दामोदर अष्टकम (Damodar Ashtakam) - Summary
दामोदर अष्टकम एक अत्यंत पवित्र और भक्तिपूर्ण स्तोत्र है, जिसे महान संत और आचार्य श्री शुकदेव गोस्वामी ने रचा था। यह स्तोत्र श्रीमद्भागवतम के दशम स्कंध के “दामोदर लीला” प्रसंग से लिया गया है। इसमें भगवान श्रीकृष्ण के बाल रूप का वर्णन किया गया है, जब माता यशोदा ने उन्हें माखन चुराने पर रस्सी से बाँधा था। यह प्रसंग भक्त और भगवान के मधुर प्रेम का अद्भुत उदाहरण प्रस्तुत करता है।
दामोदर अष्टकम भगवान कृष्ण का एक खास स्तोत्र है। इसमें उनके बचपन के रूप का वर्णन है, जिसे दामोदर कहा जाता है। दामोदर का मतलब है ‘जिसका पेट रस्सी से बंधा है’। यह नाम तब मिला जब उनकी पालक माँ यशोदा ने उन्हें ऊखल से बाँध दिया था। इस स्तोत्र को पढ़ना भक्तों के लिए बहुत शुभ माना जाता है। PDF डाउनलोड करने से आप इसे हमेशा अपने पास रख सकते हैं और जब चाहे पढ़ सकते हैं।
दामोदर अष्टकम का मतलब और इसका हमारे जीवन में महत्व
दामोदर अष्टकम की प्रार्थना से भक्तों के दिल में भगवान कृष्ण के लिए गहरा प्यार और भक्ति आती है। इसे रोज़ पढ़ने या सुनने से जीवन की सारी परेशानियां दूर हो जाती हैं और मन को शांति मिलती है। यह प्रार्थना न केवल हमारी जिन्दगी की मुश्किलों को कम करती है, बल्कि हमें सुख-शांति भी देती है। इस प्रार्थना का सही मतलब समझने के लिए PDF में दिए गए अर्थ को पढ़ना बहुत फायदेमंद है।
आप नीचे दिए गए लिंक से दामोदर अष्टकम (Damodar Ashtakam) PDF डाउनलोड कर सकते हैं और इसे अपने फोन या कंप्यूटर में रख सकते हैं। इसे डाउनलोड करना बहुत आसान है और इस PDF में प्रार्थना के साथ उसका मतलब भी दिया गया है ताकि छोटे-बड़े सभी इसे समझ सकें।
दामोदर अष्टकम के प्यारे श्लोक
यहाँ दामोदर अष्टकम के कुछ खास श्लोक दिए गए हैं:
नमामीश्वरं सच्चिदानंदरूपं
लसत्कुण्डलं गोकुले भ्राजमानं
… (अन्य अंश ऊपर दिए अनुसार बिना बदलाव के जारी रहें) …
आप दामोदर अष्टकम की पूरी प्रार्थना और अर्थ के साथ ऊपर बताए गए PDF को डाउनलोड करके और अच्छी तरह जान सकते हैं।