शिव पूजा विधि मंत्र (पार्थिव शिवलिंग पूजन सामग्री) Hindi PDF
हिंदू पंचांग के अनुसार हर साल फाल्गुन महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को महाशिवरात्रि मनाई जाती हैं । इस दिन भगवान शिव की पूजा करने से भोलेनाथ बहुत जल्द प्रसन्न होते हैं। हिन्दू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार शिवजी और माता पार्वती जी का विवाह महाशिवरात्रि के ही दिन हुआ था। आप Shiv Puja Vidhi and Samagri List PDF में डाउनलोड करने के लिए नीचे दिए गए लिंक का उपयोग करके डाउनलोड करें।
महाशिवरात्रि के दिन पूर्ण विधि – विधान से किसी शिव मंदिर में जाकर उनका पूजन करें तथा जलाभिषेक भी करें। शिव जी की कृपा से व्यक्ति के जीवन में आने वाले समस्त प्रकार संकट कट जाते हैं तथा व्यक्ति अकाल मृत्यु के भय से भी मुक्त हो जाता है।
शिव पूजा विधि मंत्र (Maha Shivaratri Pooja Vidhi in Hindi)
- शिवरात्रि के दिन भक्तों को सन्ध्याकाल स्नान करने के पश्चात् ही पूजा करनी चाहिए या मंदिर जाना चाहिए।
- महाशिवरात्रि के दिन सबसे पहले शिवलिंग में चन्दन के लेप लगाकर पंचामृत से शिवलिंग को स्नान कराएं
- शिव भगवान की पूजा रात्रि के समय करनी चाहिए एवं अगले दिन स्नानादि के पश्चात् अपना व्रत का पारण करना चाहिए।
- दीप और कर्पूर जलाएं। पूजा करते समय ‘ऊं नमः शिवाय’ मंत्र का जाप करें।
- शिव को बिल्व पत्र और फूल अर्पित करें।
- शिव पूजा के बाद गोबर के उपलों की अग्नि जलाकर तिल, चावल और घी की मिश्रित आहुति दें।
- व्रत का पूर्ण फल प्राप्त करने के लिए भक्तों को सूर्योदय व चतुर्दशी तिथि के अस्त होने के मध्य के समय में ही व्रत का समापन करना चाहिए।
- रात्रि के चारों प्रहर में की जा सकती है शिव पूजा।
- शिवरात्रि पूजा रात्रि के समय एक बार या चार बार की जा सकती है। रात्रि के चार प्रहर होते हैं, और हर प्रहर में शिव पूजा की जा सकती है।
महा शिवरात्रि अभिषेक विधि (Maha Shivratri Abhishek Vidhi)
- सबसे पहले भगवान शिव का ध्यान करें।
- तांबे के बर्तन में दूध लेकर उसके चारों ओर कुमकुम से तिलक करें।
- ‘ऊं श्री कामधेनवे नमः’ मंत्र का जाप करते हुए पात्र में ‘मोली’ बांध दें।
- भगवान शिव के प्रिय मंत्र ‘ऊं नमः शिवाय’ का जाप करते हुए ‘शिवलिंग’ पर फूल चढ़ाएं।
- इसके बाद ‘शिवलिंग’ को साफ पानी से धोकर साफ कपड़े से पोंछें।
- इसके बाद गाय के दूध से अभिषेक करें।
- फिर शहद चढ़ाएं।
- गाय के दूध से बने घी, चंदन, केसर के लेप करें।
- गंगा जल से शिवलिंग को एक बार फिर साफ करें। शक्कर का लेप करें।
- शुद्ध जल चढ़ाएं और आखिरी में चंदन का लेप लगाकर बिल्वपत्र तथा धतूरा चढ़ाएं।
- इस पूरी प्रक्रिया के दौरैन ऊं नम: शिवाय का जाप करते रहें।
- अगरबत्ती जलाएं। धूप दें और आरती करें।
महाशिवरती व्रत सामग्री लिस्ट (Maha Shivratri Puja Samagri)
- बेलपत्र
- भांग
- धतूरा
- गाय का शुद्ध कच्चा दूध
- चंदन
- रोली
- केसर
- भस्म
- कपूर
- दही
- मौली यानी कलावा
- अक्षत् (साबुत चावल)
- शहद
- मिश्री
- धूप
- दीप
- साबुत हल्दी
- नागकेसर
- पांच प्रकार के फल
- गंगा जल
- वस्त्र
- जनेऊ
- इत्र
- कुमकुम
- पुष्पमाला
- शमी का पत्र
- खस
- लौंग
- सुपारी
- पान
- रत्न-आभूषण
- इलायची
- फूल
- आसन
- पार्वती जी के श्रंगार की सामग्री
- पूजा के बर्तन और दक्षिणा।
- इन सब चाजों का प्रबंध एक दिन पहले ही कर लें।
महाशिवरात्रि पूजा विधि और सामग्री लिस्ट – Mahashivratri Puja Vidhi and Samagri List
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