कनकधारा स्तोत्र (Kanakadhara Stotram) Hindi PDF

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कनकधारा स्तोत्र (Kanakadhara Stotram) - Summary

धन प्राप्ति के लिए हर इंसान हरसंभव श्रेष्ठ उपाय करना चाहता है। धन प्राप्ति और धन संचय के लिए पुराणों में वर्णित कनकधारा स्तोत्र एवं यंत्र चमत्कारिक रूप से लाभ प्रदान करते हैं। यह यंत्र खास है क्योंकि यह किसी भी प्रकार की विशेष माला, जाप, पूजन, विधि-विधान की मांग नहीं करता। बस दिन में एक बार इसे पढ़ना काफी है।

कनकधारा स्तोत्र का महत्व

कनकधारा स्तोत्रम श्री बल्लभाचार्य द्वारा लिखा गया माँ लक्ष्मी जी का आशीर्वाद प्राप्त करने का एक शक्तिशाली स्तोत्र है। नियमित रूप से कनकधारा स्तोत्र का पाठ करने और कनकधारा यंत्र को धारण करने से धन सम्बंधित परेशानियां शीघ्र ही दूर हो जाती हैं। इसे धन प्राप्त करने के लिए एक बहुत शक्तिशाली स्तोत्र माना जाता है।

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कनकधारा स्तोत्र हिंदी अर्थ सहित – Kanakadhara Stotra with Hindi Meaning

अङ्ग हरेः पुलकभूषणमाश्रयन्ती
भृङ्गाङ्गनेव मुकुलाभरणं तमालम् ।
अङ्गीकृताखिलविभूतिरपाङ्गलीला
माङ्गल्यदास्तु मम मङ्गलदेवतायाः ॥1॥
अर्थ – जैसे भ्रमरी अधखिले कुसुमों से अलंकृत तमाल के पेड़ का आश्रय लेती है, उसी प्रकार जो श्रीहरि के रोमांच से सुशोभित श्रीअंगों पर निरंतर पड़ती रहती है तथा जिसमें सम्पूर्ण ऐश्वर्य का निवास है, वह सम्पूर्ण मंगलों की अधिष्ठात्री देवी भगवती महालक्ष्मी की कटाक्षलीला मेरे लिए मंगलदायिनी हो।

मुग्धा मुहुर्विदधती वदने मुरारेः
प्रेमत्रपाप्रणिहितानि गतागतानि ।
माला दृशोर्मधुकरीव महोत्पले या
सा मे श्रियं दिशतु सागरसम्भवायाः ॥2॥
अर्थ – जैसे भ्रमरी महान कमलदल पर आती-जाती या मँडराती रहती है, उसी प्रकार जो मुरशत्रु श्रीहरि के मुखारविंद की ओर बारंबार प्रेमपूर्वक जाती और लज्जा के कारण लौट आती है, वह समुद्रकन्या लक्ष्मी की मनोहर मुग्ध दृष्टिमाला मुझे धन-सम्पत्ति प्रदान करे।

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