64 योगिनी मंत्र – 64 Yogini Mantra - Summary
64 योगिनी मंत्र भारत की अद्भुत आध्यात्मिक परंपरा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। आदिशक्ति मां काली के ये अवतार घोर नामक दैत्य से युद्ध करते समय प्रकट हुए थे। इनमें से दस महाविद्याएं और कई सिद्ध विद्याओं का भी समावेश है। सभी 64 योगिनियां आद्या शक्ति काली के भिन्न-भिन्न अवतार हैं और इनका तंत्र व योग विद्या से गहरा संबंध है।
चौंसठ योगिनियों के नाम
इन चौंसठ योगिनियों का मंत्र का उपयोग वस्तु दोष को समाप्त करने के लिए किया जाता है। निम्नलिखित हैं चौंसठ योगिनियों के नाम:
- बहुरूप
- तारा
- नर्मदा
- यमुना
- शांति
- वारुणी
- क्षेमंकरी
- ऐन्द्री
- वाराही
- रणवीरा
- वानर-मुखी
- वैष्णवी
- कालरात्रि
- वैद्यरूपा
- चर्चिका
- बेतली
- छिन्नमस्तिका
- वृषवाहन
- ज्वाला कामिनी
- घटवार
- कराकाली
- सरस्वती
- बिरूपा
- कौवेरी
- भलुका
- नारसिंही
- बिरजा
- विकतांछा
- महालक्ष्मी
- कौमारी
- महामाया
- रति
- करकरी
- सर्पश्या
- यक्षिणी
- विनायकी
- विंध्यवासिनी
- वीर कुमारी
- माहेश्वरी
- अम्बिका
- कामिनी
- घटाबरी
- स्तुती
- काली
- उमा
- नारायणी
- समुद्र
- ब्रह्मिनी
- ज्वाला मुखी
- आग्नेयी
- अदिति
- चन्द्रकान्ति
- वायुवेगा
- चामुण्डा
- मूरति
- गंगा
- धूमावती
- गांधार
- सर्व मंगला
- अजिता
- सूर्यपुत्री
- वायु वीणा
- अघोर
- भद्रकाली
64 योगिनी मंत्र
- ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री काली नित्य सिद्धमाता स्वाहा।
- ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री कपलिनी नागलक्ष्मी स्वाहा।
- ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री कुला देवी स्वर्णदेहा स्वाहा।
- ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री कुरुकुल्ला रसनाथा स्वाहा।
- ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री विरोधिनी विलासिनी स्वाहा।
- ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री विप्रचित्ता रक्तप्रिया स्वाहा।
- ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री उग्र रक्त भोग रूपा स्वाहा।
- ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री उग्रप्रभा शुक्रनाथा स्वाहा।
- ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री दीपा मुक्तिः रक्ता देहा स्वाहा।
- ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री नीला भुक्ति रक्त स्पर्शा स्वाहा।
- ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री घना महा जगदम्बा स्वाहा।
- ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री बलाका काम सेविता स्वाहा।
- ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री मातृ देवी आत्मविद्या स्वाहा।
- ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री मुद्रा पूर्णा रजतकृपा स्वाहा।
- ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री मिता तंत्र कौला दीक्षा स्वाहा।
- ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री महाकाली सिद्धेश्वरी स्वाहा।
- ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री कामेश्वरी सर्वशक्ति स्वाहा।
- ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री भगमालिनी तारिणी स्वाहा।
- ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री नित्यकलींना तंत्रार्पिता स्वाहा।
- ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री भैरुण्ड तत्त्व उत्तमा स्वाहा।
- ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री वह्निवासिनी शासिनि स्वाहा।
- ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री महवज्रेश्वरी रक्त देवी स्वाहा।
- ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री शिवदूती आदि शक्ति स्वाहा।
- ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री त्वरिता ऊर्ध्वरेतादा स्वाहा।
- ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री कुलसुंदरी कामिनी स्वाहा।
- ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री नीलपताका सिद्धिदा स्वाहा।
- ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री नित्य जनन स्वरूपिणी स्वाहा।
- ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री विजया देवी वसुदा स्वाहा।
- ॐ ऐं हृ چیستلें کئی முவ்டீ ๑่น मुसनु ** 紅 대 대 *** ك cik हो त نقص वहायु वह है हाना अनुर भूमि।
64 योगिनी मंत्र – 64 Yogini Mantra Hindi PDF Download