Ganesh Stotram - Summary
Ganesh Stotram PDF in Hindi का पाठ भक्तों को नियमित रूप से करना चाहिए। भक्तों को स्नान करने के बाद गणेश जी के मंदिर में जाकर उनके प्रिय दूब, पुष्प, और फल चढ़ाना चाहिए। फिर मीठे का भोग लगाकर इस स्तोत्र का पाठ करना चाहिए और भगवान से अपनी इच्छा की पूर्ति के लिए प्रार्थना करनी चाहिए। 🙏
गणेश स्तोत्र का महत्व
गणेश स्तोत्र का पाठ करने से विद्यार्थियों को विद्या का लाभ मिलता है। इसका पाठ करने से विद्यार्थियों का ध्यान पढ़ाई में लगने लगता है, जिसके कारण वे उच्च शिक्षा प्राप्त करते हैं। जिन भक्तों के जीवन में धन की कमी है और जो भगवान से धन की कामना करते हैं, उन्हें इस स्तोत्र के पाठ से धन की प्राप्ति होती है और उनकी दरिद्रता दूर होती है।
Ganesh Stotram Hindi – गणेश स्तोत्र
ॐ श्री गणेशाय नमः || नारद उवाच ||
प्रणम्य शिरसा देवं गौरीं पुत्रं विनायकम् |
भक्तावासं स्मरे न्नित्यं मायुः कामार्थसिद्धये || 1
प्रथमम् वक्रतुण्डम् च एकदन्तम् द्वितीयकम् |
तृतीयम् कृष्ण पिंगक्षम् च गजवक्त्रं चतुर्थकम् || 2 ||
लंबोदरम् पंचमं च षष्ठम विकटमेव च |
सप्तमं विघ्नराजेंद्रम् च धूम्रवर्णम् तथाष्टमम || 3 ||
नवमं भालचंद्रम् च दशमं तु विनायकम् |
एकादशम् गणपतिम् द्वादशम् तु गजाननम् || 4 ||
द्वादशएतानि नामानि त्रिसंध्यम यः पठेन्नरः |
न च विघ्नभ्यम् तस्य सर्वसिद्धि करं प्रभो || 5 ||
विध्यार्थी लभते विद्याम धनार्थी लभते धनम् |
पुत्रार्थी लभते पुत्रान मोक्षार्थी लभते गतिम् || 6 ||
जपेद गणपति स्तोत्रम् षडभिमासैः फलम् लभते |
संवत्सरेण सिद्धि चं लभते नात्र संशयः || 7 ||
अष्टाभ्यो ब्राह्मणेभ्यश्च लिखित्वां यः समर्पयेत |
तस्य विद्या भवेत्सर्वा गणेशस्य प्रसादतः || 8 ||
|| इति श्री नारदपुराणे संकष्टनाशनं स्त्रोत्रम् सम्पूर्णम् ||
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