UP BOCW Medhavi Chhatra Puraskar Yojana in Hindi
उद्देश्य
इस योजना का मूल उद्देश्य उ०प्र० भवन एवं अन्य सन्निर्माण प्रक्रियाओं में कार्यरत लाभार्थी श्रमिकों के मेधावी बच्चों को शिक्षा के प्रति प्रोत्साहित करना एवं उच्च एवं व्यवसायिक शिक्षा की मुख्य धारा से जोड़ना है।
पात्रता
इस योजना के लिए वह सभी पंजीकृत कर्मकार पात्र होंगे जिनके पुत्र एवं पुत्रियों ने कक्षा 05 से 08 तक 70 प्रतिशत या उससे अधिक अंको तथा कक्षा 09 से 12 तक 60 प्रतिशत हों।
हितलाभ
- कक्षा 5 से 7 तक जिनका प्राप्तांक 70 प्रतिशत है उन्हे रु० 4000⁄–(पुत्र को) तथा रु० 4500⁄– (पुत्री को) दो किश्तों में
- कक्षा 8 जिनका प्राप्तांक 70 प्रतिशत है उन्हें रु० 5000⁄–(पुत्र को) तथा रु० 5500⁄– (पुत्री को) दो किश्तों में एवं कक्षा 9 एवं 10 जिनका प्राप्तांक 60 प्रतिशत है उन्हे रु० 5000⁄–(पुत्र को) तथा रु० 5500⁄– (पुत्री को) दो किश्तों में।
- कक्षा 11 से 12 तक जिनका प्राप्तांक 60 प्रतिशत है उन्हे रु० 8000⁄–(पुत्र को) तथा रु० 10000⁄– (पुत्री को) दो किश्तों में बतौर हितलाभ देय है।
- बी०ए० ⁄ बी०कॉम⁄बी०एस०सी०‚ एम०ए० ⁄ एम०कॉम⁄एम०एस०सी०‚ एल०एल०बी०‚ पालिटेकनिक डिप्लोमा‚ इन्जीनियरिंग ⁄ चिकित्सा डिग्री हेतु प्राप्तांक 60प्रतिशत हो तब देय हितलाभ रु० 10000⁄– से 22000⁄– में उपरोक्त शिक्षा के लिए निर्धारित है।
आवेदन प्रक्रियाः-
- लाभार्थी या उसके परिवार के किसी सदस्य की ओर से उक्त सहायता प्राप्त करने हेतु लाभार्थी के पुत्र या पुत्री के संबंधित कक्षा में उपरोक्त विवरण के अनुसार या उससे अधिक अंको से उत्तीर्ण होने की तिथि से 01वर्ष के अंदर निकटस्थ श्रम कार्यालय अथवा संबंधित तहसील के तहसीलदार कार्यालयअथवा संबंधित खण्ड विकास के खण्ड विकास अधिकरी कार्यालय में निर्धारित प्रपत्र पर संबंधित विद्यालय के प्रधानाचार्य से अभिप्रमाणित फोटोयुक्त आवेदन पत्र दो प्रतियों में पेस्तुत किया जाएगा, जिसकी पावती आवेदक को प्रार्थना पत्र करने वाले अधिकारी/कर्मचारी द्वारा प्राप्ति तिथि अंकित करते हुए उपलब्ध करवाई जाएगी।
- आवेदन पत्र के साथ संबंधित पुत्र या पुत्री के संबंधित कक्षा में उत्तीर्ण होने की अंकतालिका की प्रमाणित प्रति संबंधित विद्यालय के प्रधानाचार्य के प्रमाण-पत्र के साथ संलग्न किया जाना अनिवार्य होगा। मान्यता प्राप्त विद्यालयों से उत्तीर्ण कक्षा 05 व08 के संबंध में प्रमाण-पत्र जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा प्रतिहस्ताक्षरित ही स्वीकार किए जाएगें।
- यआवेदन पत्र के साथ संबंधित पुत्र या पुत्री के आगे भी शिक्षारत् रहने का प्रमाण-पत्र जो कि संबंधित विद्यालय द्वारा निर्गत तथा प्रधानाचार्य द्वारा अभिप्रमाणित हो, मूल रूप में संलग्न किया जाना अनिवार्य होगा।
- जहाॅं आवेदन आई0टी0आई0 अथवा इन्जीनियरिंग डिग्री अथवा चिकित्सा में डिग्री के लिए किया जा रहा हो वहॅा प्रवेश के प्रमाण स्वरूप् सम्बन्धित सरकारी कालेज/आई0टी0आई में प्रवेश की रसीद की प्रमाणित छायाप्रति भी संलग्न की जाएगी।
7- हित-लाभ की स्वीकृति हेतु प्रक्रिया, भुगतान की प्रक्रिया तथा सूचना का रखरखाव एवं प्रेषण की प्रक्रिया –
- योजना के अन्तर्गत प्राप्त आवेदन पत्र यदि जिला श्रम कार्यालय से इतर तहसील/ खण्ड विकास कार्यालय अथवा किसी तहसील में स्थित श्रम प्रवर्तन अधिकारी कार्यालय में प्राप्त होते हैं, तो उन्हें प्राप्त होने की तिथि से 07 दिन के अंदर प्रत्येक दशा में जिला श्रम कार्यालय मे प्राप्त करवा दिया जाएगा।
- जिला श्रम कार्यालय में इस प्रकार प्राप्त सभी आवेदन पत्रों को सूचीबद्ध करते हुए, पत्रावली पर पूर्ण विवरण अंकित करते हुए, जिलाधिकारियों के समक्ष प्रार्थना पत्र प्राप्त होने की तिथि से दस कार्य दिवस के अंदर उनके आदेशार्थ प्रस्तुत किया जाएगा।
- जिलाधिकारी द्वारा ऐसे प्राप्त सभी प्रार्थना पत्रों पर प्रार्थना पत्र के साथ संलग्न अभिप्रमाणित अभिलेखों से संतुष्ट होने की स्थिति में योजनानुसार अनुमन्य धनराशि की स्वीकृति के आदेशा पत्रावली पर किये जाएगें। जिलाधिकारी यदि ऐसा आवश्यक/वाॅछनीय प्रतीत करें, तो प्रार्थना पत्र में उल्लिखित तथ्यों की स्थलीय जाॅच के आदेश भी जिला श्रम कार्यालय के माध्यम से कर सकते है। अथवा जिलाधिकारी एक संयुक्त जाॅच टीम गठित करते हुए समयबद्ध स्थलीय जाॅच करवा सकते है। स्वीकृति सम्बन्धी यह कार्यवाही यथासम्भव पत्रावली प्रस्तुत होने के 15 दिन के अन्दर पूर्ण कर ली जाए।
- आवेदन पत्र स्वीकृत/ अस्वीकृत होने की जैसी भी स्थिति होगी, उसकी सूचना आवेदक को उपलब्ध कराई जाएगी।
- जिलाधिकारी से आवेदन पत्र स्वीकृत होने की स्थिति में यथासम्भव 15 दिन के भीतर जिला श्रम कार्यालय के प्रभारी अधिकारी द्वारा सहायक श्रमायुक्त के माध्यम से स्वीकृति प्राप्त पत्रावली पूर्ण विवरण सहित क्षेत्रीय अपर/उप श्रम आयुक्त के समक्ष प्रस्तुत की जाएगी क्षेत्रीय अपर/उप श्रमायुक्त द्वारा इस प्रकार जिलाधिकारी से स्वीकृति प्राप्त पत्रावली उनके कार्यालय में प्राप्त होने की तिथि से विलम्बतम 10 दिन के भीतर, सम्बन्घित निर्माण श्रमिक के नाम से रेंखाकिंत चेक स्वीकृति धनराशि भुगतान हेतु निर्गत किया जाएगा, जिसमें लाभार्थी के बैंक खाते का नम्बर, शाखा इत्यादि का भी स्पष्ट विवरण अंकित किया जाएगा।इस प्रकार निर्गत चेक सम्बन्धित जिला श्रम कार्यालय के प्रभारी अधिकारी के माध्यम से उपलब्ध कराया जाएगा । बोर्ड का आगामी 06 माह में यह प्रयास होगा कि सम्बन्धित श्रमिक के बैंक खाते में सीधे ट्रान्सफर के माध्यम से धनराशि भेजी जाए परन्तु जब तक यह व्यवस्था प्रभावी नहीं हो जाती है, तब तक इस प्रकार इस प्रस्तर में उल्लिखित पूर्व निर्देश के अनुसार कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी।
- इस प्रकार जिला श्रम कार्यालय में प्राप्त रेंखाकित चेक जिलाधिकारी के संज्ञान में लाते हुए लाभार्थी को 10 दिन के भीतर उपलब्ध करा दिया जाएगा और उससे प्राप्त रसीद दो प्रतियों में प्राप्त की जाएगी। प्राप्ति रसीद की एक प्रति जिला श्रम कार्यालय में तथा दूसरी प्रति क्षेत्रीय अपर/उप श्रमायुक्त कार्यालय मेें अभिलेखार्थ संरक्षित की जाएगी।
- इस समग्र कार्यवाही में जिला श्रम कार्यालय द्वारा नोडल एजेंसी के रूप में कार्य किया जाएगा। योजनावार तथा लाभार्थीवार विवरण निर्धारित पंजिका में जिला श्रम कार्यालय के साथ-साथ क्षेत्रीय अपर/उप श्रमआयुक्त कार्यालय में संरक्षित रखे जायेंगे। क्षेत्रीय अपर/उप श्रमायुक्त कार्यालय द्वारा योजनावार, लाभार्थीवार तथा जिलावार पूणर््ा विवरण निर्धारित प्रपत्रों पर मासिक आधार पर संकलित करते हुए, उ0प्र0 भवन और अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड के कार्यालय में मास की समाप्ति के उपरांत अगले 07 दिन के अंदर उपलब्ध करवायें जायेंगे।
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