DBT Form Hindi
सरकार ने अक्तूबर, 2016 से उर्वरकों में प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) प्रणाली लागू की है। उर्वरक डीबीटी प्रणाली के तहत खुदरा विक्रेताओं द्वारा लाभार्थियों को की गई वास्तविक बिक्री के आधार पर उर्वरक कम्पनियों को विभिन्न उर्वरक ग्रेडों पर 100% राजसहायता जारी की जाती है। किसानों/क्रेताओं को राजसहायता प्राप्त सभी उर्वरकों की बिक्री प्रत्येक खुदरा विक्रेता दुकान पर लगाए गए प्वाइंट ऑफ सेल (पीओएस) उपकरणों के माध्यम से की जाती है और लाभार्थियों की पहचान आधार कार्ड, केसीसी, मतदाता पहचान पत्र आदि के माध्यम से की जाती है। विभिन्न राज्यों/संघ राज्यक्षेत्रों को 01.09.2017 से गो-लाइव मोड पर रखा गया है और अखिल भारतीय कार्यान्वयन को मार्च, 2018 तक पूरा कर लिया गया है।
DBT के कार्यान्वयन पर निगरानी रखने के लिए उर्वरक विभाग में परियोजना निगरानी प्रकोष्ठ की स्थापना की गई है। चालू डीबीटी क्रिया-कलापों की निगरानी करने के लिए सभी राज्यों में 24 राज्य समन्वयकों की नियुक्ति की गई है। उर्वरकों में डीबीटी योजना के कार्यान्वयन के लिए प्रत्येक खुदरा बिक्री दुकान पर पीओएस मशीन की स्थापना तथा पीओएस मशीन चलाने के लिए खुदरा विक्रेताओं के प्रशिक्षण की आवश्यकता है। देश भर में अग्रणी उर्वरक आपूर्तिकर्ताओं (एलएफएस) ने आज की तिथि तक 15954 प्रशिक्षण सत्र संचालित किए हैं। सभी राज्यों में 2.60 लाख पीओएस उपकरण लगा दिए गए हैं।
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