देवी खड्गमाला स्तोत्र – Devi Khadgamala Stotram - Summary
देवी खड्गमाला स्तोत्र – Devi Khadgamala Stotram
प्रार्थना
ह्रीङ्काराननगर्भितानलशिखां सौः क्लीङ्कलां बिभ्रतीं
सौवर्णाम्बरधारिणीं वरसुधाधौतां त्रिनेत्रोज्ज्वलाम् ।
वन्दे पुस्तकपाशमङ्कुशधरां स्रग्भूषितामुज्ज्वलां
त्वां गौरीं त्रिपुरां परात्परकलां श्रीचक्रसञ्चारिणीम् ॥
अस्य श्रीशुद्धशक्तिमालामहामन्त्रस्य, उपस्थेन्द्रियाधिष्ठायी
वरुणादित्य ऋषिः देवी गायत्री छन्दः सात्विक
ककारभट्टारकपीठस्थित कामेश्वराङ्कनिलया
महाकामेश्वरी श्री ललिता भट्टारिका देवता, ऐं बीजं
क्लीं शक्तिः, सौः कीलकं मम
खड्गसिद्ध्यर्थे सर्वाभीष्टसिद्ध्यर्थे जपे विनियोगः,
मूलमन्त्रेण षडङ्गन्यासं कुर्यात् ॥
ध्यानम्
तादृशं खड्गमाप्नोति येन हस्तस्थितेनवै
अष्टादशमहाद्वीपसम्राड्भोक्ताभविष्यति
आरक्ताभांत्रिनेत्रामरुणिमवसनां रत्नताटङ्करम्यां
हस्ताम्भोजैस्सपाशाङ्कुशमदनधनुस्सायकैर्विस्फुरन्तीम् ।
आपीनोत्तुङ्गवक्षो रुहकलशलुठत्तारहारोज्ज्वलाङ्गीं
ध्यानेदम्भोरुहस्थामरुणिमवसनामीश्वरीमीश्वराणाम् ॥
लमित्यादिपञ्च पूजां कुर्यात्, यथाशक्ति मूलमन्त्रं जपेत्।
खड्गमाला स्तोत्र पाठ के लाभ – Khadgamala Stotram Benefits in Hindi
- सबसे पहले नहाकर स्वच्छ वस्त्र पहने।
- अब पूर्व दिशा की ओर मुख करके बैठ जाएँ।
- एक लकड़ी की चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर उसपर देवी माँ की स्थापना करें।
- अब श्री दुर्गा चालीसा का पाठ करें तथा पाठ सम्पन होने पर देवी खड्गमाला स्तोत्र का पाठ करें।
- अंत में श्री दुर्गा आरती करें तथा देवी माँ का आशीर्वाद ग्रहण करें।
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