शिव अमृतवाणी | Shiv Amritwani Hindi
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शिव अमृतवाणी का पाठ करने से शिव जी प्रसन्न होते हैं तथा मनोवांछित वर प्रदान करते हैं। यदि आप भी अपने जीवन में विभिन्न प्रकार के संकटों से घिर चुके हैं तथा उनसे मुक्त होना चाहते हैं तो शिव अमृतवाणी का पाठ व श्रवण अवश्य करें तथा भगवान् भोलेनाथ की विशेष कृपा प्राप्त करके अपना जीवन परिवर्तित करें।
शिव अमृतवाणी के बोल हिंदी में, यह लोकप्रिय शिव भजन अनुराधा पौडवाल द्वारा गाया गया है, गीत पारंपरिक है, टी-सीरीज़ सबसे लोकप्रिय हिंदी भजन अनुराधा पौडवाल द्वारा प्रस्तुत शिव अमृतवाणी है।
शिव अमृतवाणी PDF | Shiv Amritwani PDF in Hindi
कल्पतरु पुन्यातामा, प्रेम सुधा शिव नाम
हितकारक संजीवनी, शिव चिंतन अविराम
पतिक पावन जैसे मधुर, शिव रसन के घोलक
भक्ति के हंसा ही चुगे, मोती ये अनमोल
जैसे तनिक सुहागा, सोने को चमकाए
शिव सुमिरन से आत्मा, अध्भुत निखरी जाये
जैसे चन्दन वृक्ष को, दस्ते नहीं है नाग
शिव भक्तो के चोले को, कभी लगे न दाग
ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय!!
दया निधि भूतेश्वर, शिव है चतुर सुजान
कण कण भीतर है, बसे नील कंठ भगवान
चंद्र चूड के त्रिनेत्र, उमा पति विश्वास
शरणागत के ये सदा, काटे सकल क्लेश
शिव द्वारे प्रपंच का, चल नहीं सकता खेल
आग और पानी का, जैसे होता नहीं है मेल
भय भंजन नटराज है, डमरू वाले नाथ
शिव का वंधन जो करे, शिव है उनके साथ
ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय!!
लाखो अश्वमेध हो, सोउ गंगा स्नान
इनसे उत्तम है कही, शिव चरणों का ध्यान
अलख निरंजन नाद से, उपजे आत्मा ज्ञान
भटके को रास्ता मिले, मुश्किल हो आसान
अमर गुणों की खान है, चित शुद्धि शिव जाप
सत्संगती में बैठ कर, करलो पश्चाताप
लिंगेश्वर के मनन से, सिद्ध हो जाते काज
नमः शिवाय रटता जा, शिव रखेंगे लाज
ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय!!
शिव चरणों को छूने से, तन मन पवन होये
शिव के रूप अनूप की, समता करे न कोई
महा बलि महा देव है, महा प्रभु महा काल
असुराणखण्डन भक्त की, पीड़ा हरे तत्काल
शर्वा व्यापी शिव भोला, धर्म रूप सुख काज
अमर अनंता भगवंता, जग के पालन हार
शिव करता संसार के, शिव सृष्टि के मूल
रोम रोम शिव रमने दो, शिव न जईओ भूल
ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय!!
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