श्री विष्णु सहस्त्रनाम – Vishnu Sahasranama Sanskrit PDF

श्री विष्णु सहस्त्रनाम – Vishnu Sahasranama in Sanskrit PDF download free from the direct link below.

श्री विष्णु सहस्त्रनाम – Vishnu Sahasranama - Summary

विष्णु सहस्रनाम (Vishnu Sahasranama) एक प्रमुख हिन्दू धार्मिक ग्रंथ है, जिसमें भगवान विष्णु के 1000 नामों की महिमा का वर्णन है। यह पवित्र पाठ भक्तों को भगवान विष्णु के आशीर्वाद प्राप्त करने में मदद करता है, खासकर पूजा और भक्ति के दौरान। इसके पाठ से जीवन में सुख, शांति, और समृद्धि की प्राप्ति होती है। यह ग्रंथ भक्तों को उनके मनोकामनाओं की पूर्ति और भाग्य को बदलने के लिए प्रेरित करता है।

विष्णु सहस्त्रनाम का महत्व

विष्णु सहस्रनाम महाकाव्य महाभारत के अनुषासन पर्व में मिलता है, जो इसका सबसे लोकप्रिय संस्करण है। इसके अलावा, इसे पद्म पुराण, स्कंद पुराण, और गरुड़ पुराण में भी पढ़ा जा सकता है। विशेष रूप से, एक सिख संस्करण भी है, जिसे सुंदर गुटका पाठ में सम्मिलित किया गया है।

जिन्हें विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करने का लाभ होता है, वे यश, सुख, ऐश्वर्य, और समृद्धि प्राप्त करते हैं। यह पाठ भक्तों को संतोष और मानसिक शांति प्रदान करता है, जिससे उन्हें सकारात्मक ऊर्जा मिलती है।

श्री विष्णु सहस्त्रनाम – Vishnu Sahasranama Lyrics Download Free

ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नम:
ॐ विश्वं विष्णु: वषट्कारो भूत-भव्य-भवत-प्रभुः ।
भूत-कृत भूत-भृत भावो भूतात्मा भूतभावनः ।। 1 ।।

पूतात्मा परमात्मा च मुक्तानां परमं गतिः।
अव्ययः पुरुष साक्षी क्षेत्रज्ञो अक्षर एव च ।। 2 ।।

योगो योग-विदां नेता प्रधान-पुरुषेश्वरः।
नारसिंह-वपुः श्रीमान केशवः पुरुषोत्तमः ।। 3 ।।

सर्वः शर्वः शिवः स्थाणु: भूतादि: निधि: अव्ययः।
संभवो भावनो भर्ता प्रभवः प्रभु: ईश्वरः ।। 4 ।।

स्वयंभूः शम्भु: आदित्यः पुष्कराक्षो महास्वनः।
अनादि-निधनो धाता विधाता धातुरुत्तमः ।। 5 ।।

अप्रमेयो हृषीकेशः पद्मनाभो अमरप्रभुः।
विश्वकर्मा मनुस्त्वष्टा स्थविष्ठः स्थविरो ध्रुवः ।। 6 ।।

अग्राह्यः शाश्वतः कृष्णो लोहिताक्षः प्रतर्दनः।
प्रभूतः त्रिककुब-धाम पवित्रं मंगलं परं ।। 7 ।।

ईशानः प्राणदः प्राणो ज्येष्ठः श्रेष्ठः प्रजापतिः।
हिरण्य-गर्भो भू-गर्भो माधवो मधुसूदनः ।। 8 ।।

ईश्वरो विक्रमी धन्वी मेधावी विक्रमः क्रमः।
अनुत्तमो दुराधर्षः कृतज्ञः कृति: आत्मवान ।। 9 ।।

सुरेशः शरणं शर्म विश्व-रेताः प्रजा-भवः।
अहः संवत्सरो व्यालः प्रत्ययः सर्वदर्शनः ।। 10 ।।

अजः सर्वेश्वरः सिद्धः सिद्धिः सर्वादि: अच्युतः।
वृषाकपि: अमेयात्मा सर्व-योग-विनिःसृतः ।। 11 ।।

वसु:वसुमनाः सत्यः समात्मा संमितः समः।
अमोघः पुण्डरीकाक्षो वृषकर्मा वृषाकृतिः ।। 12 ।।

आप श्री विष्णु सहस्त्रनाम का PDF डाउनलोड कर सकते हैं। क्लिक करें और अपनी आध्यात्मिक यात्रा को आगे बढ़ाएं! 📥

RELATED PDF FILES

श्री विष्णु सहस्त्रनाम – Vishnu Sahasranama Sanskrit PDF Download