महालक्ष्मी स्तोत्र | Mahalakshmi Stotram Sanskrit
श्री महालक्ष्मी स्तोत्र माता लक्ष्मी को समर्पित एक बहुत ही दिव्य स्तोत्र है । यह स्तोत्र बहुत अधिक प्रभावशाली है । यदि आप अपने जीवन में निर्धनता से बहुत अधिक पीड़ित हैं, तो आपको इस दिव्य स्तोत्र का पाठ अपने जीवन में अवश्य करना चाहिए ।
यदि आप इस स्तोत्र का प्रभाव तुरंत देखना चाहते हैं, तो प्रतिदिन इस स्तोत्र का पाठ अवश्य करें । यदि आप प्रतिदिन इस स्तोत्र का पाठ करने में असमर्थ हैं, केवल शुक्रवार के दिन देवी लक्ष्मी के समक्ष घी का दीपक लगाकर इसका पाठ करें । देवी लक्ष्मी की कृपा से आपके जीवन में सभी प्रकार के सुखों का आगमन होता है ।
श्री महालक्ष्मी स्तोत्र संस्कृत / Mahalakshmi Stotram
ॐ
श्रीरामजयम् ।
ॐ सद्गुरुश्रीत्यागराजस्वामिने नमो नमः ।
ॐ श्रीरूपायैच विद्महे । शुभदायैच धीमहि ।
तन्नो लक्ष्मीः प्रचोदयात् ॥
श्रींबीजपूजिते देवि हरिवक्षस्थलालये ।
सर्वसौमङ्गलाधात्रि महालक्ष्मि नमोस्तु ते ॥ १॥
विद्यालक्ष्मि सुधासारे ज्ञानलक्ष्मि वसुप्रदे ।
भद्रे लक्ष्मि नमस्तुभ्यं मोक्षलक्ष्मि प्रसीद मे ॥ २॥
सर्वलक्षणलक्षण्ये सौमङ्गल्यसुविग्रहे ।
स्वस्तिवाक् श्रीः शुचीरूपे शान्तिरूपे सुखास्पदे ॥ ३॥
अष्टैश्वर्यप्रदे लक्ष्मि अष्टलक्ष्मि सुपूजिते ।
नित्यैश्वर्यवरे लक्ष्मि नित्यानन्दस्वरूपिणि ॥ ४॥
धनधान्यसुसन्तानधैर्यसौन्दर्यरूपिणि ।
तनुरारोग्यसौभाग्यसानन्दसिद्धिदायिनि ॥ ५॥
उषोरागजये लक्ष्मि उषोगानप्रसादिनि ।
सन्ध्यासुरागसङ्गीते सन्ध्यादीपप्रकाशिनि ॥ ६॥
गीतवाद्यप्रिये लक्ष्मि गतकर्मजसत्पदे ।
ओङ्कारसदनेमातः कुरुदृष्टिप्रसादनम् ॥ ७॥
नादोङ्कारस्वरूपेश्रीः सुनादस्वरसालये ।
नादसुस्वरमाधुर्येनादान्तःप्रशमालये ॥ ८॥
मनःस्फूर्तिकरे लक्ष्मि मनःसारसवासिनि ।
मनःपुष्पार्चितेमातर्मनोमयमदम्बिके ॥ ९॥
आदिलक्ष्मि मदम्ब त्वं रक्ष मां कुरु त्वत्कृपाम् ।
आधिव्याध्यार्तिपङ्काद्विमोचनं कुरु शाश्वतम् ॥ १०॥
पङ्केरुहविशालाक्षि कटाक्षेण विमोचय ।
सदा मां पातु मालक्ष्मि सदा तिष्ठ मया सह ॥ ११॥
जन्ममृत्युजरातापजालाद्विमोचनं कुरु ।
कुरु मेत्वयि लीनं श्रीः कुरु जन्मनिवारणम् ॥ १२॥
इहसौख्ये सुमाङ्गल्येपरमोक्षप्रदायिनि ।
श्रीमन्नारायणानन्दे लक्ष्मि तुभ्यं नमो नमः ॥ १३॥
मङ्गलं श्रीमहालक्ष्म्यैशुभलक्ष्म्यैसुमङ्गलम् ।
मङ्गलं मङ्गलाङ्कायैमात्रे नित्यं सुमङ्गलम् ॥ १४॥
त्यागराजगुरुस्वामिशिष्यापुष्पाकृतस्तुतिः ।
महालक्ष्मीबहुप्रीता सुमाङ्गल्या शुभप्रदा ॥ १५॥
इति सद्गुरुश्रीत्यागराजस्वामिनः शिष्यया भक्तया पुष्पया कृतं
श्रीमहालक्ष्मीस्तोत्रं गुरौ समर्पितम् ।
ॐ शुभमस्तु ।
श्री महालक्ष्मी आरती / Shri Mahalakshmi Aarti Lyrics in Hindi
ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता
तुमको निशदिन सेवत, मैया जी को निशदिन सेवत
हरि विष्णु विधाता, ॐ जय लक्ष्मी माता) x २
उमा, रमा, ब्रह्माणी, तुम ही जग-माता
सूर्य-चन्द्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता ॐ
जय लक्ष्मी माता x २
दुर्गा रुप निरंजनी, सुख सम्पत्ति दाता
जो कोई तुमको ध्यावत, ऋद्धि-सिद्धि धन पाता
ॐ जय लक्ष्मी माता x २
तुम पाताल-निवासिनि, तुम ही शुभदाता
कर्म-प्रभाव-प्रकाशिनी, भवनिधि की त्राता
ॐ जय लक्ष्मी माता x २
जिस घर में तुम रहतीं, सब सद्गुण आता
सब सम्भव हो जाता, मन नहीं घबराता
ॐ जय लक्ष्मी माता x २
तुम बिन यज्ञ न होते, वस्त्र न कोई पाता
खान-पान का वैभव, सब तुमसे आता
ॐ जय लक्ष्मी माता x २
शुभ-गुण मन्दिर सुन्दर, क्षीरोदधि-जाता
रत्न चतुर्दश तुम बिन, कोई नहीं पाता
ॐ जय लक्ष्मी माता x २
महालक्ष्मीजी की आरती, जो कोई नर गाता
उर आनन्द समाता, पाप उतर जाता
ॐ जय लक्ष्मी माता x २
ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता
तुमको निशदिन सेवत, मैया जी को निशदिन सेवत
हरि विष्णु विधाता, ॐ जय लक्ष्मी माता x २
Mahalakshmi Stotram
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