हनुमान स्तुति Hanuman Stuti - Summary
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, शनिवार की सुबह और शाम हनुमान मंदिर जाकर सबसे पहले गाय के घी का दीपक जलाना चाहिए। इसके बाद, हनुमान जी की मूर्ति के सामने सिंदूर या कुशा के आसन पर बैठकर नीचे दी गई हनुमान स्तुति का पाठ करें। यह हनुमान स्तुति आपको शक्ति और साहस देगी। स्तुति पढ़ने के बाद, श्री हनुमान चालीसा और श्री हनुमत आरती का भी जरूर पाठ करें। ऐसी भक्ति से मन और आत्मा दोनों को शांति मिलती है। अगर आप हनुमान स्तुति PDF डाउनलोड करना चाहते हैं, तो यह लेख आपके लिए बहुत मददगार होगा।
हनुमान स्तुति का महत्व और लाभ
हनुमान जी की स्तुति हमारे जीवन में कई तरह के सकारात्मक प्रभाव लाती है। यह हमें शक्ति, साहस और बुद्धिमानी देती है। हनुमान स्तुति करने से मनोवांछित फल मिलते हैं और बुरे प्रभावों से सुरक्षा मिलती है। इस स्तुति को नियमित रूप से पढ़ने से आपके अंदर आत्मविश्वास और मानसिक स्थिरता आती है।
हनुमान स्तुति PDF कैसे डाउनलोड करें
हनुमान स्तुति का पाठ सरल और प्रभावशाली है। आप इसे सुबह या शाम हनुमान जी के मंदिर में या अपने घर की पूजा में कर सकते हैं। ध्यान रखें कि इसे हनुमान जी के प्रति श्रद्धा और भक्ति भाव से पढ़ना चाहिए। आप नीचे दिए गए लिंक से हनुमान स्तुति PDF डाउनलोड कर सकते हैं।
ज्योतिष के अनुसार, शनिवार का दिन हनुमान जी की पूजा के लिए बहुत शुभ माना गया है। इस दिन खासकर हनुमान जी की स्तुति और हनुमान चालीसा का पाठ करने से जीवन में सुख, समृद्धि और भय से मुक्ति मिलती है। 2025 में भी शनिवार के दिन हनुमान जी की पूजा का खास महत्व रहेगा।
हनुमान स्तुति के श्लोक और अर्थ
हनुमान जी की स्तुति इस मंत्र से करें-
- हनुमान, ॐ श्री हनुमते नमः। अर्थात- भक्त हनुमान, जिनकी ठोड़ी में दरार हो।
- अञ्जनी सुत, ॐ अञ्जनी सुताय नमः। अर्थात- देवी अंजनी के पुत्र
- वायु पुत्र, ॐ वायुपुत्राय नमः। अर्थात- पवनदेव के पुत्र
- महाबल, ॐ महाबलाय नमः। …
- रामेष्ट, ॐ रामेष्ठाय नमः। …
- फाल्गुण सखा, ॐ फाल्गुण सखाय नमः।
आप नीचे दिए गए लिंक से Hanuman Stuti PDF डाउनलोड कर सकते हैं।
हनुमान जी की इस पवित्र स्तुति की PDF डाउनलोड करना बहुत आसान है। आप इसे अपने मोबाइल या कंप्यूटर में सेव करके कभी भी और कहीं भी पढ़ सकते हैं। भक्ति का यह सुंदर तरीका आपकी साधना को और भी आसान और प्रभावी बना देगा।
हनुमान स्तुति: 2025 में पाठ का महत्व
हनुमान स्तुति का पाठ आप किसी भी दिन कर सकते हैं, लेकिन शनिवार और मंगलवार को यह विशेष रूप से फायदेमंद होता है। 2025 में भी यह मान्यता बनी रहेगी। नियमित पाठ से मन को शांति मिलती है और जीवन की मुश्किलें दूर होती हैं।