जीवन की खोज (Jeevan ki Khoj) by Osho Hindi PDF

जीवन की खोज (Jeevan ki Khoj) by Osho in Hindi PDF download free from the direct link below.

जीवन की खोज (Jeevan ki Khoj) by Osho - Summary

इस पुस्तक में जीवन की खोज के बारे में है

जीवन की खोज (Jeevan ki Khoj) एक अनिवार्य प्रश्न है जिसका उत्तर सभी को ढूंढना है। जीवन क्या है? यह सवाल तब उत्पन्न होता है, जब हमारी समझ हमें यह अहसास कराती है कि जिस जीवन को हम जी रहे हैं, वह असली जीवन नहीं है। जब जीवन मृत्यु के समान प्रतीत होता है, तो हमारे अंदर एक प्यास जाग उठती है, जो हमें वास्तविकता की ओर ले जाती है। यदि आपकी प्यास केवल धन, भव्यता या पद के लिए है, तो आप उसी कोटि के व्यक्ति हैं। लेकिन यदि आपकी प्यास जीवन के सच्चे अर्थ की ओर है, तो आप एक नया रूप धारण करेंगे। आपकी आत्मा का पुनर्जन्म होगा। – ओशो

अनुक्रम

अध्याय शीर्षक

#1: प्यास
#2: मार्ग
#3: द्वार
#4: प्रवेश

जीवन में एक सच्ची प्यास आवश्यक है। इसके बिना किसी भी चीज़ की कोई वास्तविकता नहीं होती। लेकिन, दुर्भाग्य से, बहुत से लोगों के जीवन में प्यास की कमी है। यह प्यास तब ही संभव है, जब कोई व्यक्ति परमात्मा या सत्य की ओर उन्मुख होता है और इस जीवन को व्यर्थ समझने में सक्षम होता है। जब तक हम इस जीवन की सार्थकता को नहीं समझते, तब तक हम प्रभु के जीवन की खोज में नहीं जुट सकते। मैं हमेशा कहता हूं कि इस जीवन के सच्चे अर्थ को जाने बिना, कोई व्यक्ति परमात्मा की आकांक्षा नहीं कर सकता। जो इस जीवन की सच्चाई को समझते हैं, वे जानेंगे कि यह असल में केवल मृत्यु का एक लम्बा क्रम है। हम रोज़ मरते हैं, हम सही मायने में जीते नहीं हैं।

दूसरे चरण में हमने यह विचार किया कि यदि प्यास हो, तो क्या मात्र प्यास हमें ईश्वर की ओर ले जा सकती है?

निश्चित रूप से, प्यास हो सकती है, लेकिन रास्ता गलत हो सकता है। यदि हमारा मार्ग गलत हुआ, तो जीवन के असंतोष और पीड़ा में और वृद्धि होगी। साधक यदि गलत दिशा में चले, तो वे सामान्य व्यक्तियों से भी अधिक दुखी हो सकते हैं। यह हमने दूसरे ‘मार्ग’ के संबंध में सोचा।

मार्ग के बारे में मैंने कहा कि विश्वास भी सही मार्ग नहीं है, क्योंकि विश्वास भी अंधा होता है। इसी तरह, अविश्वास भी मार्ग नहीं है, क्यूंकि वह भी अंधा होता है। नास्तिक और आस्तिक दोनों ही अंधे हैं। जो व्यक्ति पूर्व-धारणाओं से मुक्त हो जाता है, केवल वही परमात्मा की ओर बढ़ सकता है। जो किसी विचार में बंधा है, या किसी धारणा की कैद में हैं, वह परमात्मा तक नहीं पहुंच सकता। केवल वही लोग, जो स्वतंत्र और सरल बनते हैं, सच्चाई को पा सकते हैं।

अब हम तीसरे चरण में ‘द्वार’ के संबंध में विचार करना चाहते हैं।

परमात्मा के जीवन का द्वार क्या है? किस तरह से हम इस द्वार से भीतर जा सकते हैं?

मार्ग सही हो, लेकिन यदि द्वार बंद है, तो हमारे लिए प्रवेश असंभव हो जाता है। प्यास हो, मार्ग हो, लेकिन द्वार बंद हो, तो फिर भी प्रवेश नहीं होता। इसलिए ‘द्वार’ पर खास ध्यान देना होगा।

निश्चित रूप से, जिस द्वार ने हमें परमात्मा से दूर किया है, वही हमें वापस भीतर ले जाएगा। जो दरवाजा हमें इस भवन में लाता है, वही हमें बाहर भी ले जाएगा। द्वार हमेशा एक ही होता है; केवल हमारी दिशा बदलती है। जब हम बाहर निकलते हैं और जब भीतर आते हैं, दोनों ही स्थितियों में द्वार वही रहता है, बस हम कैसे चलते हैं, वह बदल जाता है।

अगर हम यह सोचें कि कौन सी चीज हमें परमात्मा के बाहर ले गई है, तो वही चीज हमें भीतर भी ले जाएगी। – ओशो

Download the Jeevan ki Khoj by Osho PDF using the link given below.

RELATED PDF FILES

जीवन की खोज (Jeevan ki Khoj) by Osho Hindi PDF Download