श्रम कानून 2021 – New Labour Law/Code India 2021 - Summary
नए श्रम कानूनों 2021 PDF (Labour Law) में केंद्र सरकार (Central Government) ने बड़े बदलाव किये है जिसके के तहत नए श्रम कानूनों मे नौकरीपेशा लोगों की सैलरी स्ट्रक्चर में बदलाव होने वाला है। श्रम संहिता के तहत New Labour Law In India 2021 अप्रैल को लागू होने वाले थे। हालांकि, केंद्र ने इसे लागू करने में देरी की है क्योंकि राज्यों ने अभी तक नियमों को अंतिम रूप नहीं दिया है।
भारत के संविधान के तहत, श्रम एक समवर्ती विषय है, इसलिए राज्यों और केंद्र दोनों को अपने-अपने अधिकार क्षेत्र में कोड को कानून में बदलने के लिए नियमों को अधिसूचित करना आवश्यक है। इस श्रम कानूनों में ओवरटाइम (Overtime) में बड़ा बदलाव किया है। नए नियमों के तहत निर्धारित घंटों से 15 मिनट भी ज्यादा काम हुआ तो इसे ओवरटाइम माना जाएगा और कंपनी को कर्मचारी को इसके लिए पेमेंट करना होगा। इस पोस्ट में आप बड़ी आसानी से New Labour Law in India 2021 Hindi PDF / श्रम कानून 2021 PDF डाउनलोड कर सकते हैं।
श्रम कानून के नियमों में बदलाव की तैयारी
नये लेबर कोड्स के तहत किसी भी कर्मचारी की सैलरी में अलाउंस 50 फीसदी से ज्यादा नहीं हो सकता है। नया कानून लागू होने के बाद बेसिक सैलरी में बढ़ोतरी होगी और मिनिमम वेज नियम लागू होगा. सभी कर्मचारियों के लिए बीमा का रास्ता भी खुल जाएगा। ये चारों श्रम कानून लेबर कोड, सोशल सिक्योरिटी, इंडस्ट्रियल रिलेशन और OSH से जुड़े कानून हैं। संसद के दोनों सदनों में इसे पारित किया जा चुका है। सभी चारों कानूनों को एक ही साथ लागू किया जाएगा।
- वेज कोड (Wage Code) किसी भी संस्था में काम करने वाले कर्मचारियों के अलावा असंगठित क्षेत्र के कामगारों के लिए भी लागू होगा। इसके तहत कर्मचारियों की सैलरी और बोनस से जुड़े प्रावधानों में बदलाव होंगे। इससे यह भी सुनिश्चित होगा कि हर इंडस्ट्री, बिज़नेस, ट्रेड आदि में एक ही स्तर के काम करने वाले कर्मचारियों को एक समान सैलरी मिलेग।
- सोशल सिक्योरिटी (Social Security) के तहत सोशल सिक्योरिटी और मैटर्निटी लाभ से जुड़े सभी 9 कानूनों को एक में शामिल किया गया है।
- इंडस्ट्रियल रिलेशन कोड (Industrial Relation Code) के तहत इंडिस्ट्रियल डिस्प्युट एक्ट, 1947, ट्रेड यूनियन एक्ट, 1926 और इंडस्ट्रियल एम्प्लॉयमेंट एक्ट, 1946 को एक कानून में शामिल किया गया है। इस कोड के लागू होने के बाद देश में कारोबारी माहौल को बेहतर करने में मदद मिलेगी. इंडस्ट्रीज पर श्रम अनुपालन का बोझ कम हो सकेगा।
- ओएसएच कोड (OHS Code) के तहत वर्कर्स के स्वास्थ्य और सुरक्षा को रगुलेट किया जाएगा। किसी भी संस्थार में 10 या इससे ज्यादा कर्मचारियों की संख्या है तो वहां इस कोड का पालन करना अनिवार्य होगा।
- कर्मचारियों को काम के घंटे और दिनों में राहत मिल सकती है।
- हफ्ते में पांच दिन की जगह 4 दिन नौकरी करनी होगी।
- दो दिन की जगह हफ्ते में 3 दिन छुट्टी रहेगी।
- जिस पर कंपनी और कर्मचारी आपसी सहमति से फैसला ले सकते हैं।
श्रम कानून 2021 ओवरटाइम में बदलाब
यदि आप श्रम कानून 2021 के तहत 30 मिनट का ओवरटाइम करते हैं तो इस 30 मिनट को भी ओवरटाइम माना जाएगा। न्यू लेबर कोड के ड्राफ्ट नियमों में 15 से 30 मिनट के बीच के अतिरिक्त कामकाज को भी 30 मिनट गिनकर ओवरटाइम में शामिल करने का प्रावधान है। साथ ही ड्राफ्ट के नियमो के अनुसार किसी भी कर्मचारी से 5 घंटे से ज्यादा लगातार काम कराने की मनाही है। कर्मचारियों को हर पांच घंटे के बाद आधा घंटे का रेस्ट देना आवश्यक होगा।
नया श्रम कानून 2021 के तहत सप्ताह में मिलेगी तीन दिन की छुट्टी
अगर अभी हफ्ते में 5 दिन में 9 घंटे के हिसाब से काम करते हैं तो आप हर हफ्ते 45 घंटे काम करते हैं, लेकिन 12 घंटे की शिफ्ट के हिसाब से 4 दिन काम करेंगे तो 48 दिन काम करना होगा। साथ ही इस रिपोर्ट में बताया गया है कि 15 से 30 मिनट के बीच के अतिरिक्त कामकाज को भी 30 मिनट गिनकर ओवरटाइम में शामिल करने का प्रावधान है, जिससे अगर कंपनी आपसे ज्यादा काम करवाती है तो आपको एक्स्ट्रा काम के पैसे भी मिलेंगे। प्रस्तावित नियमों के अनुसार, किसी भी कर्मचारी से 5 घंटे से ज्यादा लगातार काम कराने की मनाही है, अगर कोई लगातार 5 घंटे काम करता है तो कर्मचारी को आधा घंटे का रेस्ट मिलेगा।
सबसे ज्यादा ठेके पर काम करने वालों को फायदा Most contract workers benefit
नए Labour Law में ओवरटाइम को लेकर किए जा रहे बदलावों का सबसे ज्यादा फायदा ठेके पर काम करने वाले कर्मचारियों (Contract Labour) को मिलेगा। नए कानूनों के तहत थर्ड पार्टी के तहत काम करने वालों को भी बड़ी राहत देने का फैसला लिया गया है। इसमें ऐसे प्रावधान किए गए हैं जिससे कॉन्ट्रैक्ट पर काम करने वाले व्यक्ति को वेतन काटकर न दिया जा सके। सरकार, श्रमिक संगठन (Trade Union) और उद्योग जगत के साथ हुई बैठक में चर्चा के बाद सहमति बनी है कि प्रमुख नियोक्ता यानी कंपनियां ही ये सुनिश्चित करेंगी कि उन्हें पूरा वेतन मिले।
श्रम कानून 2021 के तहत पीएफ और ईएसआई की सुविधा PF and ESI facilities
कर्मचारियों को पीएफ (PF) और ESI जैसी सुविधाओं का बंदोबस्त भी कंपनियों को ही सुनिश्चित करने संबंधी नियम बनाने के संकेत दे दिए गए हैं। सरकार की मंशा है कि नए प्रावधानों के जरिये अब कोई कंपनी यह कहकर पल्ला नहीं झाड़ सकती कि कॉन्ट्रैक्टर या थर्ड पार्टी की तरफ से आए कर्मचारी को PF और ESI जैसी सुविधा नहीं दी जा सकती।
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