शिवताण्डवस्तोत्र (Shiva Tandava Stotram) Sanskrit

❴SHARE THIS PDF❵ FacebookX (Twitter)Whatsapp
REPORT THIS PDF ⚐

Shiva Tandava Stotram Sanskrit Sanskrit

शिव तांडव स्तोत्रम राक्षसों के राजा रावण द्वारा लिखा गया था, जो महान भारतीय महाकाव्य रामायण में अपने अहंकारी, अहंकारी व्यवहार के लिए जाना जाता है। लेकिन भगवान शिव के प्रति उनकी भक्ति के बारे में कोई नहीं जानता। शिव के दूसरे नाम भोलेनाथ का अर्थ है वह जो निर्दोष और प्रसन्न करने में आसान हो। हर बार जब कोई वरदान के लिए भगवान शिव की स्तुति करता है, तो उन्होंने हमेशा वह वरदान दिया जिसका राक्षसों ने फायदा उठाया।

भगवान शिव की स्तुति करने के लिए, रावण ने इस भजन की रचना की जिसमें 16 छंद शामिल हैं और प्रत्येक छंद में भगवान शिव की अनन्त सुंदरता और अपार शक्ति का वर्णन है। भगवान को प्रसन्न करने के लिए संगीत एक शक्तिशाली उपकरण है और जब रावण ने शिव तांडव स्तोत्र गाया, तो भगवान शिव रावण के संगीत में लीन हो गए और अत्यधिक प्रसन्न हो गए। तल्लीन होने के बाद, भगवान शिव ने रावण से वरदान मांगने के लिए कहा तो रावण ने अनुरोध किया कि भगवान उसे सबसे शक्तिशाली उपकरण प्रदान करें और इस प्रकार, अविनाशी बन गए।

शिवताण्डवस्तोत्र (Shiva Tandava Stotram Lyrics in Sanskrit)

जटाटवीगलज्जलप्रवाहपावितस्थले
गलेऽवलम्ब्य लम्बितां भुजङ्गतुङ्गमालिकाम् ।
डमड्डमड्डमड्डमन्निनादवड्डमर्वयं
चकार चण्डताण्डवं तनोतु नः शिवः शिवम् ॥१॥

जटाकटाहसम्भ्रमभ्रमन्निलिम्पनिर्झरी_
विलोलवीचिवल्लरीविराजमानमूर्धनि ।
धगद्धगद्धगज्जलल्ललाटपट्टपावके
किशोरचन्द्रशेखरे रतिः प्रतिक्षणं मम ॥२॥

धराधरेन्द्रनन्दिनीविलासबन्धुबन्धुर
स्फुरद्दिगन्तसन्ततिप्रमोदमानमानसे ।
कृपाकटाक्षधोरणीनिरुद्धदुर्धरापदि
क्वचिद्दिगम्बरे मनो विनोदमेतु वस्तुनि ॥३॥

जटाभुजङ्गपिङ्गलस्फुरत्फणामणिप्रभा
कदम्बकुङ्कुमद्रवप्रलिप्तदिग्वधूमुखे ।
मदान्धसिन्धुरस्फुरत्त्वगुत्तरीयमेदुरे
मनो विनोदमद्‍भुतं बिभर्तु भूतभर्तरि ॥४॥

सहस्रलोचनप्रभृत्यशेषलेखशेखर_
प्रसूनधूलिधोरणी विधूसराङ्घ्रिपीठभूः ।
भुजङ्गराजमालया निबद्धजाटजूटकः
श्रियै चिराय जायतां चकोरबन्धुशेखरः ॥५॥

ललाटचत्वरज्वलद्धनञ्जयस्फुलिङ्गभा_
निपीतपञ्चसायकं नमन्निलिम्पनायकम् ।
सुधामयूखलेखया विराजमानशेखरं
महाकपालिसम्पदेशिरोजटालमस्तु नः ॥६॥

करालभालपट्टिकाधगद्‍धगद्‍धगज्ज्वलद्_
धनञ्जयाहुतीकृतप्रचण्डपञ्चसायके ।
धराधरेन्द्रनन्दिनीकुचाग्रचित्रपत्रक
प्रकल्पनैकशिल्पिनि त्रिलोचने रतिर्मम ॥७॥

नवीनमेघमण्डली निरुद्‍धदुर्धरस्फुरत्_
कुहूनिशीथिनीतमः प्रबन्धबद्धकन्धरः ।
निलिम्पनिर्झरीधरस्तनोतु कृत्तिसिन्धुरः
कलानिधानबन्धुरः श्रियं जगद्धुरंधरः ॥८॥

प्रफुल्लनीलपङ्कजप्रपञ्चकालिमप्रभा_
वलम्बिकण्ठकन्दलीरुचिप्रबद्धकन्धरम् ।
स्मरच्छिदं पुरच्छिदं भवच्छिदं मखच्छिदं
गजच्छिदान्धकच्छिदं तमन्तकच्छिदं भजे ॥९॥

अखर्वसर्वमङ्गलाकलाकदम्बमञ्जरी_
रसप्रवाहमाधुरीविजृम्भणामधुव्रतम् ।
स्मरान्तकं पुरान्तकं भवान्तकं मखान्तकं
गजान्तकान्धकान्तकं तमन्तकान्तकं भजे ॥१०॥

जयत्वदभ्रविभ्रमभ्रमद्‍भुजङ्गमश्वसद्_
विनिर्गमत्क्रमस्फुरत्करालभालहव्यवाट् ।
धिमिद्धिमिद्धिमिध्वनन्मृदङ्गतुङ्गमङ्गल_
ध्वनिक्रमप्रवर्तितप्रचण्डताण्डवः शिवः ॥११॥

दृषद्विचित्रतल्पयोर्भुजङ्गमौक्तिकस्रजोर्_
गरिष्ठरत्नलोष्ठयोः सुहृद्विपक्षपक्षयोः ।
तृणारविन्दचक्षुषोः प्रजामहीमहेन्द्रयोः
समप्रवृत्तिकः कदा सदाशिवं भजाम्यहम् ॥१२॥

कदा निलिम्पनिर्झरीनिकुञ्जकोटरे वसन्
विमुक्तदुर्मतिः सदा शिरःस्थमञ्जलिं वहन् ।
विमुक्तलोललोचनो ललामभाललग्नकः
शिवेति मन्त्रमुच्चरन्कदा सुखी भवाम्यहम् ॥१३॥

इमं हि नित्यमेवमुक्तमुत्तमोत्तमं स्तवं
पठन्स्मरन्ब्रुवन्नरो विशुद्धिमेतिसंततम् ।
हरे गुरौ सुभक्तिमाशु याति नान्यथा गतिं
विमोहनं हि देहिनां सुशङ्करस्य चिन्तनम् ॥१४॥

पूजावसानसमये दशवक्त्रगीतं यः
शम्भुपूजनपरं पठति प्रदोषे ।
तस्य स्थिरां रथगजेन्द्रतुरङ्गयुक्तां
लक्ष्मीं सदैव सुमुखीं प्रददाति शम्भुः ॥१५॥

Shiva Tandava Stotram Sanskrit (शिवताण्डवस्तोत्र)

Shiva Tandava Stotram downloads in PDF format follow the link given below.

2nd Page of शिवताण्डवस्तोत्र (Shiva Tandava Stotram) PDF
शिवताण्डवस्तोत्र (Shiva Tandava Stotram)
PDF's Related to शिवताण्डवस्तोत्र (Shiva Tandava Stotram)

शिवताण्डवस्तोत्र (Shiva Tandava Stotram) PDF Free Download

1 more PDF files related to शिवताण्डवस्तोत्र (Shiva Tandava Stotram)

Shiv Tandav Stotram Sanskrit PDF

Shiv Tandav Stotram Sanskrit PDF

Size: 0.28 | Pages: 8 | Source(s)/Credits: www.aghori.it | Language: Sanskrit

You can download the Shiv Tandav Stotram Sanskrit PDF using the link given below.

Added on 07 Apr, 2022 by Pradeep (13.233.164.178)

REPORT THISIf the purchase / download link of शिवताण्डवस्तोत्र (Shiva Tandava Stotram) PDF is not working or you feel any other problem with it, please REPORT IT by selecting the appropriate action such as copyright material / promotion content / link is broken etc. If this is a copyright material we will not be providing its PDF or any source for downloading at any cost.