बगलामुखी साधना (Baglamukhi Sadhna Aur Siddhi) Book - Summary
माँ की दस महाविद्याओं में से 8वीं महाविद्या माँ बगलामुखी को स्तम्भन की देवी कहा गया है। बगलामुखी साधना से साधक के सभी कार्य शीघ्र सिद्ध हो जाते हैं, विशेषकर कलियुग में। मारण, मोहन, उच्चाटन, वशीकरण, अनिष्ट ग्रहों की शांति, मनचाहे व्यक्ति का मिलन, धनप्राप्ति, शत्रुओं का नाश एवं मुकदमे में विजय प्राप्त करने के लिए माँ बगलामुखी साधना, मन्त्र जप और अनुष्ठान तुरंत फल देने वाले होते हैं।
बगलामुखी साधना: मंत्र और विधि
इस पुस्तक में आपको माँ भगवती बगलामुखी को प्रसन्न करने के मंत्र, बगलामुखी चालीसा, पूजन विधि, मंत्र जाप विधि आदि पढ़ने को मिलेंगे। माँ बगलामुखी की साधना और सिद्धि करने से आपको एक विशेष शक्ति प्राप्त होती है जिससे आप औरों का भला कर सकते हैं। बगलामुखी साधना और सिद्धि किताब का मूल्य उसकी उपलब्धता के आधार पर भिन्न हो सकता है।
बगलामुखी साधना विधि :
- माँ बगलामुखी की फोटो, यंत्र, हल्दी की माला, पीले वस्त्र, पीला आसन और चौकी पर बिछाने के लिए पीला कपड़ा ये सभी सामग्री आप बाज़ार से ले आइये। माँ बगलामुखी की साधना में पीले वस्त्रों का उपयोग अनिवार्य है।
- माँ बगलामुखी का बीज मंत्र 36 अक्षरों से बना है। माँ बगलामुखी को 36 का अंक प्रिय है, इसलिए साधना में मंत्र जप की संख्या 3600 या 36000 रखनी चाहिए।
- माँ बगलामुखी की साधना रात्रि में की जानी चाहिए। रात्रि 09 बजे के बाद का कोई भी समय निश्चित कर प्रतिदिन उसी समय पर साधना करें।
- निर्धारित मंत्र जप को 41 दिन में पूरा करें और प्रतिदिन मंत्र जप की संख्या समान रखें।
- दक्षिण दिशा की ओर एक चौकी पर पीला वस्त्र बिछाकर माँ बगलामुखी की फोटो और यंत्र स्थापित करें। अब आप फोटो के सामने पीला आसन बिछाकर और पीले वस्त्र पहनकर बैठ जाएँ।
- माँ बगलामुखी की फोटो के सामने चौकी के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाएँ। दीपक जलाते समय बत्ती पट लगाएँ।
- अब हाथ में जल लेकर संकल्प लें और हल्दी की माला से मंत्र जप आरम्भ करें। मंत्र जप पूर्ण होने के बाद फिर से हाथ में जल लेकर संकल्प लें। साधना के समय संकल्प कैसे लें, इसके लिए आप इस post को पढ़ें : मंत्र सिद्धि कैसे करें?
- 41 दिनों तक एक समय और एक ही स्थान पर मंत्र जप करें। 41 दिन पूरे होने पर जितने मंत्र जप आपने इन दिनों में किये हैं, उनके 10वें भाग से आहुति देकर हवन करें।
- बगलामुखी मंत्र: ”ॐ ह्लीं बगलामुखि सर्वदुष्टानां वाचं मुखं पदं स्तम्भय
जिह्वां कीलय बुद्धिं विनाशय ह्लीं ॐ स्वाहा”
माँ बगलामुखी की उपासना अधिकतर जल्दी फल देने वाली होती है। जो भक्त माँ बगलामुखी साधना विधिपूर्वक और निष्ठा से करते हैं, उन्हें सफलता अवश्य मिलती है। साधना के समय सामान्य यंत्र की अपेक्षा माँ बगलामुखी का सिद्ध यंत्र रखना चाहिए।
बगलामुखी साधना का उपयोग बड़े-बड़े राजनेता अपने प्रतिद्वंदियों को परास्त करने के लिए और मुकदमों में विजय प्राप्त करने के लिए वर्षों से करते आ रहे हैं। बगलामुखी साधना से साधक की आँखों में इतना तेज आ जाता है कि शत्रु दूर से ही आत्म-समर्पण कर देते हैं।
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