अहोई अष्टमी माता की आरती – Ahoi Mata Aarti Hindi

0 People Like This
❴SHARE THIS PDF❵ FacebookX (Twitter)Whatsapp

अहोई अष्टमी माता की आरती – Ahoi Mata Aarti in Hindi

अहोई अष्टमी माता का व्रत करवा चौथ के चार दिन बाद मनाया जाता है। यह व्रत माताएं अपनी संतान के जीवन में हमेशा सुख और समृद्धि बनाए रखने के लिए करती हैं। नि:संतान महिलाएं बच्चे की कामना में अहोई अष्टमी का व्रत रखती हैं। अबोई माता की आरती को पीडीएफ़ प्रारूप में डाउनलोड करने के लिए नीचे दिए गए लिंक का उपयोग कर सकते हैं।

अहोई माता के पूजन में अहोई अष्टमी व्रत कथा को पढ़ना भी बहुत अधिक महत्वपूर्ण होता है। कहा जाता है की किसी भी प्रकार का पूजन व अनुष्ठान बिना आरती किये संपन्न नहीं माना जाता है। अतः पूजन के अंत में सम्बंधित देवी – देवताओं की आरती करना भी अत्यधिक आवश्यक है। आप भी अहोई अष्टमी पूजन के उपरांत अहोई अष्टमी माता की आरती अवश्य करें।

अहोई अष्टमी माता की आरती – Ahoi Mata Aarti in Hindi

जय अहोई माता, जय अहोई माता!
तुमको निसदिन ध्यावत हर विष्णु विधाता। टेक।।

ब्राह्मणी, रुद्राणी, कमला तू ही है जगमाता।
सूर्य-चंद्रमा ध्यावत नारद ऋषि गाता।। जय।।

माता रूप निरंजन सुख-सम्पत्ति दाता।।
जो कोई तुमको ध्यावत नित मंगल पाता।। जय।।

तू ही पाताल बसंती, तू ही है शुभदाता।
कर्म-प्रभाव प्रकाशक जगनिधि से त्राता।। जय।।

जिस घर थारो वासा वाहि में गुण आता।।
कर न सके सोई कर ले मन नहीं धड़काता।। जय।।

तुम बिन सुख न होवे न कोई पुत्र पाता।
खान-पान का वैभव तुम बिन नहीं आता।। जय।।

शुभ गुण सुंदर युक्ता क्षीर निधि जाता।
रतन चतुर्दश तोकू कोई नहीं पाता।। जय।।

श्री अहोई मां की आरती जो कोई गाता।
उर उमंग अति उपजे पाप उतर जाता।।

अहोई माता की कहानी – Ahoi Mata Ki Kahani

प्राचीन काल में एक साहुकार था, जिसके सात बेटे और सात बहुएं थी। इस साहुकार की एक बेटी भी थी जो दीपावली के अवसर पर ससुराल से मायके आई थी I दीपावली पर घर को लीपने के लिए सातों बहुएं मिट्टी लाने जंगल में गई तो ननद भी उनके साथ जंगल की ओर चल पड़ी। साहुकार की बेटी जहां से मिट्टी ले रही थी उसी स्थान पर स्याहु (साही) अपने साथ बेटों से साथ रहती थी। खोदते हुए ग़लती से साहूकार की बेटी ने खुरपी से स्याहू का एक बच्चा मर गया। स्याहू इस पर क्रोधित होकर बोली मैं तुम्हारी कोख बांधूंगी।

स्याहू की यह बातसुनकर साहूकार की बेटी अपनी सातों भाभीयों से एक एक करके विनती करती हैं कि वह उसके बदले अपनी कोख बंधवा लें। सबसे छोटी भाभी ननद के बदले अपनी कोख बंधवाने के लिए तैयार हो जाती है। इसके बाद छोटी भाभी के जो भी बच्चे थे वह सभी सात दिन बाद मर जाते हैं। सात पुत्रों की इस प्रकार मृत्यु होने के बाद उसने पंडित को बुलवाकर इसका कारण पूछा। पंडित ने सुरही गाय की सेवा करने की सलाह दी।

सुरही सेवा से प्रसन्न होती है और उसे स्याहु के पास ले जाती है। रास्ते में थक जाने पर दोनों आराम करने लगते हैं। अचानक साहुकार की छोटी बहू की नज़र एक ओर जाती हैं, वह देखती है कि एक सांप गरूड़ पंखनी के बच्चे को डंसने जा रहा है और वह सांप को मार देती है। इतने में गरूड़ पंखनी वहां आ जाती है और खून बिखरा हुआ देखकर उसे लगता है कि छोटी बहु ने उसके बच्चे के मार दिया है। इस पर वह छोटी बहू को चोंच मारना शुरू कर देती है। छोटी बहू इस पर कहती है कि उसने तो उसके बच्चे की जान बचाई है। गरूड़ पंखनी इस पर खुश होती है और सुरही सहित उन्हें स्याहु के पास पहुंचा देती है।

स्याहु छोटी बहू की सेवा से प्रसन्न होकर उसे सात पुत्र और सात बहुएं होने का अशीर्वाद देती है। स्याहु के आशीर्वाद से छोटी बहु का घर पुत्र और पुत्र की वधुओं से हरा भरा हो जाता है। अहोई अष्टमी का अर्थ एक प्रकार से यह भी होता है “अनहोनी को होनी बनाना” जैसे साहुकार की छोटी बहू ने कर दिखाया था।

आप नीचे दिए गए लिंक का उपयोग करके अहोई अष्टमी माता की आरती | Ahoi Mata Aarti in hindi PDF में डाउनलोड कर सकते हैं।

Also Check

PDF's Related to अहोई अष्टमी माता की आरती – Ahoi Mata Aarti

अहोई अष्टमी माता की आरती – Ahoi Mata Aarti PDF Download Free

SEE PDF PREVIEW ❏

REPORT THISIf the download link of अहोई अष्टमी माता की आरती – Ahoi Mata Aarti PDF is not working or you feel any other problem with it, please REPORT IT on the download page by selecting the appropriate action such as copyright material / promotion content / link is broken etc. If अहोई अष्टमी माता की आरती – Ahoi Mata Aarti is a copyright material we will not be providing its PDF or any source for downloading at any cost.

RELATED PDF FILES

Exit mobile version