जर्मनी में नाजीवाद के उदय का कारण Hindi
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नाजीवाद, जर्मनी के तानाशाह एडोल्फ हिटलर की एक विचार धारा थी तथा एडोल्फ हिटलर को नाजीवाद का संस्थापक भी कहा जाता है। नाजीवाद सरकार एवं आम जनता के मध्य एक नए रिश्ते के पक्ष में था जिसकी शुरुआत जर्मनी में हुई थी।
कट्टर जर्मन राष्ट्रवाद, देशप्रेम, विदेशी विरोधी, आर्य एवं जर्मन हित नाजीवाद की विचारधारा के मूल अंग हैं। अर्थात नाजीवाद फासीवाद का एक उग्र रूप है जिसका उद्देश्य राष्ट्रवाद को सर्वोच्चता प्रदान करना है।
जर्मनी में नाजीवाद के उदय के कारण (Causes of Nazism Rise in Germany)
बीसवीं शताब्दी के शुरुआती सालों में जर्मनी एक ताकतवर साम्राज्य हुआ करता था। जर्मनी ने ऑस्ट्रियाई साम्राज्य के साथ मिलकर मित्र रष्ट्रों के विरुद्ध पहला विश्वयुद्ध वर्ष 1914-1918 लड़ा था। विश्व के सभी राष्ट्र किसी न किसी उद्देश्य से इस युद्ध में कूद पड़े परन्तु वे इस बात से परिचित नहीं थे की यह युद्ध संपूर्ण यूरोप को आर्थिक रूप से निचोड़ देगा। प्रथम विश्व युद्ध के तुरंत बाद इस पार्टी की स्थापना हुई जिसका विचार था की जर्मनी ने वर्साय की संधि पर हस्ताक्षर करके बहुत बड़ी गलती कर दी थी।
- नाजी का उत्थान हिटलर के नेतृत्व में हुआ।
- हिटलर का जन्म 20 अप्रैल 1889 ई. को बॉन में हुआ था।
- हिटलर ने नेशनल सोशलिस्ट पार्टी या नाजी दल की स्थापना 1920 ई. में की।
- जर्मनी वर्क्स पार्टी का संस्थापक हिटलर था।
- हिटलर 1933 ई. में जर्मनी का प्रधानमंत्री बना।
- हिटलर जिस समय प्रधानमंत्री बना उस समय जर्मनी का राष्ट्रपति हिंडेनवर्ग था।
- एक राष्ट्र एक नेता का नारा हिटलर ने दिया।
- हिटलर की आत्मकथा का नाम माई केम्फ (मेरा संघर्ष) है।
- हिटलर के समर्थक उसे फ्यूरर कहते थे।
- हिटलर के अनुयायी बांह पर स्वास्तिक का चिन्ह लगाते थे।
- नाजी दल के प्रचार का जिम्मा गोयबल्स संभालता था।
- हिटलर ने गेस्टापो नाम के गुप्तचर पुलिस विभाग का गठन किया।
- एडोल्फ हिटलर के लिए शामी विरोधी नीति का मतलब यहुदी विरोधी नीति था।
- हिटलर की विस्तारवादी नीति का पहला शिकार ऑस्ट्रिया हुआ।
- हिटलर की मृत्यु 30 अप्रैल 1945 ई. हुई थी, उसने आत्महत्या कर ली थी।
- जर्मनी सम्राट कैंसर विलियम द्वितीय ने 10 नवबंर 1918 ई. को अपने पद से इस्तीफा दे दिया।
- हिटलर ने 16 मार्च 1935 ई. में जर्मनी में पुन:शास्त्रीकरण की घोषणा की।
- हिटलर ने 1 सिंतबर 1939 ई. को पोलैंड पर आक्रमण किया।
जर्मनी में नाजीवाद के उदय का मुख्य कारण जर्मनी की आर्थिक मंदी, वाइमर गणतंत्र की असफलता, साम्यवाद का डर, यहूदियों की विरोधी नीति, जर्मनी के संविधान की कमियां और हिटलर का व्यक्तित्व ये सभी कारण थे जिनसे जर्मनी में नाजीवाद का उदय हुआ।
जर्मनी द्वारा वर्साय की संधि पर हस्ताक्षर किए गए। जर्मनी के लिए वर्साय की संधि वास्तव में अन्याय पूर्ण एवं द्वेष से भरी हुई थी। वर्ष 1919 में पेरिस शांति सम्मेलन हुआ जिसमें विभिन्न देशों के मध्य संधि पर हस्ताक्षर किए गए। इन सभी संधियों में वर्साय की संधि सबसे विवादास्पद संधि थी। वर्साय की संधि की शर्तें इतनी अन्यायपूर्ण या कठोर थी कि कई इतिहासकारों ने इसे आरोपित संधि की संज्ञा दी। वर्साय की संधि के माध्यम से जर्मनी पर अनेक मुश्किल से मुश्किल प्रतिबंध लगाए गए। जर्मनी में इस संधि के द्वारा इतना अधिक जुर्माना लगाया गया कि जर्मनी पूरी तरीके से कमजोर पड़ गया। जर्मनी की इस बुरी स्थिति के कारण ही यहाँ नाजीवाद का उदय हुआ।
जर्मनी में नाजीवाद के उदय के लिए हिटलर के आकर्षक कार्यक्रम ने सबसे अधिक योगदान दिया था क्योंकि हिटलर ने अपने कार्यक्रमों में वर्साय की संधि के प्रतिबंधों दूर करना, जर्मनी के सभी राज्यों को मजबूती प्रदान करना तथा प्रथम विश्व युद्ध के बाद जर्मनी के सभी अधिकारों एवं सम्मान को वहां के नागरिकों को वापस लाने का विश्वास दिलाया। हिटलर के इन प्रयासों ने जर्मनी के नागरिकों के ह्रदय में इस नई उम्मीद जाग्रत की और नागरिकों ने हिटलर का समर्थन करते हुए उसके नाजीवाद के सभी कार्यक्रमों में उसका साथ दिया और इस तरह जर्मनी में नाजीवाद का उदय हुआ।
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