Chandrasekhara Ashtakam (चंद्रशेखर अष्टकम) Sanskrit

❴SHARE THIS PDF❵ FacebookX (Twitter)Whatsapp
REPORT THIS PDF ⚐

Chandrasekhara Ashtakam (चंद्रशेखर अष्टकम) Sanskrit

चंद्रशेखर अष्टकम भगवान शिव की स्तुति करने वाले 8 श्लोकों वाला एक शक्तिशाली भजन है। ‘चंदशेखर’ का अर्थ है जो चंद्रमा के साथ अपने मुकुट को सुशोभित करता है (चंद्र-चंद्रमा, शेखर-मुकुट)। भगवान शिव के एक महान भक्त मार्कंडेय ने चंद्रशेखरष्टकम लिखा था। शिव की कृपा पाने के लिए भक्ति के साथ चंद्रशेखर अष्टक का जप करें।

चंद्रशेखर अष्टकम का पाठ करने से अकाल मृत्यु और डर से बचाता हैं। इसके अलावा जिन लोगों की कुंडली में चंद्रमा कमजोर होता है।  उन्‍हें सोमवार के द‍िन चंद्रदेव ‘चंद्रशेखर स्‍तोत्र’ का पाठ करना चाहिए ऐसा करने से चंद्रमा मजबूत होता है। इसके अलावा सोमवार के ही द‍िन रामायण के अयोध्याकाण्ड का पाठ करना चाहिए। इससे भी चंद्रमा मजबूत होता है और आमदनी में वृद्धि होती है।

Chandrasekhara Ashtakam Sanskrit

चन्द्रशेखर चन्द्रशेखर चन्द्रशेखर पाहिमाम् ।
चन्द्रशेखर चन्द्रशेखर चन्द्रशेखर रक्षमाम् ॥

रत्नसानु शरासनं रजताद्रि शृङ्ग निकेतनं
शिञ्जिनीकृत पन्नगेश्वर मच्युतानल सायकम् ।
क्षिप्रदग्द पुरत्रयं त्रिदशालयै रभिवन्दितं
चन्द्रशेखरमाश्रये मम किं करिष्यति वै यमः ॥ 1 ॥

मत्तवारण मुख्यचर्म कृतोत्तरीय मनोहरं
पङ्कजासन पद्मलोचन पूजिताङ्घ्रि सरोरुहम् ।
देव सिन्धु तरङ्ग श्रीकर सिक्त शुभ्र जटाधरं
चन्द्रशेखरमाश्रये मम किं करिष्यति वै यमः ॥ 2 ॥

कुण्डलीकृत कुण्डलीश्वर कुण्डलं वृषवाहनं
नारदादि मुनीश्वर स्तुतवैभवं भुवनेश्वरम् ।
अन्धकान्तक माश्रितामर पादपं शमनान्तकं
चन्द्रशेखरमाश्रये मम किं करिष्यति वै यमः ॥ 3 ॥

पञ्चपादप पुष्पगन्ध पदाम्बुज द्वयशोभितं
फाललोचन जातपावक दग्ध मन्मध विग्रहम् ।
भस्मदिग्द कलेबरं भवनाशनं भव मव्ययं
चन्द्रशेखरमाश्रये मम किं करिष्यति वै यमः ॥ 4 ॥

यक्ष राजसखं भगाक्ष हरं भुजङ्ग विभूषणम्
शैलराज सुता परिष्कृत चारुवाम कलेबरम् ।
क्षेल नीलगलं परश्वध धारिणं मृगधारिणम्
चन्द्रशेखरमाश्रये मम किं करिष्यति वै यमः ॥ 5 ॥

भेषजं भवरोगिणा मखिलापदा मपहारिणं
दक्षयज्ञ विनाशनं त्रिगुणात्मकं त्रिविलोचनम् ।
भुक्ति मुक्ति फलप्रदं सकलाघ सङ्घ निबर्हणं
चन्द्रशेखरमाश्रये मम किं करिष्यति वै यमः ॥ 6 ॥

विश्वसृष्टि विधायकं पुनरेवपालन तत्परं
संहरं तमपि प्रपञ्च मशेषलोक निवासिनम् ।
क्रीडयन्त महर्निशं गणनाथ यूथ समन्वितं
चन्द्रशेखरमाश्रये मम किं करिष्यति वै यमः ॥ 7 ॥

भक्तवत्सल मर्चितं निधिमक्षयं हरिदम्बरं
सर्वभूत पतिं परात्पर मप्रमेय मनुत्तमम् ।
सोमवारिन भोहुताशन सोम पाद्यखिलाकृतिं
चन्द्रशेखर एव तस्य ददाति मुक्ति मयत्नतः ॥ 8 ॥

आप नीचे दिए गए लिंक का उपयोग करके Chandrasekhara Ashtakam (चंद्रशेखर अष्टकम) Sanskrit PDF में प्राप्त कर सकते है।

2nd Page of Chandrasekhara Ashtakam (चंद्रशेखर अष्टकम) Sanskrit PDF
Chandrasekhara Ashtakam (चंद्रशेखर अष्टकम) Sanskrit

Chandrasekhara Ashtakam (चंद्रशेखर अष्टकम) Sanskrit PDF Free Download

REPORT THISIf the purchase / download link of Chandrasekhara Ashtakam (चंद्रशेखर अष्टकम) Sanskrit PDF is not working or you feel any other problem with it, please REPORT IT by selecting the appropriate action such as copyright material / promotion content / link is broken etc. If this is a copyright material we will not be providing its PDF or any source for downloading at any cost.

SIMILAR PDF FILES