शुक्र अष्टोत्तर शतनामावली – Shukra Ashtottara Shatanamavali Hindi PDF

शुक्र अष्टोत्तर शतनामावली – Shukra Ashtottara Shatanamavali in Hindi PDF download free from the direct link below.

शुक्र अष्टोत्तर शतनामावली – Shukra Ashtottara Shatanamavali - Summary

शुक्र अष्टोत्तर शतनामावली PDF में शुक्र ग्रह के 108 नामों का वर्णन किया गया है, जिसका नियमित पाठ करने से आप शुक्र ग्रह के दुष्प्रभाव से बच सकते हैं। इस शतनामावली का उपयोग करके आप अपने अशुभ प्रभाव को कुंडली से हटा सकते हैं। आप शुक्र अष्टोत्तर शतनामावली PDF को डाउनलोड करने के लिए नीचे दिए गए लिंक का उपयोग कर सकते हैं।

शुक्र अष्टोत्तर शतनामावली के लाभ

शुक्र अष्टोत्तर शतनामावली | Shukra Ashtottara Shatanamavali PDF के पाठ से अनेक लाभ होते हैं। जैसे कि, अगर शुक्र ग्रह की महादशा और अंतर्दशा आपके लिए विपरीत चल रही हो, तो इसका पाठ करना जातक को फायदा पहुंचाता है। साथ ही, ये विशेष मंत्र जीवन में आने वाली उन बीमारियों और समस्याओं से राहत देते हैं जो शुक्र ग्रह से संबंधित होती हैं। इस शतनामावली का जाप करने से जातक की कुंडली में शुक्र ग्रह की अशुभता को कम किया जा सकता है।

शुक्र अष्टोत्तर शतनामावली – Shukra Ashtottara Shatanamavali

  1. ॐ शुक्राय नमः ।
  2. ॐ शुचयॆ नमः ।
  3. ॐ शुभगुणाय नमः ।
  4. ॐ शुभदाय नमः ।
  5. ॐ शुभलक्षणाय नमः ।
  6. ॐ शॊभनाक्षाय नमः ।
  7. ॐ शुभ्रवाहाय नमः ।
  8. ॐ शुद्धस्फटिकभास्वराय नमः ।
  9. ॐ दीनार्तिहारकाय नमः ।
  10. ॐ दैत्यगुरवॆ नमः ॥ १० ॥
  11. ॐ दॆवाभिवंदिताय नमः ।
  12. ॐ काव्यासक्ताय नमः ।
  13. ॐ कामपालाय नमः ।
  14. ॐ कवयॆ नमः ।
  15. ॐ कल्याणदायकाय नमः ।
  16. ॐ भद्रमूर्तयॆ नमः ।
  17. ॐ भद्रगुणाय नमः ।
  18. ॐ भार्गवाय नमः ।
  19. ॐ भक्तपालनाय नमः ।
  20. ॐ भॊगदाय नमः ॥ २० ॥
  21. ॐ भुवनाध्यक्षाय नमः ।
  22. ॐ भुक्तिमुक्तिफलप्रदाय नमः ।
  23. ॐ चारुशीलाय नमः ।
  24. ॐ चारुरूपाय नमः ।
  25. ॐ चारुचंद्रनिभाननाय नमः ।
  26. ॐ निधयॆ नमः ।
  27. ॐ निखिलशास्त्रज्ञाय नमः ।
  28. ॐ नीतिविद्याधुरंधराक्षाय नमः ।
  29. ॐ सर्वलक्षणसंपन्नाय नमः ।
  30. ॐ सर्वापद्गुणवर्जिताय नमः ॥ ३० ॥
  31. ॐ समानाधिकनिर्मुक्ताय नमः ।
  32. ॐ सकलागमपारगाय नमः ।
  33. ॐ भृगवॆ नमः ।
  34. ॐ भॊगकराय नमः ।
  35. ॐ भूमिसुरपालनतत्पराय नमः ।
  36. ॐ मनस्विनॆ नमः ।
  37. ॐ मानदाय नमः ।
  38. ॐ मान्याय नमः ।
  39. ॐ मायातीताय नमः ।
  40. ॐ महायशसॆ नमः ॥ ४० ॥
  41. ॐ बलिप्रसन्नाय नमः ।
  42. ॐ अभयदाय नमः ।
  43. ॐ बलिनॆ नमः ।
  44. ॐ बलपराक्रमाय नमः ।
  45. ॐ भवपाशपरित्यागाय नमः ।
  46. ॐ बलिबंधविमॊचकाय नमः ।
  47. ॐ घनाशयाय नमः ।
  48. ॐ घनाध्यक्षाय नमः ।
  49. ॐ कंबुग्रीवायै नमः ।
  50. ॐ कळाधराय नमः । । ५० ॥
  51. ॐ कारुण्यरससंपूर्णाय नमः ।
  52. ॐ कल्याणगुणवर्धनाय नमः ।
  53. ॐ श्वॆतांबराय नमः ।
  54. ॐ श्वॆतवपुषॆ नमः ।
  55. ॐ चतुर्भुजसमन्विताय नमः ।
  56. ॐ अक्षमालाधराय नमः ।
  57. ॐ अचिंत्याय नमः ।
  58. ॐ अक्षीणगुणभासुराय नमः ।
  59. ॐ नक्षत्रगणसंचाराय नमः ।
  60. ॐ नयदाय नमः ॥ ६० ॥
  61. ॐ नीतिमार्गदाय नमः ।
  62. ॐ वर्षप्रदाय नमः ।
  63. ॐ हृषीकॆशाय नमः ।
  64. ॐ क्लॆशनाशकराय नमः ।
  65. ॐ कवयॆ नमः ।
  66. ॐ चिंतितार्थप्रदाय नमः ।
  67. ॐ शांतमतयॆ नमः ।
  68. ॐ चित्तसमाधिकृतॆ नमः ।
  69. ॐ आदिव्याधिहराय नमः ।
  70. ॐ भूरिविक्रमाय नमः ॥ ७० ॥
  71. ॐ पुण्यदायकाय नमः ।
  72. ॐ पुराणपुरुषाय नमः ।
  73. ॐ पूज्याय नमः ।
  74. ॐ पुरुहूतादिसन्नुताय नमः ।
  75. ॐ अजॆयाय नमः ।
  76. ॐ विजितारातयॆ नमः ।
  77. ॐ विविधाभरणॊज्ज्वलाय नमः ।
  78. ॐ कुंदपुष्पप्रतीकाशाय नमः ।
  79. ॐ मंदहासाय नमः ।
  80. ॐ महामतयॆ नमः ॥ ८० ॥
  81. ॐ मुक्ताफलसमानाभाय नमः ।
  82. ॐ मुक्तिदाय नमः ।
  83. ॐ मुनिसन्नुताय नमः ।
  84. ॐ रत्नसिंहासनारूढाय नमः ।
  85. ॐ रथस्थाय नमः ।
  86. ॐ रजतप्रभाय नमः ।
  87. ॐ सूर्यप्राग्दॆशसंचाराय नमः ।
  88. ॐ सुरशत्रुसुहृदॆ नमः ।
  89. ॐ कवयॆ नमः ।
  90. ॐ तुलावृषभराशीशाय नमः ॥ ९० ॥
  91. ॐ दुर्धराय नमः ।
  92. ॐ धर्मपालकाय नमः ।
  93. ॐ भाग्यदाय नमः ।
  94. ॐ भव्यचारित्राय नमः ।
  95. ॐ भवपाशविमॊचकाय नमः ।
  96. ॐ गौडदॆशॆश्वराय नमः ।
  97. ॐ गॊप्त्रॆ नमः ।
  98. ॐ गुणिनॆ नमः ।
  99. ॐ गुणविभूषणाय नमः ।
  100. ॐ ज्यॆष्ठानक्षत्रसंभूताय नमः ॥ १०० ॥
  101. ॐ ज्यॆष्ठाय नमः ।
  102. ॐ श्रॆष्ठाय नमः ।
  103. ॐ शुचिस्मिताय नमः ।
  104. ॐ अपवर्गप्रदाय नमः ।
  105. ॐ अनंताय नमः ।
  106. ॐ संतानफलदायकाय नमः ।
  107. ॐ सर्व्यैश्वर्यप्रदायकाय नमः ।
  108. ॐ सर्वगीर्वाणगणसन्नुताय नमः ॥ १०८ ॥

शुक्र अष्टोत्तर शotanामावली पाठ के लाभ

  • शुक्र अष्टोत्तर शतनामावली के जाप से व्यक्ति का शुक्र ग्रह प्रबल होता है।
  • इसके प्रभाव से व्यक्ति के सौन्दर्य में वृद्धि होती है।
  • इस अष्टोत्तर का जाप करने से सुख-सौभाग्य में वृद्धि होती है।
  • निरन्तर इसके जप से जातक में तेज आता है।
  • शुक्र ग्रह की महादशा व अन्तर्दशा में इसके जाप से विशेष लाभ होता है।

शुक्र अष्टोत्तर शतनामावली | Shukra Ashtottara Shatanamavali PDF प्राप्त करने हेतु नीचे दिए हुए डाउनलोड बटन पर क्लिक करें।

RELATED PDF FILES

शुक्र अष्टोत्तर शतनामावली – Shukra Ashtottara Shatanamavali Hindi PDF Download