Kartik Mass Katha Book (कार्तिक मास व्रत कथा) PDF

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Kartik Mass Katha Book (कार्तिक मास व्रत कथा)

कार्तिक मास साल 2023 में 29 अक्टूबर 2023 से शुरू होकर 27 नंवबर तक चलेगा। हिन्दू धर्म में कार्तिक मास का बहुत महत्व है और सर्वश्रेष्ठ भी माना गया है। आप इस Kartik Mass Katha Book PDF में कार्तिक मास की पूजा विधि, कथा और इस माह में क्या करना चाहिए ये सब जानकारी प्राप्त कर सकते हैं और इस कथा की Book को PDF प्रारूप में डाउनलोड करने के लिए नीचे दिए गए लिंक का उपयोग कर सकते हैं।

कार्तिक मास को स्नान के विए बहुत विशेष माना गया है। इस माह में किसी भी पवित्र नदी में स्नान करना बहुत फलदायी होता है। इस मास में श्री विष्णु जी के साथ तुलसी की भी पूजा अर्चना की जाती है। इस मास में स्नान, दान, दीप करने से कष्टों से छुटकारा मिलता है. पूरे कार्तिक के महीने में सुबह जल्दी उठकर स्नान करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है।

कार्तिक मास पूजा विधि (Kartik Mass Puja Vidhi in Hindi)

Kartik Mass Katha Book (कार्तिक मास व्रत कथा)

किसी गाँव में एक बुढ़िया रहती थी और वह कार्तिक का व्रत रखा करती थी। उसके व्रत खोलने के समय कृष्ण भगवान आते और एक कटोरा खिचड़ी का रखकर चले जाते। बुढ़िया के पड़ोस में एक औरत रहती थी। वह हर रोज यह देखकर ईर्ष्या करती कि इसका कोई नहीं है फिर भी इसे खाने के लिए खिचड़ी मिल ही जाती है। एक दिन कार्तिक महीने का स्नान करने बुढ़िया गंगा गई।  पीछे से कृष्ण भगवान उसका खिचड़ी का कटोरा रख गए। पड़ोसन ने जब खिचड़ी का कटोरा रखा देखा और देखा कि बुढ़िया नही है तब वह कटोरा उठाकर घर के पिछवाड़े फेंक आई।

कार्तिक स्नान के बाद बुढ़िया घर आई तो उसे खिचड़ी का कटोरा नहीं मिला और वह भूखी ही रह गई। बार-बार एक ही बात कहती कि कहां गई मेरी खिचड़ी और कहां गया मेरा खिचड़ी का कटोरा। दूसरी ओर पड़ोसन ने जहाँ खिचड़ी गिराई थी वहाँ एक पौधा उगा जिसमें दो फूल खिले।  एक बार राजा उस ओर से निकला तो उसकी नजर उन दोनो फूलों पर पड़ी और वह उन्हें तोड़कर घर ले आया। घर आने पर उसने वह फूल रानी को दिए जिन्हें सूँघने पर रानी गर्भवती हो गई. कुछ समय बाद रानी ने दो पुत्रों को जन्म दिया। वह दोनो जब बड़े हो गए तब वह किसी से भी बोलते नही थे लेकिन जब वह दोनो शिकार पर जाते तब रास्ते में उन्हें वही बुढ़िया मिलती जो अभी भी यही कहती कि कहाँ गई मेरी खिचड़ी और कहाँ गया मेरा कटोरा। बुढ़िया की बात सुनकर वह दोनो कहते कि हम है तेरी खिचड़ी और हम है तेरा बेला

हर बार जब भी वह शिकार पर जाते तो बुढ़िया यही बात कहती और वह दोनो वही उत्तर देते। एक बार राजा के कानों में यह बात पड़ गई। उसे आश्चर्य हुआ कि दोनो लड़के किसी से नहीं बोलते तब यह बुढ़िया से कैसे बात करते हैं। राजा ने बुढ़िया को राजमहल बुलवाया और कहा कि हम से तो किसी से ये दोनों बोलते नहीं है, तुमसे यह कैसे बोलते है? बुढ़िया ने कहा कि महाराज मुझे नहीं पता कि ये कैसे मुझसे बोल लेते हैं।

मैं तो कार्तिक का व्रत करती थी और कृष्ण भगवान मुझे खिचड़ी का बेला भरकर दे जाते थे। एक दिन मैं स्नान कर के वापिस आई तो मुझे वह खिचड़ी नहीं मिली। जब मैं कहने लगी कि कहां गई मेरी खिचड़ी और कहाँ गया मेरा बेला? तब इन दोनो लड़को ने कहा कि तुम्हारी पड़ोसन ने तुम्हारी खिचड़ी फेंक दी थी तो उसके दो फूल बन गए थे। वह फूल राजा तोड़कर ले गया और रानी ने सूँघा तो हम दो लड़को का जन्म हुआ। हमें भगवान ने ही तुम्हारे लिए भेजा है।

कार्तिक मास में न करें ये काम

कार्तिक मास में पड़ने वाले प्रमुख त्योहार (Kartik Maas 2023 Festivals List)

  1. करवाचौथ
  2. अहोई अष्टमी
  3. रामा एकादशी
  4. धनतेरस
  5. काली चौदस
  6. दिवाली
  7. कार्तिक अमावस्या
  8. गोवर्धन पूजा
  9. भाई दूज
  10. छठ पूजा
  11. गोपा अष्टमी
  12. देवउठनी एकादशी
  13. तुलसी विवाह
  14. देव दिवाली
  15. कार्तिक पूर्णिमा

कार्तिक माह में दान  (Kartik Maas Donation)

आप नीचे दिए गए लिंक का उपयोग करके Kartik Mass Katha Book PDF में प्राप्त कर सकते हैं। 

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