Ganpati Stotra Sanskrit Ganpati Stotra PDF

Ganpati Stotra Sanskrit Ganpati Stotra in PDF download free from the direct link below.

Ganpati Stotra Sanskrit Ganpati Stotra - Summary

भगवान गणेश, जिन्हें विघ्नहर्ता और विद्यादाता के रूप में जाना जाता है, जीवन में सुख-शांति और समृद्धि लेकर आते हैं। गणपती स्तोत्र की भक्ति से संकट दूर होते हैं और इससे भक्तों को भगवान की खास कृपा मिलती है। गणपती स्तोत्र का नियमित पाठ हर मंगलवार खास तौर पर फलदायक माना जाता है। जाप करते समय पूर्व दिशा की ओर कपड़े के आसन पर बैठना शुभ होता है।

श्री गणपती स्तोत्र का महत्व और उपयोग

गणपती स्तोत्र की भक्ति से मन को शांति मिलती है और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा आती है। यह स्तोत्र न केवल भक्त को आध्यात्मिक लाभ देता है, बल्कि उसकी बुद्धि और समृद्धि में भी बढ़ोतरी करता है। आज के समय में भी गणपती स्तोत्र का PDF फॉर्मेट में डाउनलोड कर पढ़ना बहुत लोकप्रिय है, जिससे साधना और भी आसान हो जाती है। नीचे दिए गए लिंक से गणपती स्तोत्र PDF डाउनलोड किया जा सकता है, जो भक्ति को और मजबूत बनाने में मदद करेगा।

गणपती स्तोत्र का पाठ करने की विधि

स्तोत्र का जाप शांत और साफ जगह पर करना चाहिए। माला या हवन के साथ जाप करने से यह और भी ज्यादा फलदायक होता है। साथ ही, स्तोत्र के साथ गणेश जी की आरती और ध्यान करना भक्तिभाव को और गहरा बनाता है। नियमित पाठ से भगवान गणेश की कृपा बनी रहती है और जीवन में सभी बाधाएं दूर होती हैं।

जय जयाजी गणपती | मज द्यावी विपुल मती | करावया तुमची स्तुती | स्पुर्ती द्यावी मज अपार || ०१ ||

तुझे नाम मंगलमूर्ती | तुज इंद्र-चंद्र ध्याती | विष्णू शंकर तुज पूजिती | अव्यया ध्याती नित्य काळी || ०२ ||

तुझे नाव विनायक | गजवदना तू मंगल दायक | सकल नाम कलिमलदाहक | नाम-स्मरणे भस्म होती || ०३ ||

मी तव चरणांचा अंकित | तव चरणा माझे प्रणिपात | देवधीदेवा तू एकदंत | परिसे विज्ञापना माझी || ०४ ||

माझा लडिवाळ तुज करणे | सर्वापरी तू मज सांभाळणे | संकटामाझारी रक्षिणे | सर्व करणे तुज स्वामी || ०५ ||

गौरी पुत्र तू गणपती | परिसावी सेवकाची विनंती | मी तुमचा अनन्यार्थी | रक्षिणे सर्वार्थेची स्वामिया || ०६ ||

तूच माझा बाप माय | तूच माझा देवराय | तूच माझी करिशी सोय | अनाथ नाथा गणपती || ०७ ||

गजवदना श्री लम्बोदरा | सिद्धीविनायका भालचंद्रा | हेरंभा शिव पुत्रा | विघ्नेश्वरा अनाथ बंधू || ०८ ||

भक्त पालका करि करुणा | वरद मूर्ती गजानना | परशुहस्ता सिंदुरवर्णा | विघ्ननाशना मंगलमूर्ती || ०९ ||

विश्ववदना विघ्नेश्वरा | मंगलाधीषा परशुधरा | पाप मोचन सर्वेश्वरा | दिन बंधो नाम तुझे || १० ||

नमन माझे श्री गणनाथा | नमन माझे विघ्नहर्ता | नमन माझे एकदंता | दीनबंधू नमन माझे || ११ ||

नमन माझे शंभूतनया | नमन माझे करुणांलया | नमन माझे गणराया | तुज स्वामिया नमन माझे || १२ ||

नमन माझे देवराया | नमन माझे गौरीतनया | भालचंद्रा मोरया | तुझे चरणी नमन माझे || १३ ||

नाही आशा स्तुतीची | नाही आशा तव भक्तीची | सर्व प्रकारे तुझिया दर्शनाची | आशा मनी उपजली || १४ ||

मी मूढ केवल अज्ञान | ध्यानी सदा तुझे चरण | लंबोदरा मज देई दर्शन | कृपा करि जगदीशा || १५ ||

मती मंद मी बालक | तूच सर्वांचा चालक | भक्तजनांचा पालक | गजमुखा तू होशी || १६ ||

मी दरिद्री अभागी स्वामी | चित्त जडावे तुझिया नामी | अनन्य शरण तुजला मी | दर्शन देई कृपाळुवा || १७ ||

हे गणपती स्तोत्र जो करी पठण | त्यासी स्वामी देईल अपार धन | विद्या सिद्धी चे अगाध ज्ञान | सिंदूरवदन देईल पै || १८ ||

त्यासी पिशाच भूत प्रेत | न बाधिती कळी काळात | स्वामीची पूजा करोनी यथास्थित | स्तुती स्तोत्र हे जपावे || १९ ||

होईल सिद्धी षड्मास हे जपता | नव्हे कदा असत्य वार्ता | गणपती चरणी माथा | दिवाकरे ठेविला || २० ||

|| इति श्री गणपती स्तोत्र संपूर्ण ||

नीचे दिए गए लिंक से गणपती स्तोत्र इन संस्कृत PDF फाइल डाउनलोड करें और भक्ति तथा अध्ययन में लाभ उठाएं।

साथ ही देखें:
Ganapati Stotra in Marathi

RELATED PDF FILES

Ganpati Stotra Sanskrit Ganpati Stotra PDF Download