गीता प्रेस गोरखपुर दुर्गा सप्तशती – Durga Saptashati Geeta Press Gorakhpur - Summary
Durga Saptashati Gita Press Gorakhpur Hindi PDF में आपको माँ दुर्गा की आरती, दुर्गा पूजा विधि और अन्य जानकारी मिलेगी, जिसे आप रोज़ पढ़ सकते हैं। दुर्गासप्तशती पाठ सात सौ श्लोकों को एकत्रित करके बना एक देवी उपासना ग्रंथ है। इसे रोजाना पढ़ने से माँ दुर्गा आपके सभी दुःख दूर करके आपके जीवन को सुख और समृद्धि से भर देती हैं। यह सप्तशती पाठ माँ दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए उनके भक्तों द्वारा किया जाता है।
दुर्गासप्तशती हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण ग्रंथ है। इसमें भगवती की कृपा का सुन्दर इतिहास और गूढ़ साधना के रहस्य भरे हुए हैं। कर्म, भक्ति और ज्ञान की त्रिवेणी बहाने वाला यह ग्रंथ भक्तों के लिए वांछित कल्पतरु है।
Durga Saptashati Gita Press Gorakhpur Hindi – गीता प्रेस गोरखपुर दुर्गा सप्तशती
विशेष रूप से शारदीय नवरात्रि में श्री दुर्गासप्तशती का पाठ बड़े श्रद्धा और भक्ति के साथ किया जाता है। कुछ घरों में इस पाठ की पारंपरिक विधि होती है। पाठ के बाद हवन भी किया जाता है, जिसे ‘चंडी विधान’ कहा जाता है। संख्या के अनुसार नवचंडी, शतचंडी, सहस्रचंडी और लक्षचंडी जैसे चंडी विधान बताए गए हैं। लोग नवरात्रि के नौ दिनों में हर दिन एक पाठ करते हैं।
नवरात्रि के दौरान यथाशक्ति श्री दुर्गासप्तशती का पाठ करने की परंपरा है। पाठ के बाद श्रद्धा के साथ पोथी पर फूल अर्पित कर आरती की जाती है। श्री दुर्गासप्तशती पाठ में देवी माँ के विभिन्न रूपों को वंदन किया गया है।
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