नवरात्री देवीची आरती – Navratri Aarti Marathi PDF

नवरात्री देवीची आरती – Navratri Aarti Marathi in PDF download free from the direct link below.

नवरात्री देवीची आरती – Navratri Aarti Marathi - Summary

नवरात्रि के पावन अवसर पर माता दुर्गा की पूजा-अर्चना विशेष महत्व रखती है। इस दौरान भक्त माँ दुर्गा और उनके नौ स्वरूपों की आराधना करते हैं। नवरात्रि की आरती गाने या सुनने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और भक्त के मन में श्रद्धा, भक्ति और शांति का भाव जाग्रत होता है।

देवी की आरती को नवरात्रि के दिनों में सुबह-शाम करना शुभ माना जाता है। ऐसा विश्वास है कि आरती से माँ दुर्गा प्रसन्न होकर अपने भक्तों की सभी मनोकामनाएँ पूरी करती हैं और उन्हें सुख, शांति और समृद्धि का आशीर्वाद देती हैं।

Navratri Aarti Marathi – नवरात्री देवीची आरती

उदो बोला उदो अंबा बाई माउलीचा हो
उदोकार गर्जती काय महिमा वर्णू तिचा हो || धृ ||

अश्विन शुद्धपक्षी अंबा बैसली सिंहासनी हो
प्रतिपदेपासून घटस्थापना ती करुनी हो
मूलमंत्र – जप करुनी भोवत रक्षक ठेवुनी हो
ब्रह्म विष्णू रुद्र आईचे पूजन करिती हो || १ ||

द्वितीयेचे दिवशी मिळती चौषष्ठ योगिनी हो
सकळामध्ये श्रेष्ठ परशुरामाची जननी हो
कस्तुरी मळवट भांगी शेंदूर भरुनी हो
उदो:कार गर्जती सकळ चामुंडा मिळूनी हो || २ ||

तृतीयेचे दिवशी अंबे शृंगार मांडीला हो
मळवट पातळ चोळी कंठी हार मुक्ताफळा हो
कणकेचे पदके कासे पितांबर पिवळा हो
अष्टभुजा मिरविसी अंबे सुंदर दिसे लीला हो || ३ ||

चतुर्थीचे दिवशी विश्व व्यापक जननी हो
उपासका पाहसी माते प्रसन्न अंत:करणी हो
पूर्णकृपे जगन्माते पाहसी मनमोहनी हो
भक्तांच्या माउली सूर ते येती लोटांगणी हो || ४ ||

पंचमीचे दिवशी व्रत ते उपांग ललिता हो
अर्ध पाद्य​ पूजेने तुजला भवानी स्तवती हो
रात्रीचे समयी करती जागरण हरीकथा हो
आनंदे प्रेम ते आले सद् भावे ते ऋता हो || ५ ||

षष्ठीचे दिवशी भक्ता आनंद वर्तला हो
घेउनि दिवट्या हती हर्षे गोंधळ घातला हो
कवडी एक अर्पिता देशी हार मुक्ताफळा हो
जोगवा मागता प्रसन्न झाली भक्त कुळा हो || ६ ||

सप्तमीचे दिवशी सप्तशृंग गडावरी हो
तेथे तु नांदशी भोवती पुष्पे नानापरी हो
जाईजुई शेवंती पूजा रेखियली बरवी हो
भक्त संकटी पडता झेलुन घेशी वरचेवरी हो || ७ ||

अष्टमीचे दिवशी अंबा अष्टभुजा नरायणी हो
सह्याद्री पर्वती पाहिली उभी जगद्जननी हो
मन माझे मोहिले शरण आलो तुज लागुनी हो
स्तनपान देउनि सुखी केले अंत:करणी हो || ८ ||

नवमीचे दिवशी नव दिवसांचे पारणे हो
सप्तशती जप होम हवने सद्भक्ती करुनी हो
षडरस अन्ने नेवैद्याशी अर्पियली भोजनी हो
आचार्य ब्राह्मणा तृप्तता केले कृपे करुनी हो || ९ ||

दशमीचे दिवशी अंबा निघे सिमोल्लंघनी हो
सिंहारूढ करि सबल शश्त्रे ती घेउनी हो
शुंभनीशुंभादीक राक्षसा किती मारसी राणी हो
विप्रा रामदासा आश्रय दिधला तो चरणी हो || १० ||

आप नीचे दिए गए लिंक का उपयोग करके नवरात्री देवीची आरती | Navratri Aarti Marathi PDF में डाउनलोड कर सकते हैं।

नवरात्री देवीची आरती – Navratri Aarti Marathi PDF Download