शिव रुद्राभिषेक मंत्र - Summary
शिव रुद्राभिषेक मंत्र PDF एक अत्यंत शक्तिशाली और प्रभावशाली मंत्र है, जिसे शिवलिंग की पूजा एवं रुद्राभिषेक करते समय उच्चारण किया जाता है। भगवान शिव के भक्त विभिन्न प्रकार से शिवलिंग का रुद्राभिषेक करते हैं। इस लेख में, आप 6 प्रकार के रुद्राभिषेक के बारे में जान सकते हैं: जलाभिषेक, दुग्ध अभिषेक, शहद अभिषेक, पंचामृत अभिषेक, घी अभिषेक, और दही अभिषेक।
भगवान शिव की पूजा
भगवान शिव को हिन्दू धर्म में बड़े स्तर पर पूजा जाता है। श्रावण माह में, शिव भक्तों को कांवण ले जाते हुए देखा जा सकता है। शिव भक्ति करने वाले व्यक्ति हमेशा प्रसन्न और आनंदित रहते हैं। भोलेनाथ की कृपा जिस व्यक्ति पर होती है, उसके जीवन के कई कष्ट और समस्याएँ समाप्त हो जाती हैं।
शिव रुद्राभिषेक मंत्र
ॐ नम: शम्भवाय च मयोभवाय च नम: शंकराय च
मयस्कराय च नम: शिवाय च शिवतराय च ॥
ईशानः सर्वविद्यानामीश्व रः सर्वभूतानां ब्रह्माधिपतिर्ब्रह्मणोऽधिपति
ब्रह्मा शिवो मे अस्तु सदाशिवोय् ॥
तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि।
तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्॥
अघोरेभ्योथघोरेभ्यो घोरघोरतरेभ्यः सर्वेभ्यः
सर्व सर्वेभ्यो नमस्ते अस्तु रुद्ररुपेभ्यः ॥
वामदेवाय नमो ज्येष्ठारय नमः श्रेष्ठारय नमो
रुद्राय नमः कालाय नमः
कलविकरणाय नमो बलविकरणाय नमः
बलाय नमो बलप्रमथनाथाय नमः
सर्वभूतदमनाय नमो मनोन्मनाय नमः ॥
सद्योजातं प्रपद्यामि सद्योजाताय वै नमो नमः।
भवे भवे नाति भवे भवस्व मां भवोद्भवाय नमः ॥
नम: सायं नम: प्रातर्नमो रात्र्या नमो दिवा।
भवाय च शर्वाय चाभाभ्यामकरं नम: ॥
यस्य नि:श्र्वसितं वेदा यो वेदेभ्योsखिलं जगत्।
निर्ममे तमहं वन्दे विद्यातीर्थ महेश्वरम् ॥
त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिबर्धनम्
उर्वारूकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मा मृतात् ॥
सर्वो वै रुद्रास्तस्मै रुद्राय नमो अस्तु।
पुरुषो वै रुद्र: सन्महो नमो नम: ॥
विश्वा भूतं भुवनं चित्रं बहुधा जातं जायामानं च यत्।
सर्वो ह्येष रुद्रस्तस्मै रुद्राय नमो अस्तु ॥
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