Naat Sharif Lyrics Hindi - Summary
इस्लाम धर्म के लोग नात शरीफ सुनना बहुत पसंद करते है ऐसे में हम समय समय पर कई तरह के नात शरीफ हिंदी उर्दू अरबी भाषा में लेकर आते है कुछ नात पाक के लिंक आपको यहा दे रहे है जो पहले से लिखे गए है और आज की नात शरीफ हिदी में लिखा हुआ काबे के बदरू दूजा तुम पे करोड़ो दरूद है।
Naʽat is poetry in praise of the Islamic prophet, Muhammad. The practice is popular in South Asia, commonly in Bengali, Punjabi, or Urdu but here you can read it in Hindi. People who recite Naʽat are known as Naʽat Khawan or sanaʽa-khuaʽan
Naat Sharif Lyrics Hindi (नात शरीफ कव्वाली हिंदी)
जिंदगी अपनी यू खुशनुमा कीजिए
जिक्रे अहमद हमेशा किया कीजिए
दर्स हमको मिला ये नबी पाक से
दुश्मनों के भी हक में दुआ कीजिए
कामयाबी की कुंजी अगर चाहिए
सरवरे दीन से राब्ता कीजिए
वह सफायत करेंगे यकीनन मगर
आप पाबंदे सुन्नत रहा कीजिए
लज़्ज्ते ज़िक्र का फिर मजा आएगा
पहले दिल को बलाली बना लीजिए
हर बला सर से चलती रहेगी सदा
सानी सजदा खुशी से दिया कीजिए
नूरुद्दीन सानी
नाते पाक
ऐ कलम तू सबसे पहले अहमदे मुख्तार लिख
फिर इमाम उल अंबिया के शीरतो किरदार लिख
हर तरफ फैला उजाला मुस्तफा की जात से
ताजदार ए अंबिया को मरकज ए अनवार लिख
मजहब ए इस्लाम की खातिर हुए कुर्बान जो
जांनिसार ए कर्बला का जज्बा ए ऐसार लिख
नात लिखने की अगर ख्वाहिश है ऐ मेरे अजीज
मिद्हते सरकार में डूबे हुए अशआर लिख
चार यार मुस्तफा का नाम गर पूछे कोई
बू बकर, फारुक उस्मां, हैदर ए किरदार लिख
और कुछ भी लिख न लिख ऐ कातिबे तकदीर तू
मेरी किस्मत में रसूले पाक का दरबार लिख
शाह ए दीं फखरे दो आलम की मुकद्दस ज़ात को
ऐ बशर तू दो जहां का मालिको मुख्तार लिख
क्या पूछते हैं शान और अजमत हुजूर की
दोनों जहां बने हैं बदौलत हुजूर की
चूमेगी कामयाबी कदम उसका बिल्यक़ीं
अपनाई जिस किसी ने भी सीरत हुजूर की
जब नबी को सीने में महफूज कर लिया
बख्शीश को मेरे काफी है उल्फत हुजुर की
अहले जमीन से वस्फ़े नबी क्या बयान हो
अर्शे बरीं पे होती है मिद्हत हुजूर की
बेखौफ होके गुजरेगा पुले सिरात से
रखता है जो भी दिल में अकीदत हुजूर की
कुंजी तो मगफिरत की है दस्ते हुजूर में
करते हैं लोग फिर भी अहानत हुजूर की
मोहकम यकीन रखिए बशर उनकी जात पर
मिहशर में काम आएगी शफकत हुजूर की
बशर रहीमी, महुआ, वैशाली, बिहार
नात ए पाक
सारे जहाँ में हैं वही फ़रज़ाने या नबी।
जो हैं तुम्हारे नाम के दीवाने या नबी।
मस्ती में झूम जायेंगे मस्ताने या नबी।
कौसर के जब लुटाओगे पैमाने या नबी।
बेनूर आसमान था बेरंग यह जहां।
आ कर सजाए आप ने वीराने या नबी।
हम पर निगाह कीजिए दर पर बुलाइए।
बनने लगे असीरी के अफ़साने या नबी।
सुन्नत से दूर हो गए हम जब से आपकी।
दिल हो गए हमारे ये ज़म ख़ाने या नबी।
सब कुछ मिला है आपके सदक़े में जब हमें।
कैसे अदा हों आप के शुक्राने या नबी।
हो जाऐं तिशना खाब मुकम्मल फ़राज़ के।
इस पर खुलें जो दीद के मयख़ाने या नबी।
सरफ़राज़ हुसैन फ़राज़
मुरादाबाद उत्तर प्रदेश