उत्तररामचरित (Uttarramcharitam) - Summary
उत्तररामचरित (Uttarramcharitam) एक प्रसिद्ध संस्कृत नाटक है जिसे भवभूति ने लिखा है। यह नाटक सात क्रियाओं में विभाजित है और नाट्य शैली में लिखा गया है। उत्तररामचरित, वाल्मीकि रामायण के उत्तरकांड की घटनाओं को दर्शाता है, जिसमें भगवान राम के पृथ्वी पर बिताए गए अंतिम वर्षों और उनके दिव्य अवतरण की कहानी शामिल है।
उत्तररामचरित के मुख्य विषय
यह नाटक खास तौर पर सीता के त्याग की कहानी पर केंद्रित है। पहली क्रिया में राम तथा सीता के जीवन की शुरूआती घटनाओं का संक्षिप्त विवरण दिया गया है, जिसमें सीता का अग्नि परीक्षण भी शामिल है।
जब लोग अग्नि परीक्षण के बाद भी राम द्वारा सीता को स्वीकार करने की बातें सुनकर नाराज हुए, तो इस आलोचना ने राम को सीता को जंगल भेजने का कठिन निर्णय लेने पर मजबूर कर दिया। उन्होंने बिना कोई खुलासा किए सीता को इसलिए भेजा ताकि वह अपने गर्भ में पल रहे बच्चे के साथ जंगल की सादगी का आनंद ले सके।
फिर भी, राम ने कभी भी सीता की पवित्रता पर शक नहीं किया। उन्होंने अपने दिल से कभी भी उसे छोड़ने का फैसला नहीं लिया। इस कठिन फैसले के कारण राम ने अगली 12 सालों तक मानो अपने जीवन का सबसे कठिन दुःख झेला।
Uttarramcharitam PDF डाउनलोड कैसे करें
उत्तररामचरित हमारे लिए एक अमूल्य सांस्कृतिक धरोहर है जिसमें सात क्रियाएं हैं और यह राम तथा सीता के जीवन की गहरी समझ प्रदान करता है। इस नाटक को पढ़कर आप रामायण के उत्तरकांड की घटनाओं को बहुत अच्छे से जान सकते हैं।
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