सर्वधर्म प्रार्थना - Summary
सर्वधर्म प्रार्थना का उद्देश्य सभी धर्मों के लोगों को एकजुट करना और एक साझा भावना का अनुभव कराना है। यह सामूहिक प्रार्थना वे लोग करते हैं, जो कोरोना वायरस के कहर के समय में अपने प्रियजनों को खो चुके हैं। इस विशेष प्रार्थना का आयोजन शनिवार सुबह दस बजे किया गया, ताकि हर कोई जहाँ भी है, वहां से ध्यान और प्रार्थना कर सके।
सर्वधर्म प्रार्थना की विशेषता
सर्वधर्म प्रार्थना का अर्थ है सभी धर्मों का सम्मान करना और एकता का संदेश फैलाना। इस तरह की प्रार्थना न केवल सांत्वना देती है, बल्कि एक सकारात्मक बदलाव लाने की कोशिश करती है।
सर्वधर्म प्रार्थना – तू ही राम है तू रहीम है
तू ही राम है तू रहीम है,
तू करीम, कृष्ण, खुदा हुआ,
तू ही वाहे गुरु, तू ईशू मसीह,
हर नाम में, तू समा रहा!
तू ही राम है तू रहीम है,
तू करीम, कृष्ण, खुदा हुआ,
तेरी जात पाक कुरान में,
तेरा दर्श वेद पुराण में,
गुरु ग्रन्थ जी के बखान में,
तू प्रकाश अपना दिखा रहा!
तू ही राम है तू रहीम है,
तू करीम, कृष्ण, खुदा हुआ,
तू ही वाहे गुरु, तू ईशू मसीह,
हर नाम में, तू समा रहा,
अरदास है, कहीं कीर्तन,
कहीं राम धुन, कहीं आव्हन,
विधि भेद का है ये सब रचन,
तेरा भक्त तुझको बुला रहा!
तू ही राम है तू रहीम है,
तू करीम, कृष्ण, खुदा हुआ,
तू ही वाहे गुरु, तू ईशू मसीह,
हर नाम में, तू समा रहा!
तू ही ध्यान में, तू ही ज्ञान में
तू ही प्राणियों के प्राण में,
कहीं आसुओं में बहा तू ही
कहीं फूल बन के खिला हुआ!
तू ही राम है तू रहीम है,
तू करीम, कृष्ण, खुदा हुआ,
तू ही वाहे गुरु, तू ईशू मसीह,
हर नाम में, तू समा रहा।
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