Soundarya Lahari Hindi – सौंदर्य लहरी - Summary
सौंदर्य लहरी (संस्कृत: सौन्दर्यलहरी), जिसका अर्थ है “सौंदर्य की लहरें”, एक प्रसिद्ध साहित्यिक कृति है जिसे ऋषि आदि शंकर ने संस्कृत में लिखा। कुछ लोग मानते हैं कि इसका पहला भाग “आनंद लहरी” मेरु पर्वत पर भगवान गणेश द्वारा उकेरा गया था। शंकर के गुरु गोविंद भगवदपाद के गुरु ऋषि गौड़पाद ने पुष्पदंत के लेखन को याद किया, जिससे यह रचना आदि शंकराचार्य तक पहुंची। इस कृति में एक सौ तीन श्लोक (छंद) हैं, जो भगवान शिव की पत्नी देवी पार्वती की सुंदरता, कृपा और उदारता की प्रशंसा करते हैं।
इस लेख में, हमने आपकी सहायता के लिए सौंदर्य लहरी हिंदी अर्थ सहित PDF के लिए डाउनलोड लिंक दिया है। सौंदर्य लहरी का अर्थ है खुशी की लहर। यह एक प्रसिद्ध प्रार्थना है जिसका जप मेरु पर्वत पर भगवान गणेश द्वारा किया गया था। जो लोग इस बेहद प्रसिद्ध प्रार्थना को रोजाना सुबह और शाम पढ़ते हैं, उनके जीवन में हमेशा खुशियां बनी रहती हैं।
सौंदर्य लहरी – Soundarya Lahari in Hindi
आनंद लहरी (1-40)
शिवः शक्त्या युक्तो यदि भवति शक्तः प्रभवितुं
न चेदेवं देवो न खलु कुशलः स्पन्दितुमपि ॥ १॥
अतस्त्वामाराध्यां हरिहरविरिञ्चादिभिरपि
प्रणन्तुं स्तोतुं वा कथमकृतपुण्यः प्रभवति ॥ २॥
त्वदन्यः पाणिभ्यामभयवरदो दैवतगणः
त्वमेका नैवासि प्रकटितवराभीत्यभिनया ॥ ४॥
हरिस्त्वामाराध्य प्रणतजनसौभाग्यजननीं
पुरा नारी भूत्वा पुररिपुमपि क्षोभमनयत् ॥ ५॥
आदि शंकर द्वारा लिखित सौंदर्य लहरी का जप न केवल आध्यात्मिक उन्नति के लिए, बल्कि जीवन में सुख, शांति और भक्ति के लिए भी महत्वपूर्ण है।
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