दुर्गा चालीसा हिन्दी में (Durga Chalisa ) PDF

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दुर्गा चालीसा हिन्दी में (Durga Chalisa ) - Summary

श्री दुर्गा चालीसा का पाठ हर व्यक्ति को नियमित रूप से या विशेष रूप से नवरात्रि के दौरान अवश्य करना चाहिए। यह चालीसा मां दुर्गा की कृपा प्राप्त करने और उनके आशीर्वाद से परिवार की सुरक्षा सुनिश्चित करने का एक श्रेष्ठ माध्यम है। मां दुर्गा की उपासना में यह पाठ अत्यंत प्रभावशाली माना गया है और शास्त्रों में इसकी महत्ता विशेष रूप से वर्णित है।

नवरात्रि, व्रत, पूजन या किसी भी शुभ अवसर पर दुर्गा चालीसा का नियमित पाठ करने से भक्तों को आध्यात्मिक शक्ति, मानसिक शांति, और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का अनुभव होता है। यही कारण है कि अनेकों भक्तजन इसे अपने दैनिक पूजा क्रम में शामिल करते हैं और मां दुर्गा की कृपा प्राप्त करते हैं।

दुर्गा चालीसा का महत्व और लाभ

माँ दुर्गा की पूजा चालीसा के बिना अधूरी मानी जाती है। नवरात्रि में दुर्गा चालीसा का पाठ करने से शत्रु विनाश, मनोकामना पूर्ति, और और भी कई लाभ मिलते हैं। माँ दुर्गा का अवतार इस संसार में अंधकार दूर करने और धर्म की रक्षा के लिए हुआ है। दुर्गा चालीसा पाठ के बाद आप “नमो नमो दुर्गे सुख करनी” आरती, “जय अम्बे गौरी” और “जगजननी जय जय” आरती का भी पाठ कर सकते हैं। साथ ही मां दुर्गा के मंत्र का जाप भी बहुत फायदेमंद है।

दुर्गा चालीसा के बोल हिंदी में

नमो नमो दुर्गे सुख करनी।
नमो नमो दुर्गे दुःख हरनी॥

निरंकार है ज्योति तुम्हारी।
तिभ00 लोक फैली उजियारी॥
शशि ललाट मुख महाविशाला।
नेत्र लाल भृकुटि विकराला॥

रूप मातु को अधिक सुहावे।
दरश करत जन अति सुख पावे॥

तुम संसार शक्ति लै कीना।
पालन हेतु अन्न धन दीना॥

अन्नपूर्णा हुई जग पाला।
तुम ही आदि सुंदरी बाला॥
प्रलयकाल सब नाशन हारी।
तुम गौरी शिवशंकर प्यारी॥

शिव योगी तुम्हरे गुण गावें।
ब्रह्मा विष्णु तुम्हें नित ध्यावें॥

रूप सरस्वती को तुम धारा।
दे सुबुद्धि ऋषि मुनिन उबारा॥

धरयो रूप नरसिंह को अम्बा।
परगट भई फाड़कर खम्बा॥
रक्षा करि प्रह्लाद बचायो।
हिरण्याक्ष को स्वर्ग पठायो॥

लक्ष्मी रूप धरो जग माहीं।
श्री नारायण अंग समाहीं॥

क्षीरसिन्धु में करत विलासा।
दयासिन्धु दीजै मन आसा॥

हिंगलाज में तुम्हीं भवानी।
महिमा अमित न जात बखानी॥
मातंगी अरु धूमावति माता।
भुवनेश्वरी बगला सुख दाता॥

श्री भैरव तारा जग तारिणी।
छिन्न भाल भव दुःख निवारिणी॥

केहरि वाहन सोह भवानी।
लांगुर वीर चलत अगवानी॥

कर में खप्पर खड्ग विराजै।
जाको देख काल डर भाजै॥
सोहै अस्त्र और त्रिशूला।
जाते उठत शत्रु हिय शूला॥

नगरकोट में तुम्हीं विराजत।
तिभ00लोक में डंका बाजत॥

शुंभ निशुंभ दानव तुम मारे।
रक्तबीज शंखन संहारे॥

महिषासुर नृप अति अभिमानी।
जेहि अघ भार मही अकुलानी॥
रूप कराल कालिका धारा।
सेन सहित तुम तिहि संहारा॥

परी गाढ़ संतन पर जब जब।
भई सहाय मातु तुम तब तब॥

अमरपुरी अरु बासव लोका।
तब महिमा सब रहें अशोका॥

ज्वाला में है ज्योति तुम्हारी।
तुम्हें सदा पूजें नर-नारी॥
प्रेम भक्ति से जो यश गावें।
दुःख दारिद्र निकट नहिं आवें॥

ध्यावे तुम्हें जो नर मन लाई।
जन्म-मरण ताकौ छुटि जाई॥

जोगी सुर मुनि कहत पुकारी।
योग न हो बिन शक्ति तुम्हारी॥

शंकर आचारज तप कीनो।
काम अरु क्रोध जीति सब लीनो॥
निशिदिन ध्यान धरो शंकर को।
काहु काल नहिं सुमिरो तुमको॥

शक्ति रूप का मरम न पायो।
शक्ति गई तब मन पछितायो॥

शरणागत हुई कीर्ति बखानी।
जय जय जय जगदम्ब भवानी॥

भई प्रसन्न आदि जगदम्बा।
दई शक्ति नहिं कीन विलम्बा॥
मोको मातु कष्ट अति घेरो।
तुम बिन कौन हरै दुःख मेरो॥

आशा तृष्णा निपट सतावें।
रिपू मुरख मौही डरपावे॥

शत्रु नाश कीजै महारानी।
सुमिरौं इकचित तुम्हें भवानी॥

करो कृपा हे मातु दयाला।
ऋद्धि-सिद्धि दै करहु निहाला।
जब लगि जिऊं दया फल पाऊं।
तुम्हरो यश मैं सदा सुनाऊं॥

दुर्गा चालीसा जो कोई गावै।
सब सुख भोग परमपद पावै॥

देवीदास शरण निज जानी।
करहु कृपा जगदम्ब भवानी॥

॥ इति श्री दुर्गा चालीसा सम्पूर्ण ॥

दुर्गा चालीसा पाठ के मुख्य लाभ

  • नवरात्रि या किसी भी शुभ मौके पर दुर्गा चालीसा का नियमित पाठ आध्यात्मिक शांति और भौतिक सफलता देता है।
  • अगर आप अपने मन को शांति देना चाहते हैं तो रोजाना दुर्गा चालीसा का जाप बहुत फायदेमंद है। ऋषि-मुनि भी इसे पाठ कर मन को शुद्ध रखते थे।
  • दुर्गा चालीसा के नियमित पाठ से शरीर में सकारात्मक ऊर्जा आती है और शत्रुओं पर विजय मिलती है।
  • दुर्गा चालीसा का पाठ पैसे की मुश्किलें, पारिवारिक दिक्कतें और कई दुखों से मुक्ति दिलाता है। यह मानसिक शक्ति, उम्मीद और संतुलन बनाए रखने में मदद करता है।
  • इस पाठ से खोई हुई सामाजिक इज्जत भी फिर से मिल सकती है।
  • माँ दुर्गा की मन से पूजा करने से नकारात्मक सोच दूर होती है।
  • भक्त की सच्ची श्रद्धा से मां दुर्गा धन, ज्ञान और समृद्धि का आशीर्वाद देती हैं।

पूरा श्री दुर्गा चालीसा PDF हिन्दी में डाउनलोड करने के लिए नीचे दिए गए डाउनलोड बटन पर क्लिक करें। इस PDF में दुर्गा चालीसा के साथ-साथ दुर्गा आरती और पूजा विधि भी शामिल हैं।

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