आदित्य हृदय स्तोत्र (Aditya Hrudayam Stotram) Hindi PDF

आदित्य हृदय स्तोत्र (Aditya Hrudayam Stotram) in Hindi PDF download free from the direct link below.

आदित्य हृदय स्तोत्र (Aditya Hrudayam Stotram) - Summary

The Aditya Hridaya Stotram is a revered prayer dedicated to Lord Aditya, also known as Surya Dev, and is deeply valued in Hindu devotion. It is described by the esteemed commentator of the Ramayana, Sri Govindaraja, as ‘The Prayer that pleases the Heart of Lord Aditya’ – Aditya Manah – Prasadakam Ityarthah. This powerful Aditya Hrudayam PDF is available for download, providing a comprehensive guide to the hymn’s significance and benefits.

आदित्य हृदय स्तोत्र की महत्ता

आदित्य हृदय स्तोत्र भगवान सूर्य देव की प्रार्थना है। यह प्रार्थना राम और रावण के बीच महायुद्ध से पहले सुनाई गई थी। इसे महर्षि ऋषि अगस्त्य द्वारा प्रस्तुत किया गया था। यह पूजा तब विशेष महत्व रखती है जब आपके राशि (जन्म कुंडली) में सूर्य ग्रहण हो। ऐसी परिस्थितियों में, आपको अच्छे परिणाम के लिए नियमित रूप से कर्मकाण्ड (पाठ, व्रत, हवन आदि) करने चाहिए। आदित्य हृदय स्तोत्र मन की शांति, आत्मविश्वास और समृद्धि प्रदान करता है।

इस प्रार्थना के पाठ से जीवन में आने वाली सभी बाधाएं दूर होती हैं। आदित्य हृदय स्तोत्र की पूजा विधि से अनगिनत लाभ होते हैं, जिसके लिए आदित्य हृदय स्तोत्र के जप, पूजा पाठ, हवन और व्रत का आयोजन किया जाता है। यह सभी को सुख, शक्ति और सफलता दिलाने में सहायक है।

आदित्य हृदय स्तोत्र – हिंदी अनुवाद सहित

ततो युद्धपरिश्रान्तं समरे चिन्तया स्थितम्। रावणं चाग्रतो दृष्ट्वा युद्धाय समुपस्थितम्॥ 01

अर्थ :- उधर श्रीरामचन्द्रजी युद्ध से थककर चिंता करते हुए रणभूमि में खड़े हुए थे। इतने में रावण भी युद्ध के लिए उनके सामने उपस्थित हो गया।

दैवतैश्च समागम्य द्रष्टुमभ्यागतो रणम्। उपागम्याब्रवीद्राममगस्त्यो भगवान् ऋषिः॥ 02

अर्थ :- यह देख भगवान् अगस्त्य मुनि, जो देवताओं के साथ युद्ध देखने के लिए आए थे, श्रीराम के पास जाकर बोले।

राम राम महाबाहो शृणु गुह्यं सनातनम्। येन सर्वानरीन् वत्स समरे विजयिष्यसि॥ 03

अर्थ :- सबके ह्रदय में रमन करने वाले महाबाहो राम! यह सनातन गोपनीय स्तोत्र सुनो! वत्स! इसके जप से तुम युद्ध में अपने समस्त शत्रुओं पर विजय पा जाओगे।

आदित्यहृदयं पुण्यं सर्वशत्रुविनाशनम्। जयावहं जपेन्नित्यम् अक्षय्यं परमं शिवम्॥ 04

अर्थ :- इस गोपनीय स्तोत्र का नाम है ‘आदित्यहृदय’। यह परम पवित्र और संपूर्ण शत्रुओं का नाश करने वाला है। इसके जप से सदा विजय कि प्राप्ति होती है। यह नित्य अक्षय और परम कल्याणमय स्तोत्र है।

सर्वमङ्गलमाङ्गल्यं सर्वपापप्रणाशनम्। चिन्ताशोकप्रशमनम् आयुर्वर्धनमुत्तमम्॥ 05

अर्थ :- सम्पूर्ण मंगलों का भी मंगल है। इससे सब पापों का नाश हो जाता है। यह चिंता और शोक को मिटाने तथा आयु का बढ़ाने वाला उत्तम साधन है।

रश्मिमंतं समुद्यन्तं देवासुरनमस्कृतम्। पूजयस्व विवस्वन्तं भास्करं भुवनेश्वरम्॥ 06

अर्थ :- भगवान् सूर्य अपनी अनंत किरणों से सुशोभित हैं। ये नित्य उदय होने वाले, देवता और असुरों से नमस्कृत, विवस्वान नाम से प्रसिद्ध, प्रभा का विस्तार करने वाले और संसार के स्वामी हैं। तुम इनका रश्मिमंते नमः, समुद्यन्ते नमः, देवासुरनमस्कृताय नमः, विवस्वते नमः, भास्कराय नमः, भुवनेश्वराय नमः इन मन्त्रों के द्वारा पूजन करो।

Download the Aditya Hrudayam PDF for a detailed exploration of the complete verses and their meanings. Click the direct download button provided below to access the full text or read it online for free.

Also Read – Aditya Hrudayam PDF in Telugu

RELATED PDF FILES

आदित्य हृदय स्तोत्र (Aditya Hrudayam Stotram) Hindi PDF Download