विष्णु सहस्रनाम 2025 Vishnu Sahasranama - Summary
विष्णु सहस्रनाम (Vishnu Sahasranama) भगवान विष्णु के 1000 पवित्र नामों का दिव्य संग्रह है। यह प्रमुख हिन्दू धार्मिक ग्रंथ भक्तों को विष्णु भगवान की महिमा का शानदार परिचय देता है, जो पूजा और भक्ति के समय बहुत प्रभावशाली होता है। विष्णु सहस्रनाम का नियमित पाठ करने से जीवन में शांति, सुख और समृद्धि आती है और यह हमारे मनोकामनाओं को पूरा करने और सकारात्मक ऊर्जा पाने में मदद करता है।
विष्णु सहस्रनाम का आध्यात्मिक महत्व
यह दिव्य ग्रंथ महाभारत के अनुशासन पर्व में मिलता है, जहां इसे सबसे लोकप्रिय और व्यापक रूप में पढ़ा जाता है। इसके अलावा विष्णु सहस्रनाम को पद्म पुराण, स्कंद पुराण, और गरुड़ पुराण में भी पढ़ा जाता है। एक सिख संस्करण भी है, जिसे सुंदर गुटका पाठ के अंतर्गत माना जाता है।
विष्णु सहस्रनाम के पाठ से यश, ऐश्वर्य, संतोष, और मानसिक शांति मिलती है। इस पवित्र स्मृति से भक्ति में वृद्धि होती है और रोज़ के तनाव से मुक्ति मिलती है। यह पवित्र ग्रंथ आपको आध्यात्मिक विकास के रास्ते पर आगे बढ़ने में मदद करता है।
विष्णु सहस्रनाम PDF डाउनलोड और उपयोग
इस पावन ग्रंथ का PDF डाउनलोड करके आप इसे आसानी से कहीं भी पढ़ सकते हैं और अपनी भक्ति में लगातार बने रह सकते हैं। 2025 में भी, विष्णु सहस्रनाम PDF डाउनलोड करना भक्तों के लिए एक सरल और प्रभावशाली तरीका है जिससे वे भगवान विष्णु के अंतहीन नामों को याद रख सकें। यह PDF आपके आध्यात्मिक जीवन के लिए बहुत मददगार साबित होगा।
ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नम:
ॐ विश्वं विष्णु: वषट्कारो भूत-भव्य-भवत-प्रभुः ।
भूत-कृत भूत-भृत भावो भूतात्मा भूतभावनः ।। 1 ।।
पूतात्मा परमात्मा च मुक्तानां परमं गतिः।
अव्ययः पुरुष साक्षी क्षेत्रज्ञो अक्षर एव च ।। 2 ।।
योगो योग-विदां नेता प्रधान-पुरुषेश्वरः।
नारसिंह-वपुः श्रीमान केशवः पुरुषोत्तमः ।। 3 ।।
सर्वः शर्वः शिवः स्थाणु: भूतादि: निधि: अव्ययः।
संभवो भावनो भर्ता प्रभवः प्रभु: ईश्वरः ।। 4 ।।
स्वयंभूः शम्भु: आदित्यः पुष्कराक्षो महास्वनः।
अनादि-निधनो धाता विधाता धातुरुत्तमः ।। 5 ।।
अप्रमेयो हृषीकेशः पद्मनाभो अमरप्रभुः।
विश्वकर्मा मनुस्त्वष्टा स्थविष्ठः स्थविरो ध्रुवः ।। 6 ।।
अग्राह्यः शाश्वतः कृष्णो लोहिताक्षः प्रतर्दनः।
प्रभूतः त्रिककुब-धाम पवित्रं मंगलं परं ।। 7 ।।
ईशानः प्राणदः प्राणो ज्येष्ठः श्रेष्ठः प्रजापतिः।
हिरण्य-गर्भो भू-गर्भो माधवो मधुसूदनः ।। 8 ।।
ईश्वरो विक्रमी धन्वी मेधावी विक्रमः क्रमः।
अनुत्तमो दुराधर्षः कृतज्ञः कृति: आत्मवान ।। 9 ।।
सुरेशः शरणं शर्म विश्व-रेताः प्रजा-भवः।
अहः संवत्सरो व्यालः प्रत्ययः सर्वदर्शनः ।। 10 ।।
अजः सर्वेश्वरः सिद्धः सिद्धिः सर्वादि: अच्युतः।
वृषाकपि: अमेयात्मा सर्व-योग-विनिःसृतः ।। 11 ।।
वसु:वसुमनाः सत्यः समात्मा संमितः समः।
अमोघः पुण्डरीकाक्षो वृषकर्मा वृषाकृतिः ।। 12 ।।
आप यहां से विष्णु सहस्रनाम का PDF डाउनलोड कर अपनी भक्ति और आध्यात्मिकता को और मजबूत बना सकते हैं। यह डाउनलोड आपके जीवन में अच्छे बदलाव लाएगा।