वराह पुराण – Varaha Purana - Summary
वराह पुराण का PDF डाउनलोड करें और इसके अद्भुत ज्ञान का अनुभव करें। इस पवित्र ग्रंथ में भगवान श्रीहरि के वराह अवतार की रोचक कथा प्रस्तुत की गई है, जिसमें अनेक तीर्थ, व्रत, यज्ञ, दान आदि का विस्तृत विवरण शामिल है। यह महत्वपूर्ण हिन्दू धर्म का एक हिस्सा है, जो प्राचीन भारतीय धार्मिक परंपराओं को समझने में मदद करता है।
वराह पुराण: कथा और इतिहास
वराह पुराण, जो भगवान वराह द्वारा पृथ्वी को सुनाए जाने के कारण ऐसा नामित किया गया, इस पुराण में भगवान विष्णु के वराह अवतार का वर्णन किया गया है। भगवान ने पृथ्वी का उद्धार करने के लिए इस अवतार को धारण किया। वराह ने दैत्य हिरण्याक्ष का वध कर पृथ्वी को अपने विशाल मुख में एक सहस्र वर्ष तक धारण किया।
उसके बाद, जब पृथ्वी ने भगवान वराह के स्वरूप पर अपनी जिज्ञासाएँ व्यक्त कीं, तो भगवान वराह ने उन्हें पौराणिक एवं गूढ़ ज्ञान का उपदेश दिया। इस दिव्य ज्ञान को इस पुराण में विस्तार से विवेचित किया गया है।
इसमें भगवान श्रीहरि के वराह अवतार की मुख्य कथा के साथ-साथ अनेक तीर्थ, व्रत, यज्ञ, श्राद्ध-तर्पण, दान और अनुष्ठान आदि का शिक्षाप्रद और आत्मकल्याणकारी वर्णन है। इसमें भगवान श्रीहरि की महिमा, हिमालय की पुत्री गौरी की उत्पत्ति, और भगवान शंकर के साथ उनके विवाह की रोचक कथा भी प्रस्तुत की गई है।
वराह पुराण का महत्व
‘वराह पुराण’ एक वैष्णव पुराण है, जिसमें भगवान विष्णु के वराह अवतार का विस्तृत वर्णन है। यह पुराण धार्मिक ज्ञान से परिपूर्ण है और जीवन के लिए महत्वपूर्ण उपदेश प्रदान करता है।
इसका भौगोलिक दृष्टि से महत्वपूर्ण मूल्य है, क्योंकि इसमें विभिन्न स्थानों का वर्णन अन्य पुराणों की तुलना में अधिक स्पष्ट और प्रमाणिक है। विशेष रूप से मथुरा नागरी के तीर्थों का विवरण अत्यंत विस्तृत होता है।
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