श्री राधा कृपा कटाक्ष स्तोत्र – Radha Kripa Kataksh Stotra Hindi PDF

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श्री राधा कृपा कटाक्ष स्तोत्र – Radha Kripa Kataksh Stotra - Summary

श्री राधा कृपा कटाक्ष स्तोत्र – Radha Kripa Kataksh Stotra

श्री राधा कृपा कटाक्ष स्तोत्र की रचना स्वयं देवों के देव महादेव ने की है। कहा जाता है कि राधा रानी को प्रसन्न करने के लिए महादेव ने यह स्तोत्र माता पार्वती को सुनाया था। पौराणिक मान्यता के अनुसार, श्री राधा कृपा कटाक्ष स्तोत्र का पाठ करने से राधा रानी और श्रीकृष्ण की असीम कृपा प्राप्त होती है। नियमित रूप से राधा कृपा कटाक्ष का पाठ करने वाले भक्त को श्री श्री राधा-कृष्ण के चरणों का आश्रय प्राप्त होता है। आप सभी को इस मंतर का श्रवण प्रतिदिन अवश्य करना चाहिए। 🌼

श्रीराधा कृपा कटाक्ष स्तोत्र का महत्व

राधा कृपा कटाक्ष राधा रानी की दयालु पार्श्व दृष्टि के लिए एक विनम्र प्रार्थना है। यह स्तोत्र भक्तों के लिए एक अद्भुत साधना का माध्यम है। इसे भक्ति भाव से पढ़ने से मनोकामनाएँ पूर्ण होती हैं और भक्तों को राधा-कृष्ण की कृपा प्राप्त होती है।

श्रीराधा कृपा कटाक्ष स्तोत्र हिन्दी अर्थ सहित (Radha Kripa Kataksh Stotra Download)

मुनीन्दवृन्दवन्दिते त्रिलोकशोकहारिणी,
प्रसन्नवक्त्रपंकजे निकंजभूविलासिनी।
व्रजेन्दभानुनन्दिनी व्रजेन्द सूनुसंगते,
कदा करिष्यसीह मां कृपा-कटाक्ष-भाजनम्॥ (१)

अर्थ:- समस्त मुनिगण आपके चरणों की वंदना करते हैं, आप तीनों लोकों का शोक दूर करने वाली हैं, आप प्रसन्नचित्त प्रफुल्लित मुख कमल वाली हैं, आप धरा पर निकुंज में विलास करने वाली हैं। आप राजा वृषभानु की राजकुमारी हैं, आप ब्रजराज नन्द किशोर श्री कृष्ण की चिरसंगिनी है, हे जगज्जननी श्री राधे माँ! आप मुझे कब अपनी कृपा दृष्टि से कृतार्थ करोगी ?

अशोकवृक्ष वल्लरी वितानमण्डपस्थिते,
प्रवालज्वालपल्लव प्रभारूणाङि्घ् कोमले।
वराभयस्फुरत्करे प्रभूतसम्पदालये,
कदा करिष्यसीह मां कृपा-कटाक्ष-भाजनम्॥ (२)

अर्थ:- आप अशोक की वृक्ष-लताओं से बने हुए मंदिर में विराजमान हैं, आप सूर्य की प्रचंड अग्नि की लाल ज्वालाओं के समान कोमल चरणों वाली हैं, आप भक्तों को अभीष्ट वरदान, अभय दान देने के लिए सदैव उत्सुक रहने वाली हैं। आप के हाथ सुन्दर कमल के समान हैं, आप अपार ऐश्वर्य की भंङार स्वामिनी हैं, हे सर्वेश्वरी माँ! आप मुझे कब अपनी कृपा दृष्टि से कृतार्थ करोगी ?

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