कर्नल रणजीत – Karnal Ranjeet Novel - Summary
कर्नल रंजीत (Karnal Ranjeet) के नाम से प्रसिद्ध हिंदी जासूसी उपन्यासों ने अतीत में अत्यधिक लोकप्रियता हासिल की थी। ये उपन्यास आमतौर पर हिंद पैकेट बुक्स के रूप में प्रकाशित होते थे। कर्नल रंजीत के नाम से कई रोमांचक उपन्यास रचे गए, जिनमें मेजर बलवंत मुख्य पात्र थे, जो एक 35 वर्षीय सेना के पूर्व मेजर और गुप्तचर थे। उनकी सचिव सोनिया और संभवतः हवाबाज एक ऐल्शेसियन कुत्ता था।
कर्नल रंजीत के उपन्यासों में हास्य और जासूसी के तत्व भरे होते थे। जब भी कोई रहस्य सुलझाने का समय आता, वे सीटी बजाकर सभी को एकत्र करते और रहस्यों का पर्दाफाश करते थे। उन्होंने नब्बे से अधिक उपन्यास लिखे हैं, जैसे “खूनी छोटे”, “छः लाशें”, “भयंकर मूर्ति”, “वह कौन था”, “हत्या का रहस्य”, “टेढ़ी उंगलियां”, “अंधेरा बंगला,” आदि। इन उपन्यासों ने उन्हें जासूसी कथाओं के एक प्रसिद्ध लेखक के रूप में स्थापित किया।
कर्नल रणजीत जासूसी उपन्यास (Karnal Ranjeet Novel)
कर्नल रंजीत के चुनिंदा चार उपन्यास:
भयंकर मूर्ति: वदला लेने वाली अफ्रीकी मूर्ति ‘ज़ाम्बी’ के ताने में उलझी एक रोमांचक कथा, जहाँ बड़े ही कलात्मक तरीके से हत्या के रहस्य को सुलझाया गया है।
खूनी छोटे: जासूसी रहस्य में मील का पत्थर माना जाने वाला उपन्यास, जहाँ मेजर बलवंत ने बड़े जोखिम उठाकर इंसान के घिनौने अपराधों का सामना किया।
टेढ़ी उंगलियां: खतरनाक हत्यारों की रोमांचक कहानी, जो समाज में शराफत का मुखोटा ओढ़े हुए हैं, पर असल में छिपे रुस्तम जैसे हैं।
खूनी कंगन: क्या एक कंगन खूनी हो सकता है? किसने ऐसी अनोखी हत्या की साजिश की थी? हर कदम पर खोज, जिज्ञासा और रहस्य का पूरा मिश्रण।
आप कर्नल रणजीत (Karnal Ranjeet) उपन्यास को PDF प्रारूप में डाउनलोड कर सकते हैं, नीचे दिए गए लिंक का उपयोग करके।