Child Marriage Act Hindi - Summary
बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम, 2006 के नियमों के अनुसार, यदि कोई बाल विवाह करता है और अगर वह अठारह वर्ष से अधिक आयु का वयस्क पुरुष है, तो उसे कठोर दंड का सामना करना पड़ सकता है। दंड में दो साल की जेल, एक लाख रुपये तक का जुर्माना या दोनों शामिल हैं। यह अधिनियम महिलाओं की विवाह की न्यूनतम आयु को 21 वर्ष करने के लिए बाल विवाह निषेध एक्ट, 2006 में सुधार करता है। इसके अलावा, यदि किसी कानून, रूढ़ि या प्रथा में विरोध है, तो यह अधिनियम लागू होगा।
Child Marriage Act 2006 का महत्व
Child Marriage Act 2006 के नियमों के तहत, यदि किसी व्यक्ति की शादी न्यूनतम आयु से कम उम्र में हुई है, तो वह वयस्क होने के बाद दो वर्षों के भीतर (यानी 20 वर्ष का पूरा होने से पहले) उस विवाह को अमान्य घोषित करने के लिए आवेदन कर सकता है। यह बिल इस समयावधि को बढ़ाकर पांच वर्ष करता है (यानि 23 वर्ष का पूरा होने से पहले)। विवाह की न्यूनतम आयु को 21 वर्ष किया जा रहा है, जो वयस्कता की न्यूनतम आयु (18 वर्ष) से अधिक है। सर्वोच्च न्यायालय यह कह चुका है कि वयस्कों के बीच विवाह एक मौलिक अधिकार है। इस पर सवाल उठता है कि 18 और 21 वर्ष के बीच के लोगों को शादी करने से रोकना, क्या उनके विवाह के अधिकार पर उचित प्रतिबंध है।
Child Marriage Act in Hindi
2006 के एक्ट के अंतर्गत यदि किसी व्यक्ति की शादी न्यूनतम आयु से पहले हो जाती है, तो वह अपनी शादी को अमान्य घोषित करने के लिए आवेदन कर सकता है। याचिका वयस्क होने के दो वर्ष के भीतर दायर की जानी चाहिए (यानि 20 वर्ष का पूरा होने से पहले)। इस बिल के अनुसार, इस समय अवधि को बढ़ाकर पांच वर्ष (यानि 23 वर्ष का पूरा होने से पहले) किया गया है।
महिलाओं के लिए विवाह की न्यूनतम आयु को बढ़ाना: बाल विवाह निषेध एक्ट, 2006 में प्रावधान है कि पुरुषों के लिए विवाह की न्यूनतम आयु 21 वर्ष और महिलाओं के लिए 18 वर्ष है। बिल महिलाओं के लिए विवाह की न्यूनतम आयु को बढ़ाकर 21 वर्ष करता है। इसमें उल्लेख किया गया है कि यदि किसी कानून, रूढ़ि या प्रथा में विरोध है, तो यह अधिनियम लागू होगा।
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