हवन आहुति मंत्र – Hawan Mantra Sanskrit PDF

हवन आहुति मंत्र – Hawan Mantra in Sanskrit PDF download free from the direct link below.

हवन आहुति मंत्र – Hawan Mantra - Summary

यदि आप हवन आहुति मंत्र के बारे में जानना चाहते हैं, तो आपका स्वागत है। इस लेख में हम आपको हवन से जुड़े मंत्रों, उनकी विस्तृत जानकारी और उनके महत्व के बारे में बताएंगे। इस जानकारी को आप हमारे वेबसाइट से PDF डाउनलोड करके भी प्राप्त कर सकते हैं।

हवन आहुति मंत्रों की जानकारी

॥अथ अग्निहोत्रमंत्र:॥

» जल से आचमन करने के 3 मंत्र

ॐ अमृतोपस्तरणमसि स्वाहा ॥१॥
ॐ अमृतापिधानमसि स्वाहा ॥२॥
ॐ सत्यं यश: श्रीर्मयि श्री: श्रयतां स्वाहा ॥३॥
मंत्रार्थ – हे सर्वरक्षक अमर परमेश्वर! यह सुखप्रद जल प्राणियों का आश्रयभूत है, यह हमारा कथन शुभ हो। यह मैं सत्यनिष्ठापूर्वक मानकर कहता हूँ और सुष्ठूक्रिया आचमन के सदृश आपको अपने अंत:करण में ग्रहण करता हूँ॥1॥
हे सर्वरक्षक अविनाशिस्वरूप, अजर परमेश्वर! आप हमारे आच्छादक वस्त्र के समान अर्थात सदा-सर्वदा सब और से रक्षक हों, यह सत्यवचन मैं सत्यनिष्ठापूर्वक मानकर कहता हूँ और सुष्ठूक्रिया आचमन के सदृश आपको अपने अंत:करण में ग्रहण करता हूँ॥2॥
हे सर्वरक्षक ईश्वर सत्याचरण, यश एवं प्रतिष्ठा. विजयलक्ष्मी, शोभा धन-ऐश्वर्य मुझमे स्थित हों, यह मैं सत्यनिष्ठापूर्वक प्रार्थना करता हूँ और सुष्ठूक्रिया आचमन के सदृश आपको अपने अंत:करण में ग्रहण करता हूँ॥3॥

जल से अंग स्पर्श करने के मंत्र

इसका प्रयोजन है-शरीर के सभी महत्त्वपूर्ण अंगों में पवित्रता का समावेश तथा अंतः की चेतना को जगाना ताकि यज्ञ जैसा श्रेष्ठ कृत्य किया जा सके। बाएँ हाथ की हथेली में जल लेकर दाहिने हाथ की उँगलियों को उनमें भिगोकर बताए गए स्थान को मंत्रोच्चार के साथ स्पर्श करें।

यह मंत्र मुख का स्पर्श करने के लिए है:

ॐ वाङ्म आस्येऽस्तु ॥

नासिका के दोनों भाग के लिए:

ॐ नसोर्मे प्राणोऽस्तु ॥

इससे दोनों आँखें:

ॐ अक्ष्णोर्मे चक्षुरस्तु ॥

इससे दोनों कान:

ॐ कर्णयोर्मे श्रोत्रमस्तु ॥

इससे दोनों भुजाएँ:

ॐ बाह्वोर्मे बलमस्तु ॥

इससे दोनों जंघाएँ:

ॐ ऊर्वोर्म ओजोऽस्तु ॥

इससे सारे शरीर पर जल का मार्जन करें:

ॐ अरिष्टानि मेऽङ्गानि तनूस्तन्वा में सह सन्तु ॥
मंत्रार्थ – हे रक्षक परमेश्वर! मैं आपसे प्रार्थना करता हूँ कि मेरे मुख में वाक् इन्द्रिय पूर्ण आयुपर्यन्त स्वास्थ्य एवं सामर्थ्य सहित विद्यमान रहे।
हे रक्षक परमेश्वर! मेरे दोनों नासिका भागों में प्राणशक्ति पूर्ण आयुपर्यन्त स्वास्थ्य एवं सामर्थ्यसहित विद्यमान रहे।
हे रक्षक परमेश्वर! मेरे दोनों आखों में दृष्टिशक्ति पूर्ण आयुपर्यन्त स्वास्थ्य एवं सामर्थ्यसहित विद्यमान रहे।
हे रक्षक परमेश्वर! मेरे दोनों कानों में सुनने की शक्ति पूर्ण आयुपर्यन्त स्वास्थ्य एवं सामर्थ्यसहित विद्यमान रहे।
हे रक्षक परमेश्वर! मेरी भुजाओं में पूर्ण आयुपर्यन्त बल विद्यमान रहे।
हे रक्षक परमेश्वर! मेरी जंघाओं में बल-पराक्रम सहित सामर्थ्य पूर्ण आयुपर्यन्त विद्यमान रहे।
हे रक्षक परमेश्वर! मेरा शरीर और अंग-प्रत्यंग रोग एवं दोष रहित बने रहें, ये अंग-प्रत्यंग मेरे शरीर के साथ सम्यक् प्रकार संयुक्त हुए सामर्थ्य सहित विद्यमान रहें।

» ईश्वर की स्तुति – प्रार्थना – उपासना के मंत्र

ॐ विश्वानी देव सवितर्दुरितानि परासुव ।
यद भद्रं तन्न आ सुव ॥१॥
मंत्रार्थ – हे सब सुखों के दाता ज्ञान के प्रकाशक सकल जगत के उत्पत्तिकर्ता एवं समग्र ऐश्वर्ययुक्त परमेश्वर! आप हमारे सम्पूर्ण दुर्गुणों, दुर्व्यसनों और दुखों को दूर कर दीजिए, और जो कल्याणकारक गुण, कर्म, स्वभाव, सुख और पदार्थ हैं, उसको हमें भलीभांति प्राप्त कराइये।
हिरण्यगर्भ: समवर्त्तताग्रे भूतस्य जात: पतिरेक आसीत् ।
स दाघार पृथिवीं द्यामुतेमां कस्मै देवाय हविषा विधेम ॥२॥
मंत्रार्थ – सृष्टि के उत्पन्न होने से पूर्व और सृष्टि रचना के आरम्भ में स्वप्रकाशस्वरूप और जिसने प्रकाशयुक्त सूर्य, चन्द्र, तारे, ग्रह-उपग्रह आदि पदार्थों को उत्पन्न करके अपने अन्दर धारण कर रखा है, वह परमात्मा सम्यक् रूप से वर्तमान था। वही उत्पन्न हुए सम्पूर्ण जगत का प्रसिद्ध स्वामी केवल अकेला एक ही था। उसी परमात्मा ने इस पृथ्वीलोक और द्युलोक आदि को धारण किया हुआ है, हम लोग उस सुखस्वरूप, सृष्टिपालक, शुद्ध एवं प्रकाश-दिव्य-सामर्थ्य युक्त परमात्मा की प्राप्ति के लिये ग्रहण करने योग्य योगाभ्यास व हव्य पदार्थों द्वारा विशेष भक्ति करते हैं।

यहाँ पर PDF डाउनलोड करके आप सभी मंत्रों की जानकारी सहित एक व्यवस्थित रूप में प्राप्त कर सकते हैं।

RELATED PDF FILES

हवन आहुति मंत्र – Hawan Mantra Sanskrit PDF Download