Jagannath Stotram Sanskrit

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Jagannath Stotram Sanskrit

Jagannath Stotram is one of the best Hindu Vedic hymns dedicated to the Lord Jagannath. Lord Jagannath Ji is widely worshipped in the whole world mainly in India and specifically in Puri.

Puri is a coastal city and a municipality in the state of Odisha in eastern India. If you want to seek the blessings of Lord Jagannath and want to spend a healthy and prosperous life along with your family. Shri Devi & ‎Bhu Devi are the spouses of Lord Jagannath.

Jagannath Stotram Lyrics in Sanskirt

॥ जगन्नाथप्रणामः ॥

नीलाचलनिवासाय नित्याय परमात्मने ।

बलभद्रसुभद्राभ्यां जगन्नाथाय ते नमः ॥ १॥

जगदानन्दकन्दाय प्रणतार्तहराय च ।

नीलाचलनिवासाय जगन्नाथाय ते नमः ॥ २॥

॥ श्री जगन्नाथ प्रार्थना ॥

रत्नाकरस्तव गृहं गृहिणी च पद्मा

किं देयमस्ति भवते पुरुषोत्तमाय ।

? अभीर?वामनयनाहृतमानसाय

दत्तं मनो यदुपते त्वरितं गृहाण ॥ १॥

भक्तानामभयप्रदो यदि भवेत् किन्तद्विचित्रं प्रभो

कीटोऽपि स्वजनस्य रक्षणविधावेकान्तमुद्वेजितः ।

ये युष्मच्चरणारविन्दविमुखा स्वप्नेऽपि नालोचका-

स्तेषामुद्धरण-क्षमो यदि भवेत् कारुण्यसिन्धुस्तदा ॥ २॥

अनाथस्य जगन्नाथ नाथस्त्वं मे न संशयः ।

यस्य नाथो जगन्नाथस्तस्य दुःखं कथं प्रभो ॥ ३॥

या त्वरा द्रौपदीत्राणे या त्वरा गजमोक्षणे ।

मय्यार्ते करुणामूर्ते सा त्वरा क्व गता हरे ॥ ४॥

मत्समो पातकी नास्ति त्वत्समो नास्ति पापहा ।

इति विज्ञाय देवेश यथायोग्यं तथा कुरु ॥ ५॥

श्री जगन्नाथ जी की आरती (Jagannath Aarti Lyrics in Hindi)

आरती श्री जगन्नाथ मंगल कारी,

आरती श्री बैकुंठ मंगलकारी,

मंगलकारी नाथ आपादा हरि,

कंचन को धुप दीप ज्योत जगमगी,

अगर कपूर बाटी भव से धारी.

आरती श्री जगन्नाथ मंगल कारी,

आरती श्री बैकुंठ मंगलकारी.

घर घरन बजता बाजे बंसुरी,

घर घरन बजता बाजे बंसुरी,

झांझ या मृदंग बाजे, ताल खनजरी.

आरती श्री जगन्नाथ मंगल कारी,

आरती श्री बैकुंठ मंगलकारी.

निरखत मुखारविंद परसोत चरनारविन्द आपादा हरि,

जगन्नाथ स्वामी के अताको चढे वेद की धुवानी,

जगन्नाथ स्वामी के भोग लागो बैकुंठपुरी.

आरती श्री जगन्नाथ मंगल कारी,

आरती श्री बैकुंठ मंगलकारी.

इंद्र दमन सिंह गजे रोहिणी खड़ी,

इंद्र दमन सिंह गजे रोहिणी खड़ी,

मार्कंडेय स्व गंगा आनंद भरि.

आरती श्री जगन्नाथ मंगल कारी,

आरती श्री बैकुंठ मंगलकारी.

सरनार मुनि द्वारे तदे ब्रह्म वेद भानी,

सरनार मुनि द्वारे तदे ब्रह्म वेद भानी,

धन धन ओह सुर स्वामी आनंद गढ़ी.

आरती श्री जगन्नाथ मंगल कारी,

आरती श्री बैकुंठ मंगलकारी.

आरती श्री जगन्नाथ मंगल कारी,

आरती श्री बैकुंठ मंगलकारी,

मंगलकारी नाथ आपादा हरि.

कंचन को धुप दीप ज्योत जगमगी,

अगर कपूर बाटी भव से धारी.

आरती श्री जगन्नाथ मंगल कारी,

आरती श्री बैकुंठ मंगलकारी.

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