कालभैरव सहस्रनाम स्तोत्रम् – Kalabhairava Sahasranama Stotram - Summary
कालभैरव सहस्रनाम स्तोत्रम् (Kalabhairava Sahasranama Stotram) भगवान शिव के अवतार कालभैरव को समर्पित एक शक्तिशाली और दिव्य स्तोत्र है। इसे नियमित रूप से पढ़ने से भक्तों को भगवान काल भैरव की कृपा प्राप्त होती है, जो समस्त संकटों और शत्रुओं से रक्षा करते हैं। यह स्टोत्र विशेष रूप से उन भक्तों के लिए लाभकारी है जो संकट, दुःख और बाधाओं का सामना कर रहे हैं।
कैसे करें कालभैरव सहस्रनाम का पाठ
कालभैरव सहस्रनाम का पाठ करने के लिए, स्नान और नित्यकर्मों से निवृत्त होकर स्वच्छ और साफ वस्त्र पहनें। विशेष रूप से रविवार को, आधी रात के समय भगवान कालभैरव की मूर्ति या चित्र के सामने दीपक जलाएं, चमेली के फूल चढ़ाएं और भोग अर्पित करें। उसके बाद कालभैरव सहस्रनाम स्तोत्रम् का पाठ करें।
कालभैरव सहस्रनाम स्तोत्रम् – Kalabhairava Sahasranama Stotram
। श्री गणेशाय नमः ।
कैलासशिखरे रम्ये देवदेवं जगद्गुरुम् ।
पप्रच्छ पार्वतीकान्तं शङ्करं लोकनायकम् ॥ १॥
पार्वत्युवाच
देवदेव महादेव सर्वज्ञ सुखदायक ।
आपदुःखदारिद्र्यादि पीडितानां नृणां विभो ॥ २॥
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कालभैरव सहस्रनाम स्तोत्रम् का पाठ करने के लाभ
- कालभैरव सहस्रनाम स्तोत्रम् का पाठ करने से साधक को भगवान कालभैरव की कृपा प्राप्त होती हैं। कालभैरव भगवान शिव का ही स्वरूप हैं। इनकी साधना से जातक को
- सभी प्रकार की सिद्धियाँ प्राप्त होती हैं।
- भूत-प्रेत की बाधा समाप्त होती हैं।
- शत्रु का नाश होता हैं।
- कानूनी मामलों में सफलता मिलती हैं।
- सभी प्रकार के दुख और भय समाप्त होते हैं। और साधक में शक्ति एवं साहस का संचार होता हैं।
- आरोग्य की प्राप्ति होती हैं।
- धन-धान्य की कभी कमी नही होती।
- पुत्र प्राप्ति की कामना रखने वाले को पुत्र की प्राप्ति होती हैं।
- साधक के सभी मनोरथ सिद्ध होते हैं।
आप नीचे दिए गए लिंक का उपयोग करके कालभैरव सहस्रनाम स्तोत्रम् का PDF में डाउनलोड कर सकते हैं।