. 39
- समाधि : अहं-शून्यता, समय-शून्यता का अनुभव ….. 56
- समाधि : संभोग-ऊर्जा का आध्यात्मिक नियोजन ….. 70
- यौन : जीवन का ऊर्जा – आयाम ….. 91
- युवक और यौन ….. 110
- प्रेम और विवाह ….. 123
- जनसंख्या विस्फ़ोट ….. 139
- विद्रोह क्या है ….. 163
- युवक यौन ….. 183
- युवा चित्त का जन्म ….. 195
- नारी और क्रांति ….. 214
- नारी–एक और आयाम ….. 229
- सिद्धांत, शास्त्र और वाद से मुक्ति ….. 245
- भीड़ से, समाज से–दूसरों से मुक्ति ….. 257
- दमन से मुक्ति ….. 272
- न भोग, न दमन–वरन जागरण ….. 285
आप नीचे दिए गए लिंक का उपयोग करके सम्भोग से समाधि की ओर पीडीएफ़ | Sambhog Se Samadhi Tak Book PDF में डाउनलोड कर सकते हैं।