Shree Khatu Shyam Ji Chalisa (श्री खाटू श्याम चालीसा) Hindi PDF

Shree Khatu Shyam Ji Chalisa (श्री खाटू श्याम चालीसा) in Hindi PDF download free from the direct link below.

Shree Khatu Shyam Ji Chalisa (श्री खाटू श्याम चालीसा) - Summary

श्री खाटू श्याम जी चालीसा हिन्दी अनुवाद सहित – बाबा श्याम का शीश भक्तिकाल की एकादशी पर श्याम कुंड में मिला था। पहला मंदिर संवत 1084 में चौहान वंश की नर्मदा कंवर द्वारा बनवाया गया था। गायें श्याम कुंड के पास चराने ले जाई जाती थीं, और वहीं गायें अपने-आप दूध देने लगती थीं।

श्री खाटू श्याम चालीसा – 1

दोहा

श्री गुरु चरण ध्यान धर , सुमिर सच्चिदानन्द ।
श्याम चालीसा भणत हूँ , रच चौपाई छंद ।

॥ चौपाई ॥

श्याम श्याम भजि बारम्बारा , सहज ही हो भवसागर पारा ।
इन सम देव न दूजा कोई , दीन दयालु न दाता होई ।
भीमसुपुत्र अहिलवती जाया , कहीं भीम का पौत्र कहाया ।
यह सब कथा सही कल्पान्तर , तनिक न मानों इसमें अन्तर ।
बर्बरीक विष्णु अवतारा , भक्तन हेतु मनुज तनु धारा ।
वसुदेव देवकी प्यारे , यशुमति मैया नन्द दुलारे ।
मधसूदन गोपाल मुरारी , बृजकिशोर गोवर्धन धारी ।

सियाराम श्री हरि गोविन्दा , दीनपाल श्री बाल मुकन्दा । ।
दामोदर रणछोड़ बिहारी , नार्थ द्वारिकाधीश खरारी । ।
नरहरि रूप प्रहलाद प्यारा , खम्भ फारि हिरनाकुश मारा ।
राधा वल्लभ रुक्मिणी कंता , गोपी वल्लभ कंस हंनता ।
मनमोहन चित्तचोर कहाये , माखन चोरि चोरि कर खाये ।
मुरलीधर यदुपति घनश्याम , कृष्ण पतितपावन अभिरामा ।
मायापति लक्ष्मीपति ईसा , पुरुषोत्तम केशव जगदीश ।
विश्वपति त्रिभुवन उजियारा , दीन बन्धु भक्तन रखवारा ।
प्रभु का भेद कोई न पाया , शेष महेश थके मुनिराया ।
नारद शारद ऋषि योगिन्दर , श्याम श्याम सब रटत निरन्तर।
कवि कोविद करि सके न गिनन्ता , नाम अपार अथाह अनन्ता ।
हर सृष्टि हर युग में भाई, ले अवतार भक्त सुखदाई !!

हृदय माँहि करि देखु विचारा , श्याम भजे तो हो निस्तारा ।
कीर पढ़ावत गणिका तारी , भीलनी की भक्ति बलिहारी ।
सती अहिल्या गौतम नारी , भई श्रापवश शिला दुखारी ।
श्याम चरण रज नित लाई , पहुँची पतिलोक में जाई ।
अजामिल अरू सदन कसाई , नाम प्रताप परम गति पाई ।
जाके श्याम नाम अधारा , सुख लहहि दु : ख दूर हो सारा ।
श्याम सुलोचन है अति सुन्दर , मोर मुकुट सिर तन पीताम्बर ।
गल वैजयन्तिमाल सुहाई , छवि अनूप भक्तन मन भाई ।
श्याम श्याम सुमिरहु दिनराती , शाम दुपहरि अरू परभाती ।
‘ श्याम सारथी जिसके रथ के , रोड़े दूर होय उस पथ के ।
श्याम भक्त न कहीं पर हारा , भीर परी तब श्याम पुकारा ।
रसना श्याम नाम रस पी ले , जी ले श्याम नाम के हाले ।

संसारी सुख भोग मिलेगा , अन्त श्याम सुख योग मिलेगा ।
श्याम प्रभु हैं तन के काले , मन के गोरे भोले भाले ।
श्याम संत भक्तन हितकारी , रोग दोष अघ नाशै भारी ।
प्रेम सहित जे नाम पुकारा , भक्त लगत श्याम को प्यारा ।
खाटू में है मथुरा वासी , पार ब्रह्म पूरण अविनासी ।
सुधा तान भरि मुरली बजाई , चहुं दिशि नाना जहाँ सुनि पाई ।
वृद्ध बाल जेते नारी नर , मुग्ध भये सुनि वंशी के स्वर ।
दौड़ दौड़ पहुँचे सब जाई , खाटू में जहाँ श्याम कन्हाई ।
जिसने श्याम स्वरूप निहारा , भव भय से पाया छुटकारा ।

। । दोहा । ।

श्याय सलोने साँवरे , बर्बरीक तनु धार ।
इच्छा पूर्ण भक्त की , करो न लाओ बार । ।

श्री खाटू श्याम चालीसा – 2

जय हो सुंदर श्याम हमारे , मोर मुकुट मणिमय हो धारे ।
कानन के कुण्डल मोहे , पीत वस्त्र धारण किये ,
दुद माला , साँवरी सूरत भुजा विशाला । ।
न ही दोन लोक के स्वामी , घट घट के हो अंतरयामी ।
पद्मनाभ विष्णु अवतारी , अखिल भुवन के तुम रखवारी । ।
खाटू में प्रभु आप विराजे , दर्शन करते सकल दुःख भाजे ।
इत सिंहासन आय सोहते , ऊपर कलशा स्वर्ण मोहते ।
अगद अनट अच्युत जगदा , माधव सुर नर सुरपति ईशा ।
बाजत नौबत शंख नगारे , घंटा झालर अति इनकारे ।
माखन मिश्री भोग लगावे , नित्य पुजारी चंवर लावे ।

जय जय कार होत सब भारी , दुःख बिसरत सारे नर नारी ।
जो कोई तुमको मन से ध्याता , मन वांछित फल वो नर पाता ।
जन मन गण अधिनायक तुम हो , मधुमय अमृत वाणी तुम हो ।
विद्या के भण्डार तुम्ही हो , सब ग्रंथन के सार तुम्ही हो ।
आदि और अनादि तुम हो , कविजन की कविता में तुम हो ।
नील गगन की ज्योति तुम हो , सूरज चाँद सितारे तुम हो ।
तुम हो एक अरु नाम अपारा , कण कण में तुमरा विस्तारा । ।
भक्तों के भगवान तुम्हीं हो , निर्बल के बलवान तुम्ही हो ।
तुम हो श्याम दया के सागर , तुम हो अनंत गुणों के सागर । ।
मन दृढ़ राखि तुम्हें जो ध्यावे , सकल पदारथ वो नर पावे । ।
तुम हो प्रिय भक्तों के प्यारे , दीन दुःखी जन के रखवारे ।
पुत्रहीन जो तुम्हें मनावे , निश्चय ही वो नर सुत पावे ।

जय जय जय श्री श्याम बिहारी , मैं जाऊँ तुम पर बलिहारी ।
जनम मरण सों मुक्ति दीजे , चरण शरण मुझको रख लीजे । ।
प्रातः उठ जो तुम्हें मनावें , चार पदारथ वो नर पावें ।
तुमने अधम अनेकों तारे , मेरे तो प्रभु तुम्ही सहारे ।
मैं हूँ चाकर श्याम तुम्हारा , दे दो मुझको तनिक सहारा ।
कोढ़ी जन आवत जो द्वारे , मिटे कोढ़ भागत दु : ख सारे ।
नयनहीन तुम्हारे ढिंग आवे , पल में ज्योति मिले सुख पावे ।
मैं मूरख अति ही खल कामी , तुम जानत सब अंतरयामी ।
एक बार प्रभु दरसन दीजे , यही कामना पूरण कीजे ।
जब जब जनम प्रभु मैं पाऊँ , तब चरणों की भक्ति पाऊँ । ।
मैं सेवक तुम स्वामी मेरे , तुम हो पिता पुत्र हम तेरे ।
मुझको पावन भक्ति दीजे , क्षमा भूल सब मेरी कीजे ।

पढ़े श्याम चालीसा जोई , अंतर में सुख पावे सोई । ।
सात पाठ जो इसका करता , अन्न धन से भंडार है भरता ।
जो चालीसा नित्य सुनावे , भूत पिशाच निकट नहिं आवे । ।
सहस्र बार जो इसको गावहि , निश्चय वो नर मुक्ति पावहि । ।
किसी रूप में तुमको ध्यावे , मन चीते फल वो नर पावे । ।
‘ नन्द ‘ बसो हिरदय प्रभु मेरे , राखो लाज शरण मैं तेरे । ।

श्री खाटू श्याम पूजा विधि

  • सबसे पहले बाबा खाटू श्याम का एक चित्र या मूर्ति बाजार से खरीद लायें. इसे किसी साफ सुथरी जगह या पूजा स्थान पर विराजें।
  • अगरबत्ती-धूप, घी का दीपक, फूल, पुष्पमाला, कच्चा दूध, भोग सामग्री-प्रसाद – ये सब सामान तैयार रख लें।
  • अब श्याम बाबा की फोटो या मूर्ति को पंचामृत या दूध-दही से स्नान करवाएं। इसके बाद साफ पानी से बाबा को पुनः स्नान करवायें। किसी साफ, मुलायम कपड़े से जल पोंछकर साफ कर दें। अब श्याम बाबा को पुष्पमाला, फूल चढ़ायें।
  • घी का दीपक जला दें, फिर बाबा श्याम को धूप-अगरबत्ती दिखाएँ। अब श्याम बाबा को पहले कच्चा दूध और इसके पश्चात भोग-प्रसाद सामग्री चढ़ाएं। भोग लगाने के बाद बाबा श्याम की आरती गाते हुए वंदना करें।
  • पूजा के अंत में पूजन विधि में अनजाने में हुई किसी भी गलती के लिए क्षमा प्रार्थना करते हुए बाबा श्याम की कृपा पाने के लिए विनती करें।
  • अब बाबा श्याम के 11 पवित्र नामों का जयकारा लगायें। ये नाम हैं :
    • जय श्री श्याम
    • जय खाटू वाले श्याम
    • जय हो शीश के दानी
    • जय हो कलियुग देव की
    • जय खाटू नरेश
    • जय मोर्वये
    • जय हो खाटू वाले नाथ की
    • जय मोर्विनंदन श्याम
    • लीले के अश्वार की जय
    • लखदातार की जय
    • हारे के सहारे की जय
  • इसके बाद भोग सामग्री से गाय माता के लिए हिस्सा निकालकर खिला दें। अब प्रेमपूर्वक बाबा का स्मरण करते हुए प्रसाद ग्रहण करें।
  • खाटू श्याम जी को क्या प्रसाद चढ़ाएं – Khatu Shyam ji ka Prasad :
  • श्री खाटू श्याम बाबा को चढ़ाए जाने वाला सबसे मुख्य प्रसाद कच्चा दूध है। यह बाबा को चढ़ाए जाने वाला पहला प्रसाद था, अतः यह बाबा को सबसे प्रिय है। इसलिए प्रयास करें कि कच्चे दूध का प्रसाद बाबा श्याम को अवश्य चढ़ाएं।
  • खीर और चूरमा का भोग भी बाबा को प्रिय है। दुकान से खरीदे खीर-चूरमा के स्थान पर घर का बना खीर-चूरमा अच्छा रहेगा।
  • खोये या मावे की बनी मिठाइयाँ पेड़े, मिल्ककेक आदि बाबा श्याम को सबसे अधिक चढ़ाये जाने वाला प्रसाद है। अधिकांश भक्त खाटू श्याम बाबा मंदिर में खोये के पेड़े ही चढ़ाते हैं।
  • बाबा श्याम को पंचमेवा (काजू, बादाम, छुहारा, किशमिश, मिश्री) का भी भोग लगाया जाता है। यह खराब भी नहीं होता और लम्बे समय तक चल जाता है।

For complete Shree Khatu Shyam Ji Chalisa Hindi Lyrics, you can download the PDF file using the direct link provided below or read online for free.

RELATED PDF FILES

Shree Khatu Shyam Ji Chalisa (श्री खाटू श्याम चालीसा) Hindi PDF Download