Brahmacharini Mata Aarti Lyrics Hindi
ब्रह्माचारिणी माता की पूजा नवरात्रि के दूसरे दिन की जाति हैं। ये देवी भी हर मनाकामना करती है। कहते हैं इस दिन कुंडलिनी शक्तियों को जागृत करने के लिए भी साधना की जाती है। माँ दुर्गा का ये दूसरा स्वरूप भक्तों और सिद्धों को शुभ और अनंत फल देने वाला है। साथ ही इनकी तपस्या से तप, त्याग, वैराग्य, सदाचार, संयम की बढ़ोतरी होती है।
ब्रह्मचारिणी का अर्थ हुआ तप का आचरण करने वाली। इनके दाहिने हाथ में जप की माला एवं बाएँ हाथ में कमण्डल रहता है। ब्रह्मचारिणी माता का स्वभाव बहुत ही समय है तथा वह तप की मुद्रा में रहती हैं। ब्रह्मचारिणी देवी का पूजन करने के पश्चात् उनकी आरती करना भी बहुत ही आवश्यक है।
माँ ब्रह्मचारिणी की आरती – Maa Brahmacharini Aarti
जय अम्बे ब्रह्मचारिणी माता।
जय चतुरानन प्रिय सुख दाता॥
ब्रह्मा जी के मन भाती हो।
ज्ञान सभी को सिखलाती हो॥
ब्रह्म मन्त्र है जाप तुम्हारा।
जिसको जपे सरल संसारा॥
जय गायत्री वेद की माता।
जो जन जिस दिन तुम्हें ध्याता॥
कमी कोई रहने ना पाए।
कोई भी दुख सहने न पाए॥
उसकी विरति रहे ठिकाने।
जो तेरी महिमा को जाने॥
रद्रक्षा की माला ले कर।
जपे जो मन्त्र श्रद्धा दे कर॥
आलस छोड़ करे गुणगाना।
माँ तुम उसको सुख पहुँचाना॥
ब्रह्मचारिणी तेरो नाम।
पूर्ण करो सब मेरे काम॥
भक्त तेरे चरणों का पुजारी।
रखना लाज मेरी महतारी॥
माँ ब्रह्मचारिणी मंत्र – Maa Brahmacharini Mantra
माँ ब्रह्मचारिणी बीज मंत्र
ॐ देवी ब्रह्मचारिण्यै नमः॥
माँ ब्रह्मचारिणी वैदिक मंत्र
दधाना कर पद्माभ्यामक्षमाला कमण्डलू।
देवी प्रसीदतु मयि ब्रह्मचारिण्यनुत्तमा॥
माँ ब्रह्मचारिणी स्तुति
या देवी सर्वभूतेषु माँ ब्रह्मचारिणी रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
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