सम्पूर्ण चाणक्य नीति (Chanakya Niti) Book - Summary
“चाणक्य नीति” एक प्रसिद्ध ग्रंथ है जिसे चाणक्य ने लिखा था। यह ग्रंथ विभिन्न जीवन के मामलों, नीतियों, और संदेशों को समझाता है। चाणक्य नीति के कई सूत्रों में समाज, राजनीति, धर्म, आर्थिक व्यवस्था और जीवन विज्ञान के महत्वपूर्ण विषयों पर विचार किए गए हैं।
चाणक्य नीति के उद्धरणों के माध्यम से, चाणक्य ने जीवन के विभिन्न पहलुओं पर अपने विचार और अनुभव को साझा किया। यह ग्रंथ आज भी लोगों के बीते के अनुभवों से निकले उपयोगी सिख सिखाता है।
Chanakya Niti Book in Hindi
आचार्य चाणक्य एक ऐसी महान विभूति थे, जिन्होंने अपनी विद्वत्ता, बुद्धिमता और क्षमता के बल पर भारतीय इतिहास की धारा को बदल दिया। मौर्य साम्राज्य के संस्थापक चाणक्य कुशल राजनीतिज्ञ, चतुर कूटनीतिज्ञ, प्रकांड अर्थशास्त्री के रूप में भी विश्वविख्यात हुए।
इतनी सदियाँ गुजरने के बाद आज भी यदि चाणक्य के द्वारा बताए गए सिद्धांत और नीतियाँ प्रासंगिक हैं तो मात्र इसलिए क्योंकि उन्होंने अपने गहन अध्ययन, चिंतन और जीवानानुभवों से अर्जित अमूल्य ज्ञान को, पूरी तरह नि:स्वार्थ होकर मानवीय कल्याण के उद्देश्य से अभिव्यक्त किया। चाणक्य नीति द्वारा मित्र-भेद से लेकर दुश्मन तक की पहचान, पति-परायण तथा चरित्र हीन स्त्रियों में विभेद, राजा का कर्तव्य और जनता के अधिकारों तथा वर्ण व्यवस्था का उचित निदान हो जाता है। महापंडित आचार्य चाणक्य की ‘चाणक्य नीति’ में कुल सत्रह अध्याय है, जिन्हे आप नीचे दिए गए लिंक्स पर पढ़ सकते हैं।
चाणक्य नीति के कुछ प्रसिद्ध उद्धरण:
- शत्रु से युद्ध करें, तो सावधानी बरतें।
- सुखी वह है जो सबसे ज्यादा धन का आनंद लेता है, न कि जो सबसे अधिक धन का मालिक होता है।
- अपने विचारों को खर्च न करें, जब तक कि आपके परिपक्वता के लिए उनका उपयोग न हो।
- दोस्त की नींद को उसकी आंखों की नमी से मापें, न कि उसके साथ बैठ कर।
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