Mahatma Gandhi Speech Hindi PDF

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Mahatma Gandhi Speech - Summary

भारत 2 अक्टूबर 2021 को महात्मा गांधी की 152वीं जयंती मनाता है, जिसे ‘राष्ट्रपिता’ के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन को गांधी जयंती कहा जाता है। महात्मा गांधी ने स्वतंत्रता सेनानियों में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। अहिंसा के मार्ग पर चलकर गांधी जी ने आजाद भारत का सपना साकार किया। गांधी जी के आंदोलनों में चंपारण आंदोलन, खेड़ा आंदोलन, खिलाफत आंदोलन, असहयोग आंदोलन, नमक मार्च और भारत छोड़ो आंदोलन ने लोगों को आजादी के लिए प्रेरित किया।

गाँधी जयंती के अवसर पर महात्मा गांधी भाषण

हर स्कूल गांधी जयंती मनाता है और देश भर में तथा विश्व स्तर पर कई कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। स्कूली छात्र भाषण, निबंध लेखन, और पोस्टर बनाने के कार्यक्रमों में भाग लेते हैं।

Mahatma Gandhi Speech Hindi

आदरणीय प्रधानाचार्य महोदय, यहाँ उपस्थित सभी शिक्षकगण और प्रिय छात्रों, आप सभी का आज के इस कार्यक्रम में हार्दिक स्वागत है।

आज 2 अक्टूबर को गाँधी जयंती के इस अवसर पर, मुझे यह बताते हुए काफी प्रसन्नता महसूस हो रही है कि, मुझे आप सब के समक्ष हमारे आदर्श महात्मा गांधी के बारे में अपने विचार साझा करने का मौका मिल रहा है।

कभी ना कभी आपके मन में यह विचार जरूर आया होगा कि महात्मा गांधी को हमारे देश का आदर्श क्यों माना जाता है? विश्व भर में कई लोग उन्हें शांति और अहिंसा के प्रतीक के रूप में देखते हैं। हम रोजाना कई ऐसी घटनाएं सुनते हैं, जिसमें भारतीय छात्र और लोग अपना देश छोड़कर विदेशों में बस जाते हैं और भारतीय संस्कृति को भूल जाते हैं। लेकिन गांधी जी एक ऐसे व्यक्ति थे, जिन्होंने कई विदेश यात्राओं के बाद भी अपने देश को नहीं भुलाया और अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद अपने देश वापस लौटे और भारत की स्वतंत्रता के लिए निस्वार्थ भाव से संघर्ष किया।

गाँधी जी ने भारत को अंग्रेजों से आजाद कराने के बारे में अपने विचारों में काफी स्पष्टता दिखाई। वे चाहते थे कि देशवासी अपने स्वतंत्रता के महत्व को समझें। उनका मानना था कि हम अपने देश को चलाने में खुद सक्षम हैं और हमें दूसरों की सोच तथा संस्कृति को अपनाने की कोई आवश्यकता नहीं है। इसी लिए उन्होंने देशवासियों से अंग्रेजों की वेशभूषा को त्यागने और भारतीय मिलों में बने खादी के कपड़ों को अपनाने के लिए कहा। साथ ही, गाँधी जी ने लोगों से आग्रह किया कि वे खुद नमक बनाएं और अंग्रेजी हुकूमत के नमक कानून का पालन ना करें।

अंग्रेजों के नमक कानून का विरोध करने के लिए, गाँधी जी ने दांडी यात्रा की शुरुआत की। उनके इस आंदोलन में अमीर-गरीब, महिलाओं, बुजुर्गों सहित समाज के सभी तबकों ने हिस्सा लिया। यह इस बात को साबित करने के लिए काफी था कि महात्मा गांधी समाज के हर वर्ग के सर्वमान्य नेता थे। उनके इस विरोध के चलते अंग्रेजों को नमक कानून को वापस लेना पड़ा।

गाँधी जी का हर कार्य प्रशंसनीय है। जीवन में उन्हें कई बार जेल में भी रहना पड़ा। उन्होंने हमेशा महिलाओं की तरक्की पर जोर दिया, और आज की महिलाएं पुरुषों के साथ हर क्षेत्र में कंधे से कंधा मिलाकर काम कर रही हैं। गांधी जी के सिद्धांत केवल हमारे देश तक ही सीमित नहीं थे, बल्कि मार्टिन लूथर किंग जैसे लोगों ने भी रंगभेद की नीति के खिलाफ उनके अहिंसात्मक विचारों को अपनाया।

हमें सदैव उनका आभार मानना चाहिए, क्योंकि उन्होंने भारत की तरक्की और मानवता की सेवा के लिए अपने प्राणों का बलिदान कर दिया। उनकी सादगी भरे जीवन और व्यक्तित्व के कारण लोग खुद को उनकी ओर आकर्षित होने से नहीं रोक पाते थे। उन्होंने अपना पूरा जीवन समाज की सेवा और भारत को अंग्रेजों के अत्याचारों से मुक्त कराने के लिए समर्पित किया।

हम गाँधी जी के सहनशीलता और अहिंसा के मार्ग से जीवन में बहुत कुछ सीख सकते हैं। यदि हम उनके गुणों को अपने जीवन में अपनाएं, तो संसार में कई समस्याओं का समाधान हो सकता है। गाँधी जी ने ना सिर्फ देश की आजादी के लिए लड़ाई लड़ी, बल्कि छुआछूत, जातिवाद, और लिंग भेद जैसी सामाजिक कुरीतियों का भी सामना किया। उन्होंने मानवता की सेवा को सच्चा धर्म माना और जीवन भर इसके लिए समर्पित रहे। उनकी महानता का अंदाजा बस इस बात से लगाया जा सकता है कि जब उनकी हत्या हुई, तब भी उनके मुख से ईश्वर का ही नाम निकला।

उनकी महानता का वर्णन कुछ शब्दों में करना बेहद मुश्किल है। उनका जीवन ना सिर्फ हमारे लिए, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए भी प्रेरणा का स्रोत है।

गाँधी जी के विचार और त्याग यह दर्शाते हैं कि हमारे बापू कितने विनम्र और सहनशील थे, और हमारे लिए उनसे बेहतर आदर्श शायद ही कोई हो सकता है। मैं आशा करता हूँ कि आप सभी को मेरी बातें पसंद आई होंगी और महात्मा गांधी की यह शिक्षाएं आपके जीवन में प्रेरणा बनेंगी। अब इस भाषण को समाप्त करते हुए, मैं आपसे विदा लेने की अनुमति चाहूँगा।

मुझे इतने धैर्यपूर्वक सुनने के लिए आप सभी का धन्यवाद!

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