श्री राधा रानी आरती – Radha Rani Aarti Hindi

0 People Like This
❴SHARE THIS PDF❵ FacebookX (Twitter)Whatsapp

श्री राधा रानी आरती – Radha Rani Aarti in Hindi

हिंदू पंचांग के अनुसार राधा अष्टमी का पर्व हर साल भाद्रपद शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। मान्यता है इस दिन राधा रानी का जन्म हुआ था। धार्मिक मान्यताओं अनुसार राधा पानी की पूजा के बिना श्री कृष्ण की पूजा अधूरी मानी जाती है। शास्त्रों के अनुसार राधा अष्टमी का व्रत रखने से मनुष्य को उसके सभी पापों से मुक्ति मिल जाती है और जीवन में खुशियों का आगमन होता है।

आरती श्री वृषभानुसुता की ( Aarti Shri Vrishbhanu Suta Ki ) की श्री राधा जी की सबसे प्रसिद्ध आरती है। यह प्रसिद्ध आरती राधा माता से सम्बन्धित अधिकांश अवसरों पर गायी जाती है। राधी रानी की कृपा से मनुष्य के बिगड़े कार्य सफल हो जाते हैं तथा साथ ही भगवान् श्री कृष्ण की भी विशेष कृपा प्राप्त होती है। राधी रानी को कृष्ण जी का सर्वाधिक प्रिय माना जाता है अथार्त यदि आप श्री राधी जी को प्रसन्न कर उनकी कृपा प्राप्त कर लेते हैं तो भगवान् श्री कृष्ण की कृपा भी स्वतः ही हो जाती है।

श्री राधा रानी आरती – Radha Rani Aarti Lyrics

आरती राधाजी की कीजै। टेक…
कृष्ण संग जो कर निवासा, कृष्ण करे जिन पर विश्वासा।
आरती वृषभानु लली की कीजै। आरती…
कृष्णचन्द्र की करी सहाई, मुंह में आनि रूप दिखाई।

उस शक्ति की आरती कीजै। आरती…
नंद पुत्र से प्रीति बढ़ाई, यमुना तट पर रास रचाई।

आरती रास रसाई की कीजै। आरती…
प्रेम राह जिनसे बतलाई, निर्गुण भक्ति नहीं अपनाई।

आरती राधाजी की कीजै। आरती…
दुनिया की जो रक्षा करती, भक्तजनों के दुख सब हरती।
आरती दु:ख हरणीजी की कीजै। आरती…
दुनिया की जो जननी कहावे, निज पुत्रों की धीर बंधावे।

आरती जगत माता की कीजै। आरती…
निज पुत्रों के काज संवारे, रनवीरा के कष्ट निवारे।

आरती विश्वमाता की कीजै। आरती राधाजी की कीजै…

श्री राधा माता जी की आरती – Aarti Shri Vrishbhanu Suta Ki

आरती श्री वृषभानुसुता की,मंजुल मूर्ति मोहन ममता की।

त्रिविध तापयुत संसृति नाशिनि,विमल विवेकविराग विकासिनि।

पावन प्रभु पद प्रीति प्रकाशिनि,सुन्दरतम छवि सुन्दरता की॥

आरती श्री वृषभानुसुता की।

मुनि मन मोहन मोहन मोहनि,मधुर मनोहर मूरति सोहनि।

अविरलप्रेम अमिय रस दोहनि,प्रिय अति सदा सखी ललिता की॥

आरती श्री वृषभानुसुता की।

संतत सेव्य सत मुनि जनकी,आकर अमित दिव्यगुन गनकी।

आकर्षिणी कृष्ण तन मन की,अति अमूल्य सम्पति समता की॥

आरती श्री वृषभानुसुता की।

कृष्णात्मिका कृष्ण सहचारिणि,चिन्मयवृन्दा विपिन विहारिणि।

जगज्जननि जग दुःखनिवारिणि,आदि अनादि शक्ति विभुता की॥

आरती श्री वृषभानुसुता की।

आप नीचे दिए हुए डाउनलोड बटन पर क्लिक करके श्री राधा रानी जी की आरती PDF / Shri Radha Rani Ji Ki Aarti Hindi PDF मे डाउनलोड कर सकते हैं ।

PDF's Related to श्री राधा रानी आरती – Radha Rani Aarti

श्री राधा रानी आरती – Radha Rani Aarti PDF Download Free

SEE PDF PREVIEW ❏

REPORT THISIf the download link of श्री राधा रानी आरती – Radha Rani Aarti PDF is not working or you feel any other problem with it, please REPORT IT on the download page by selecting the appropriate action such as copyright material / promotion content / link is broken etc. If श्री राधा रानी आरती – Radha Rani Aarti is a copyright material we will not be providing its PDF or any source for downloading at any cost.

RELATED PDF FILES

Exit mobile version